सरकार ‘मेक इन इंडिया’पहल को सुगम बनाने के लिए उठायेगी कदम
नई दिल्ली। सरकार ‘मेक इन इंडिया’ पहल के एक हिस्से के रूप में व्यवसाय कार्य को सुगम बनाने के लिए और अधिक कदम उठायेगी। ‘क्षेत्रवार परिपेक्ष्य एवं पहलः मेक इन इंडिया के लिए निवेश प्रोत्साहन के लिए सक्षमकारी संरचना का निर्माण’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश में निवेश अनुकूल माहौल को सुगम बनाने के लिए पिछले सात महीनों के दौरान कई कदम उठाए गए है। बहरहाल, विनिर्माण अब भी एक चुनौती बनी हुई है। देश के युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण विकास की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने देश में व्यवसाय कार्य को सुगम बनाने के लिए उठाए गए कई कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ‘‘प्रवेश बिंदु को सरल बनाया जाना चाहिए, प्रारंभिक बाधाओं को कम तथा दूर किया जाना चाहिए और प्रवेश के बाद सक्षमकारी माहौल का सृजन किया जाना चाहिए’’। वित्त मंत्री ने विवाद समाधान तंत्र को विवेकपूर्ण बनाने की जरूरत पर बल दिया। यह गौर करते हुए कि विनिर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता को एक जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। श्री जेटली ने ऐसी बाधाओं को दूर करने की योजना और यह सुनिश्चित करने कि ‘हमारी व्यवस्था प्रतिस्पर्धी हो’ पर चर्चा की।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय कार्यशाला को एक अनूठी पहल करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘हाल के दिनों में इतने बड़े पैमाने पर ऐसी कोई कोशिश नहीं की गई है। इस राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्देश्य उद्योग और सरकार को एक ही मंच पर लाना है’। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हाल की पहलों के परिणामों पर तथा उन नये कदमों पर भी, जिन्हें ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत बनाने के लिए उठाये जाने की जरूरत है, विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग और वाणिज्य विभाग दोनों ने ही लालफीताशाही को कम करने के लिए, नियमों को सरल बनाने और व्यवसाय माहौल को लाइसेंस मुक्त रखने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
एक दिवसीय कार्यशाला के एक हिस्से के रूप में 18 सत्रों का आयोजन किया जा रहा है जिनमें भारत सरकार और सभी राज्यों के तहत 25 मंत्रालय ‘मेक इन इंडिया’ पहल को सफल बनाने के लिए अल्पकालिक और मध्यकालिक अवधि में एक रूपरेखा तैयार करने के लिए पेशेवर तरीके से एक साथ आकर समन्वय और संघटन कर रहे हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय कार्यशाला को एक अनूठी पहल करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘हाल के दिनों में इतने बड़े पैमाने पर ऐसी कोई कोशिश नहीं की गई है। इस राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्देश्य उद्योग और सरकार को एक ही मंच पर लाना है’। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हाल की पहलों के परिणामों पर तथा उन नये कदमों पर भी, जिन्हें ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत बनाने के लिए उठाये जाने की जरूरत है, विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग और वाणिज्य विभाग दोनों ने ही लालफीताशाही को कम करने के लिए, नियमों को सरल बनाने और व्यवसाय माहौल को लाइसेंस मुक्त रखने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
एक दिवसीय कार्यशाला के एक हिस्से के रूप में 18 सत्रों का आयोजन किया जा रहा है जिनमें भारत सरकार और सभी राज्यों के तहत 25 मंत्रालय ‘मेक इन इंडिया’ पहल को सफल बनाने के लिए अल्पकालिक और मध्यकालिक अवधि में एक रूपरेखा तैयार करने के लिए पेशेवर तरीके से एक साथ आकर समन्वय और संघटन कर रहे हैं।
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