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प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं से नई ऊंचाई पर विदेश नीति : सुषमा

नई दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश दौरे से विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक सुरक्षित एवं स्थायी वातावरण बनाने में मदद मिली है, साथ ही इससे हमें आर्थिक विकास, निवेश को बढ़ावा देने, रोजगार के नये अवसर सृजित करने और हमारे लोगों के जीवन में सुधार लाने के मिशन को हासिल करने में भी सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाल के विदेश दौरों के संबंध में आज लोकसभा में दिये अपने बयान में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आज जब विश्व अनिश्चतता और अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की नयी सरकार ने विश्व में नयी उर्जा का संचार किया है और उनके नेतृत्व में तीव्र विकास, विश्व शांति, स्थिरता, स्थायित्व के लिए भारत के व्यापक, असरदार और सार्थक योगदान के प्रति नयी आशा उत्पन्न हुई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा एक ऐसी विदेशी नीति पर बल दिया है जो आगे बढ़कर विश्व मामलों में सक्रियता दिखाने वाली हो, अभिनव प्रयोगों से युक्त हो और जो हमारी सरकार के आर्थिक विकास के प्राथमिक उद्देश्यों से संबद्ध हो।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री ने विश्व में भारत की भूमिका और स्थान को लेकर एक स्पष्ट दृष्टि रखी जिसमें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नाते विश्व नेतृत्व को ग्रहण करने की हमारी स्वीकार्यता भी शामिल है। हमने वादों को कार्यवाही में, अवसरों को परिणामों में बदला है। हमने उन संबंधों को पुनर्जीवित किया है जो लम्बे समय से उपेक्षित थे। हमने अपने सुरक्षा हितों को खुलकर व्यक्त किया और जोरदार ढंग से उनकी रक्षा की।’

सुषमा ने कहा, ‘पूंजी, प्रौद्योगिकी, संसाधन, उर्जा, बाजार और दक्षता के लिए भारत को आज एक सुरक्षित परिवेश, शांतिपूर्ण पड़ोस, स्थायित्वपूर्ण विश्व और एक खुली एवं मजबूत विश्व व्यापार व्यवस्था की आश्वयकता है। भारत की विदेश नीति ने नए मुकाम हासिल किये हैं और नयी उंचाइयों को छुआ है। हमारे इन प्रयासों को विश्व में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विदेशों में बसे भारतीय समुदाय तक, उस स्तर तक पहुंच बनाने की ओर विशेष ध्यान दिया। विदेशों में स्थित भारतीय समुदाय द्वारा पीआईओ और ओसीआई कार्डो पर हमारे निर्णयों को व्यापक रूप से सराहा गया। आज भारतीय समुदाय अपने आप को भारत से जुड़ा महसूस करता है।

सुषमा ने कहा कि संसद के पिछले सत्र के बाद प्रधानमंत्री ने जापान, अमेरिका, म्यामांर, आस्ट्रेलिया, फिजी, और नेपाल की यात्रा की और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी हिस्सा लिया। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत की यात्रा की। पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री ने विश्व के 45 अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात की, साथ ही भारत-आसियान, जी-20 और दक्षेस शिखर वार्ताओं में हिस्सा लिया।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘ ये सभी शिखर वार्ताएं हमारे क्षेत्र, एशिया और विश्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ’ उन्होंने कहा, ‘ हमारे विदेश संबंध मात्र गौरव के प्रतीक ही नहीं है बल्कि यह परिणामों की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। हम जापान के साथ अपने संबंधों को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक ले गए। चीन के साथ बकाया मुद्दों पर ध्यान देते हुए हमने संबंधों को और प्रगाढ़ किया। अमेरिका के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को गति प्रदान की। आस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को नयी दिशा देते हुए हिचकिचाहट भरी ‘लुक ईस्ट’ नीति को हमने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में तब्दील किया।’

सुषमा ने कहा, ‘पूंजी, प्रौद्योगिकी, संसाधन, उर्जा, बाजार और दक्षता के लिए भारत को आज एक सुरक्षित परिवेश, शांतिपूर्ण पड़ोस, स्थायित्वपूर्ण विश्व और एक खुली एवं मजबूत विश्व व्यापार व्यवस्था की आश्वयकता है। भारत की विदेश नीति ने नए मुकाम हासिल किये हैं और नयी उंचाइयों को छुआ है। हमारे इन प्रयासों को विश्व में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विदेशों में बसे भारतीय समुदाय तक, उस स्तर तक पहुंच बनाने की ओर विशेष ध्यान दिया। विदेशों में स्थित भारतीय समुदाय द्वारा पीआईओ और ओसीआई कार्डो पर हमारे निर्णयों को व्यापक रूप से सराहा गया। आज भारतीय समुदाय अपने आप को भारत से जुड़ा महसूस करता है।

सुषमा ने कहा कि संसद के पिछले सत्र के बाद प्रधानमंत्री ने जापान, अमेरिका, म्यामांर, आस्ट्रेलिया, फिजी, और नेपाल की यात्रा की और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी हिस्सा लिया। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत की यात्रा की। पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री ने विश्व के 45 अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात की, साथ ही भारत.आसियान, जी20 और दक्षेस शिखर वार्ताओं में हिस्सा लिया।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘ ये सभी शिखर वार्ताएं हमारे क्षेत्र, एशिया और विश्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ’ उन्होंने कहा, ‘ हमारे विदेश संबंध मात्र गौरव के प्रतीक ही नहीं है बल्कि यह परिणामों की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। हम जापान के साथ अपने संबंधों को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक ले गए। चीन के साथ बकाया मुद्दों पर ध्यान देते हुए हमने संबंधों को और प्रगाढ़ किया। अमेरिका के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को गति प्रदान की। आस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को नयी दिशा देते हुए हिचकिचाहट भरी ‘लुक ईस्ट’ नीति को हमने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में तब्दील किया।’

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