पड़ोसियों के साथ करीबी रिश्ते हैं शीर्ष प्राथमिकता: PM मोदी
नई दिल्ली : दक्षेस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए नेपाल यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि पड़ोसियों के साथ करीबी रिश्ते विकसित करना उनकी सरकार की एक प्रमुख प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री को दक्षेस सम्मेलन से इतर दक्षिण एशियाई राष्ट्रों एवं सरकारों के अन्य प्रमुखों के साथ वार्ताएं करने का इंतजार है।
प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक कार्यक्रम में उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से उनकी बैठक का कोई जिक्र नहीं है। वह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। मोदी 26-27 नवंबर को आयोजित होने वाले 18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस दौरान संपर्क एवं विकास सहयोग के कुछ ठोस समझौतों को अंतिम रूप दिया जा सकेगा।
रवाना होते समय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, हालांकि यह मेरा पहला दक्षेस शिखर सम्मेलन है, पिछले छह माह में मैंने दक्षेस देशों के नेताओं के साथ व्यापक पैमाने पर संवाद किया है, जिसकी शुरूआत मेरे शपथ-ग्रहण समारोह में उनकी शुभ उपस्थिति के साथ हुई। पड़ोसियों के साथ करीबी संबंध विकसित करना मेरी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु शांति एवं समृद्धि के लिए गहरा क्षेत्रीय एकीकरण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि दक्षिणी एशियाई क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत ने हमेशा से ही सभी स्तरों पर अधिक क्षेत्रीय एकीकरण के महत्व पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा, हमने इस संदर्भ में द्विपक्षीय, उप-क्षेत्रीय और क्षेत्रीय आधार पर कई कदम उठाए हैं और हम इसे जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन से कई ठोस नतीजे निकलकर आएंगे। खासकर संपर्क बढ़ाने की विभिन्न पहलों के संदर्भ में, जो लंबे समय से चर्चा का विषय हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें दक्षेस शिखर सम्मेलन से इतर अन्य दक्षिण एशियाई राष्ट्रों एवं सरकारों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय चर्चाएं करने का इंतजार है।
उन्होंने कहा, चार माह के भीतर यह मेरी दूसरी नेपाल यात्रा है। यह दर्शाती है कि हम नेपाल के साथ अपने अनोखे और विशिष्ट संबंधों को कितना महत्व देते हैं। अगस्त 2014 में मेरी नेपाल यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों के क्रियांवयन में काफी प्रगति हुई है। मुझे प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और अन्य नेपाली नेताओं के साथ मिलकर हमारे संबंधों की प्रगति की समीक्षा का इंतजार है।
प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक कार्यक्रम में उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से उनकी बैठक का कोई जिक्र नहीं है। वह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। मोदी 26-27 नवंबर को आयोजित होने वाले 18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस दौरान संपर्क एवं विकास सहयोग के कुछ ठोस समझौतों को अंतिम रूप दिया जा सकेगा।
रवाना होते समय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, हालांकि यह मेरा पहला दक्षेस शिखर सम्मेलन है, पिछले छह माह में मैंने दक्षेस देशों के नेताओं के साथ व्यापक पैमाने पर संवाद किया है, जिसकी शुरूआत मेरे शपथ-ग्रहण समारोह में उनकी शुभ उपस्थिति के साथ हुई। पड़ोसियों के साथ करीबी संबंध विकसित करना मेरी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु शांति एवं समृद्धि के लिए गहरा क्षेत्रीय एकीकरण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि दक्षिणी एशियाई क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत ने हमेशा से ही सभी स्तरों पर अधिक क्षेत्रीय एकीकरण के महत्व पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा, हमने इस संदर्भ में द्विपक्षीय, उप-क्षेत्रीय और क्षेत्रीय आधार पर कई कदम उठाए हैं और हम इसे जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन से कई ठोस नतीजे निकलकर आएंगे। खासकर संपर्क बढ़ाने की विभिन्न पहलों के संदर्भ में, जो लंबे समय से चर्चा का विषय हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें दक्षेस शिखर सम्मेलन से इतर अन्य दक्षिण एशियाई राष्ट्रों एवं सरकारों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय चर्चाएं करने का इंतजार है।
उन्होंने कहा, चार माह के भीतर यह मेरी दूसरी नेपाल यात्रा है। यह दर्शाती है कि हम नेपाल के साथ अपने अनोखे और विशिष्ट संबंधों को कितना महत्व देते हैं। अगस्त 2014 में मेरी नेपाल यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों के क्रियांवयन में काफी प्रगति हुई है। मुझे प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और अन्य नेपाली नेताओं के साथ मिलकर हमारे संबंधों की प्रगति की समीक्षा का इंतजार है।
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