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बिहार विधानसभा मतगणना : रुझानों में बीजेपी गठबंधन बहुमत की ओर

पटना: बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना के रुझानों में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए तेजी से बहुमत की ओर अग्रसर है। 155 सीटों के रुझानों में बीजेपी गठबंधन 90 सीटों पर जबकि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस का महागठबंधन 60 सीटों पर आगे है। पांच सीटों पर अन्य उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। मौजूदा रुझानों के मुताबिक बीजेपी गठबंधन को 28 सीटों का फायदा हो रहा है, जबकि नीतीश कुमार के गठबंधन को 29 सीटों का नुकसान हो रहा है।

बीजेपी खेमेे में जश्न
पटना में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है। पार्टी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के लोगों को जिन्होंने 'बाहरी' बताया, वे सत्ता से बाहर हो रहे हैं और पहली बार आजादी के बाद बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा।

एनडीए के घटक 'हम' के नेता जीतन राम मांझी मखदूमपुर से और एलजेपी के पशुपति कुमार पारस अलौली सीट पर आगे चल रहे हैं। बीजेपी नेता नंदकिशोर यादव आगे चल रहे हैं। आरजेडी के तेजस्वी यादव राघोपुर सीट पर आगे चल रहे हैं। तारापुर से 'हम' के शकुनी चौधरी, झंझारपुर से बीजेपी के नीतीश मिश्रा आगे हैं। कांग्रेस के सदानंद सिंह कहलगांव से आगे चल रहे हैं। अलीनगर सीट से आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी पीछे चल रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि 62,780 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में डाले गए मतों की गणना की प्रक्रिया के लिए पटना और अन्य जिलों में 14,580 अधिकारी ड्यूटी पर हैं। दिन में ही 272 महिलाओं सहित 3450 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। बिहार में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में 12 अक्टूबर से शुरू हो कर 5 नवंबर तक चला था।

एक्जिट पोल के नतीजों ने बढ़ा दिया सस्पेंस
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में मतदान के बाद आ रहे तमाम एक्जिट पोल के नतीजों के कारण परिस्थितियां और रोचक हो गईं। करीब एक महीने लंबे चले बिहार विधानसभा चुनाव को चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ‘सभी चुनाव की मां’ करार दिया था। इस पर देश की पैनी नजर रही। यह देश में राजनीतिक बदलाव की क्षमता रखता है।

मोदी के साथ शाह की साख भी दांव पर
इस चुनाव में भाजपा नीत राजग के चेहरे के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेश किए जाने तथा इस दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के स्वयं चुनाव प्रबंधन की कमान संभाले के कारण यह दोनों की प्रतिष्ठा और साख का सवाल है। दूसरी ओर पिछले लोकसभा चुनाव में करारी पराजय झेल चुके धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के चेहरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी लालू प्रसाद के आस्तित्व के लिए इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मेल-मुलाकात में लगे रहे नीतीश और लालू
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को पूरे दिन सात सकुर्लर रोड पर स्थित अपने सरकारी बंगले में मौजूद रहे। मुख्यमंत्री आवास से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नीतीश को शनिवार को अपने आवास पर कुछ लोगों से मुलाकात के अलावा अन्य किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना था। उधर, राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी शनिवार को अपने आवास पर ही रहे और पार्टी कार्यकर्ताओं तथा नेताओं से मिलते रहे।

सर्वेक्षणों में कांटे की टक्कर
बिहार विधानसभा के पांच चरणों में हुए चुनाव के तहत पांच नवंबर को अंतिम चरण के मतदान के बाद दिखाए गए सर्वेक्षणों (एक्जिट पोल) में से अधिकतर में जदयू-राजद-कांग्रेस के महागठबंधन और भाजपा नीत राजग के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना व्यक्त की गई। हालांकि चाणक्य के सर्वेक्षण में बीजेपी नीत एनडीए को भारी बहुमत मिलने की संभावना जताई गई थी। इस सर्वेक्षण के अनुसार एनडीए को 155 सीटें (11 सीटें कम या ज्यादा) मिलने की संभावना व्यक्त की गई, जबकि जेडीयू नीत गठबंधन को 83 सीटें (नौ सीटें कम या ज्यादा) मिलने का अनुमान जताया गया।

