स्कॉर्पीन पनडुब्बी का डेटा डिस्क सौंपेगा व्हिस्लब्लोवर ऑस्ट्रेलियाई सरकार को
नयी
दिल्ली: स्कॉर्पिन दस्तावेज लीक मामले का ‘व्हिस्लब्लोवर’ हजारों पृष्ठों
के डेटा का डिस्क सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई सरकार को सौंपेगा। समाचार पत्र ‘द
ऑस्ट्रेलियन’ ने आज यह जानकारी दी। अखबार के अनुसार इस अनाम व्हिस्लब्लोवर
की पहचान से ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी पहले ही अवगत हैं।
इस समाचार पत्र के सप्ताहांत संस्करण में छपी खबर में कहा गया है कि सोमवार को जब उसने अपनी खबर को लेकर फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस से लीक के बारे में टिप्पणी के लिए संपर्क किया तब तक इस बारे में भारत और फ्रांस के पास कोई जानकारी नहीं थी। ‘द आस्ट्रेलियन’ ने कहा कि व्हिस्लब्लोवर चाहता है कि ऑस्ट्रेलिया को यह पता चले कि उसका भविष्य का पनडुब्बी साझेदार फ्रांस पहले ही भारत की नयी पनडुब्बियों से जुड़े गोपनीय डेटा पर अपना नियंत्रण खो चुका है।
इसके अनुसार इस व्हिस्लब्लोवर ने उम्मीद जताई है कि इस पूरे मामले के बाद ऑस्ट्रेलिया की टर्नबुल सरकार और डीसीएनस यह सुनिश्चित करेंगे कि ऑस्ट्रेलिया का 50 अरब डॉलर की पनुडुब्बी परियोजना को भी इस तरह के भविष्य का सामना नहीं करना पड़ा। अखबार ने कहा, ‘उसने कोई कानून नहीं तोड़ा है और अधिकारियों को पता है कि यह कौन व्यक्ति है। उसने सोमवार को यह डिस्क सरकार के सुपुर्द करने की योजना बनाई है।’ ऑस्ट्रेलियाई समाचार पत्र ने कहा कि लीक के पीछे की कहानी जासूसी से ज्यादा अक्षमता के बारे में है। इस अखबारों को सूत्रों ने बताया कि ये डेटा 2011 में पेरिस में डीसीएनएस से मिले थे।
इस समाचार पत्र के सप्ताहांत संस्करण में छपी खबर में कहा गया है कि सोमवार को जब उसने अपनी खबर को लेकर फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस से लीक के बारे में टिप्पणी के लिए संपर्क किया तब तक इस बारे में भारत और फ्रांस के पास कोई जानकारी नहीं थी। ‘द आस्ट्रेलियन’ ने कहा कि व्हिस्लब्लोवर चाहता है कि ऑस्ट्रेलिया को यह पता चले कि उसका भविष्य का पनडुब्बी साझेदार फ्रांस पहले ही भारत की नयी पनडुब्बियों से जुड़े गोपनीय डेटा पर अपना नियंत्रण खो चुका है।
इसके अनुसार इस व्हिस्लब्लोवर ने उम्मीद जताई है कि इस पूरे मामले के बाद ऑस्ट्रेलिया की टर्नबुल सरकार और डीसीएनस यह सुनिश्चित करेंगे कि ऑस्ट्रेलिया का 50 अरब डॉलर की पनुडुब्बी परियोजना को भी इस तरह के भविष्य का सामना नहीं करना पड़ा। अखबार ने कहा, ‘उसने कोई कानून नहीं तोड़ा है और अधिकारियों को पता है कि यह कौन व्यक्ति है। उसने सोमवार को यह डिस्क सरकार के सुपुर्द करने की योजना बनाई है।’ ऑस्ट्रेलियाई समाचार पत्र ने कहा कि लीक के पीछे की कहानी जासूसी से ज्यादा अक्षमता के बारे में है। इस अखबारों को सूत्रों ने बताया कि ये डेटा 2011 में पेरिस में डीसीएनएस से मिले थे।
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