नामांकन भरने के बाद बोले उमर, ‘गंदेरबल से भागा नहीं हूं’
बीरवाह : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को बीरवाह विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र भरा. इस दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टी के हजारों समर्थकों ने विशाल रोड शो भी निकाला. उमर इस बार दो विधानसभा क्षेत्रों बीरवाह और सोनावर से चुनाव लड़ रहे हैं. अपना नामांकन पत्र भरने के बाद, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख उमर ने कहा कि वे अब्दुल्ला परिवार के गढ़ माने जाने वाले गंदेरबल से भागे नहीं हैं. उमर फिलहाल गंदेरबल सीट से ही विधायक हैं.
उन्होंने कश्मीर घाटी के बडगाम जिले के बीरवाह शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं गंदेरबल से भागा नहीं हूं. मैंने गंदेरबल में काम किया है और (क्षेत्र में) शायद ही ऐसा कोई गांव हो जहां मैंने काम नहीं किया.’ उमर ने साथ ही बीजेपी से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा. बीजेपी इसे हटाने पर राज्य के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरह की बातें कर रही है.
उमर ने संवाददाताओं से कहा, ‘बीजेपी खुद ही अलग-अलग सुर में बात कर रही है. जम्मू में, वे अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की बात करते हैं जबकि घाटी में वे कहते हैं कि अगर लोग चाहते हैं तो यह (संविधान में) बना रहेगा.’ नारबल से बीरवाह तक के करीब 20 किलोमीटर के रास्ते के दोनों ओर नेशनल कांफ्रेंस के लाल और सफेद रंग के झंडे लहरा रहे थे. इस सीट पर विधानसभा चुनावों के तीसरे चरण के तहत नौ दिसंबर को मतदान होना है. उमर ने सुरक्षा प्रोटोकाल तोड़कर उत्साही समर्थकों से मुलाकात की. उमर के सुरक्षाकर्मियों को उस समय थोड़ी मुश्किल हुई जब मुख्यमंत्री के समर्थकों ने इस अवसर पर अपने नेता के साथ कुछ ‘सेल्फी’ खीचीं.
नामांकन पत्र भरने के बाद, समर्थकों ने नेशनल कांफ्रेंस के अपने नेता को उनके वाहन में सवार होने नहीं दिया और उनसे बीरवाह बस स्टैंड तक पैदल चलने का अनुरोध किया, जहां उमर को एक जनसभा को संबोधित करना था. उमर ने खुशी-खुशी उनकी बात मानी ली और सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया कि वे लोगों को उनके पास तक आने से नहीं रोकें. सर्दियों का कश्मीर का पारंपरिक गाउन पहने उमर ने बारामूला जिले के पातन क्षेत्र के निहालपोरा में एक स्थानीय दरगाह में जियारत की. उमर के जुलूस के आगे और पीछे सैकड़ों ट्रक, बस, कार, ऑटोरिक्शा और मोटरसाइकिल का कारवां चल रहा था. उमर और नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन में नारे लगाते हुए कार्यकता खुशी में झूम उठे. इन कार्यकर्ताओं में महिलाएं भी शामिल थीं.
उमर ने एक जनसभा में कहा कि वह धोखे की राजनीति नहीं करते और मूलभूत जरूरतों व राज्य में आतंकवाद का असर कम करने के लिए जनता का समर्थन मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं धोखे की सियासत नहीं करता. यह वोट सड़कों, स्कूलों और आतंकवाद का असर कम करने के लिए है. हमने इसके लिए बीते छह सालों में काम किया है.’
उन्होंने कश्मीर घाटी के बडगाम जिले के बीरवाह शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं गंदेरबल से भागा नहीं हूं. मैंने गंदेरबल में काम किया है और (क्षेत्र में) शायद ही ऐसा कोई गांव हो जहां मैंने काम नहीं किया.’ उमर ने साथ ही बीजेपी से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा. बीजेपी इसे हटाने पर राज्य के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरह की बातें कर रही है.
उमर ने संवाददाताओं से कहा, ‘बीजेपी खुद ही अलग-अलग सुर में बात कर रही है. जम्मू में, वे अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की बात करते हैं जबकि घाटी में वे कहते हैं कि अगर लोग चाहते हैं तो यह (संविधान में) बना रहेगा.’ नारबल से बीरवाह तक के करीब 20 किलोमीटर के रास्ते के दोनों ओर नेशनल कांफ्रेंस के लाल और सफेद रंग के झंडे लहरा रहे थे. इस सीट पर विधानसभा चुनावों के तीसरे चरण के तहत नौ दिसंबर को मतदान होना है. उमर ने सुरक्षा प्रोटोकाल तोड़कर उत्साही समर्थकों से मुलाकात की. उमर के सुरक्षाकर्मियों को उस समय थोड़ी मुश्किल हुई जब मुख्यमंत्री के समर्थकों ने इस अवसर पर अपने नेता के साथ कुछ ‘सेल्फी’ खीचीं.
नामांकन पत्र भरने के बाद, समर्थकों ने नेशनल कांफ्रेंस के अपने नेता को उनके वाहन में सवार होने नहीं दिया और उनसे बीरवाह बस स्टैंड तक पैदल चलने का अनुरोध किया, जहां उमर को एक जनसभा को संबोधित करना था. उमर ने खुशी-खुशी उनकी बात मानी ली और सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया कि वे लोगों को उनके पास तक आने से नहीं रोकें. सर्दियों का कश्मीर का पारंपरिक गाउन पहने उमर ने बारामूला जिले के पातन क्षेत्र के निहालपोरा में एक स्थानीय दरगाह में जियारत की. उमर के जुलूस के आगे और पीछे सैकड़ों ट्रक, बस, कार, ऑटोरिक्शा और मोटरसाइकिल का कारवां चल रहा था. उमर और नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन में नारे लगाते हुए कार्यकता खुशी में झूम उठे. इन कार्यकर्ताओं में महिलाएं भी शामिल थीं.
उमर ने एक जनसभा में कहा कि वह धोखे की राजनीति नहीं करते और मूलभूत जरूरतों व राज्य में आतंकवाद का असर कम करने के लिए जनता का समर्थन मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं धोखे की सियासत नहीं करता. यह वोट सड़कों, स्कूलों और आतंकवाद का असर कम करने के लिए है. हमने इसके लिए बीते छह सालों में काम किया है.’
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