टाइम्स नाउ और सी-वोटर के सर्वेक्षण में 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन को 122 सीटें मिलने की संभावना जताई गई। वहीं न्यूज एक्स ने इसे 130 से 140 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया। दोनों टीवी चैनलों ने बीजेपी नीत गठबंधन को कमश: 111 तथा 90 से 100 सीटें मिलने की बात कही। इंडिया टुडे-सिसेरा एक्जिट पोल ने एनडीए को 113 से 127 सीटें मिलने की संभावना जताई। इस सर्वेक्षण में जेडीयू नीत गठबंधन को 111 से 123 सीटें मिलने की बात कही गई।

इंडिया टीवी ने जेडीयू गठबंधन को 112 से 132 सीटें मिलने की संभावना जताई, जबकि एनडीए को 101 से 121 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया। एबीपी-निलसन के चुनावी सर्वेक्षण में महागठबंधन को 130 सीटें, एनडीए को 108 तथा अन्य को पांच सीटें मिलने की संभावना जताई गई। न्यूज नेशन चैनल ने नीतीश कुमार नीत महागठबंधन को 120 से 124 सीटें यानी साधारण बहुमत मिलने की संभावना जताई। इस सर्वेक्षण में उनके प्रतिद्वंद्वी गठबंधन को 115 से 119 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया।

एनडीटीवी चैनल पर शुक्रवार को दिखाए गए एक एक्जिट पोल में बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत गठबंधन की जीत का अनुमान लगाते हुए 243 सदस्यीय विधानसभा में 120 से 130 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की गई। विरोधी महागठबंधन को 105 से 115 के बीच सीटें मिलने का बात कही गई।

मतदाताओं ने बना दिया नया रिकॉर्ड
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 की खासियत यह रही कि इसमें अब तक के सर्वाधिक 56.94 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो कि वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव (52.65 प्रतिशत) तथा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव (55.38 प्रतिशत) की तुलना में अधिक है।

प्रतिद्वंदी बनकर आमने-सामने आए पुराने साथी
निवर्तमान विधानसभा के लिए 2010 में हुए चुनाव में जेडीयू और बीजेपी ने साथ-साथ चुनाव लड़ा था और जेडीयू को 115 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 91 सीटें मिली थीं। उस चुनाव में आरजेडी को 22 और कांग्रेस को चार सीटों पर कामयाबी मिली थी। जेडीयू-बीजेपी गठबंधन 2013 में टूट गया जब नीतीश कुमार ने घोषणा की कि 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नरेंद्र मोदी को बनाए जाने के बीजेपी के फैसले को लेकर उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो रही है।

संसदीय चुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी रहा
पिछले साल हुए संसदीय चुनाव में बीजेपी को 40 में से 22 सीटें मिली थीं जबकि उसके सहयोगी दलों को नौ सीटें मिली थीं। आरजेडी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और उसे क्रमश: चार एवं दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को भी दो सीटें मिली थीं जबकि एक सीट एनसीपी को मिली थी। बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में बीजेपी अपने सहयोगी दलों लोजपा, रालोसपा एवं हम सेक्युलर के साथ है। प्रदेश में सत्तासीन जेडीयू ने आरजेडी एवं कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा। भाकपा पांच अन्य वामदलों माकपा, भाकपा माले, फारवर्ड ब्लॉक, एसयूसीआई (सी) एवं आरएसपी के साथ चुनाव मैदान में है। मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी शरद पवार की पार्टी राकांपा सहित चार अन्य दलों, जिसमें मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी भी शामिल थी, के साथ तीसरा मोर्चा बनाकर इस बार चुनावी मैदान में उतरी थी पर बाद में तीसरा मोर्चा बिखर गया।

सबसे अधिक प्रत्याशी भाजपा के
एनडीए में बीजेपी ने जहां 158 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, वहीं उसके अन्य सहयोगी दलों लोजपा, रालोसपा और हम सेक्युलर ने क्रमश: 41, 23 और 21 पर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे। धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में जेडीयू और आरजेडी ने 101-101 सीटों पर तथा कांग्रेस ने 41 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे।

ओवैसी के असर का परीक्षण
बिहार विधानसभा चुनाव में हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की लोकप्रियता भी परखी जाएगी क्योंकि आखिरी चरण में गत पांच नवंबर को हुए मतदान में उनकी पार्टी ने मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके, जहां 45 से 70 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, में पहली बार छह उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। अपने बलबूते बिहार में चुनाव लड़ रही महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सरकार में शामिल पार्टी शिवसेना ने भी करीब 150 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं।

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