बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में श्रीनिवासन
नयी
दिल्ली: बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन अपने पद पर फिर से बहाली
को लेकर कोर्ट की शरण में पहुंच गये हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से
अनुरोध किया कि उन्हें भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर फिर
से बहाल किया जाये.श्रीनिवासन ने न्यायालय में दाखिल अपनी अर्जी में दावा
किया है कि आईपीएल-6 प्रकरण में न्यायमूर्ति मुकल मुद्गल समिति की रिपोर्ट
में उनके खिलाफ आपत्तिजनक कुछ नहीं है. इसी के साथ, इंडिया सीमेन्ट्स ने भी
न्यायालय से कंपनी के खिलाफ ऐसा कोई भी प्रतिकूल आदेश नहीं देने का अनुरोध
किया है जिससे चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी रद्द होने की नौबत आ
जाये. श्रीनिवासन इस कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं.
श्रीनिवासन, जिन्होंने समिति की अंतिम रिपोर्ट पर एक हलफनामे में अपनी आपत्तियां दाखिल की हैं, ने कहा है कि उनका मानना है कि रिपोर्ट के निष्कर्ष में उनके खिलाफ लगाये गये सारे आरोपों के प्रति उनके इस नजरिये को सही ठहराया है कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप ह्यपूरी तरह झूठे, निराधार और दुर्भावना से प्रेरित थे.
बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष ने समिति के इस निष्कर्ष को चुनौती दी है कि उन्होंने तथा बोर्ड के चार अन्य अधिकारियों ने व्यक्ति-3 (खिलाडी) के कदाचार की जानकारी होने के बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा है कि तत्कालीन अध्यक्ष ने इस मसले पर गौर किया था और कोई कार्रवाई नहीं करने के लिये उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
श्रीनिवासन ने कहा कि उन्हें सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग या जांच प्रभावित करने के आरोपों से बरी कर दिया गया है. रिपोर्ट में व्यक्ति-3 से संबंधित मामूली घटना के बारे में टिप्पणी की गयी है जो आपत्तिजनक नहीं है. उन्होंने न्यायालय से अनुरोध कया है कि उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष का पद ग्रहण करने की अनुमति दी जाये जिससे वह लगभग एक साल से अलग हैं.
चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक इंडिया सीमेन्ट्स ने एक अलग हलफनामे में दलील दी है कि श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन, जिन्हें रिपोर्ट में दोषी ठहराया गया है, किसी भी तरह से कंपनी से संबद्ध नहीं है. इस कंपनी ने अनुरोध किया है कि इंडिया सीमेन्ट्स के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल आदेश के सिर्फ चेन्नई सुपर किंग्स के लिये ही नहीं बल्कि समूची लीग, क्रिकेट खिलाडियों और आईपीएल से जुडे लोगों पर भी हानिकारक प्रभाव डालेगा.
श्रीनिवासन, जिन्होंने समिति की अंतिम रिपोर्ट पर एक हलफनामे में अपनी आपत्तियां दाखिल की हैं, ने कहा है कि उनका मानना है कि रिपोर्ट के निष्कर्ष में उनके खिलाफ लगाये गये सारे आरोपों के प्रति उनके इस नजरिये को सही ठहराया है कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप ह्यपूरी तरह झूठे, निराधार और दुर्भावना से प्रेरित थे.
बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष ने समिति के इस निष्कर्ष को चुनौती दी है कि उन्होंने तथा बोर्ड के चार अन्य अधिकारियों ने व्यक्ति-3 (खिलाडी) के कदाचार की जानकारी होने के बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा है कि तत्कालीन अध्यक्ष ने इस मसले पर गौर किया था और कोई कार्रवाई नहीं करने के लिये उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
श्रीनिवासन ने कहा कि उन्हें सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग या जांच प्रभावित करने के आरोपों से बरी कर दिया गया है. रिपोर्ट में व्यक्ति-3 से संबंधित मामूली घटना के बारे में टिप्पणी की गयी है जो आपत्तिजनक नहीं है. उन्होंने न्यायालय से अनुरोध कया है कि उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष का पद ग्रहण करने की अनुमति दी जाये जिससे वह लगभग एक साल से अलग हैं.
चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक इंडिया सीमेन्ट्स ने एक अलग हलफनामे में दलील दी है कि श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन, जिन्हें रिपोर्ट में दोषी ठहराया गया है, किसी भी तरह से कंपनी से संबद्ध नहीं है. इस कंपनी ने अनुरोध किया है कि इंडिया सीमेन्ट्स के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल आदेश के सिर्फ चेन्नई सुपर किंग्स के लिये ही नहीं बल्कि समूची लीग, क्रिकेट खिलाडियों और आईपीएल से जुडे लोगों पर भी हानिकारक प्रभाव डालेगा.
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