मोदी का वियतनाम में भव्य स्वागत, हो सकते है कई समझौते
हनोई ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वियतनाम दौरे की शुरुआत वहां शहीदों को
श्रद्धांजलि देकर शुरु की है। भारतीय समयानुसार उन्होंने आज सुबह शहीद
सैनिकों पुष्पचक्र अर्पित किए। पिछले पंद्रह वर्षों में किसी भारतीय
प्रधानमंत्री का यह पहला वियतनाम दौरा है। वह यहां पर आज वियतनाम के
प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात दोनों देशों के संबंधों को
और मजबूत करने की दिशा में अहम कदम साबित होगी। इसके बाद वह चीन के लिए
रवाना हो जाएंगे।
पीएम मोदी ने शनिवार को को ची मिन्ह समाधि स्थल पहुंचे, जहां पर उन्होंने शहीद सैनिकों पुष्पचक्र अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। पिछले पंद्रह वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला वियतनाम दौरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वियतनाम की द्विपक्षीय यात्रा पर हैं। मोदी शनिवार को वियतनाम के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे, जिनमें वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी के गुएन फू त्रोंग, राष्ट्रपति त्रान दई क्वोंग, प्रधानमंत्री गुएन शुआन फुक तथा अध्यक्ष गुएन थी किम गान शामिल हैं।
पीएम चीन के हांगझोउ शहर में जी-20 देशों के सालाना शिखर-सम्मेलन में भाग लेने जाएंगे, जहां भारत आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने और कर चोरी पर कार्रवाई करने के लिए ठोस कदमों की वकालत कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनाम रवाना होने से पहले शुक्रवार को दक्षिणपूर्व एशियाई देशों को 'मित्रवत' बताया और कहा कि इन देशों के साथ भारत के संबंधों से एशिया सहित पूरी दुनिया को फायदा होगा। मोदी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्रीय दिवस पर वियतनाम के लोगों को बधाई। वियतनाम हमारा मित्र देश है, जिसके साथ हमारे अच्छे संबंध हैं।"
तीन सितंबर को हांगझोउ के लिए रवाना होंगे और चार-पांच सितंबर को वहां जी-20 के सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री पांच सितंबर को भारत लौटेंगे और फिर वाषिर्क भारत-आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलन में शामिल होने के लिए दो दिन की लाओस यात्रा पर जाएंगे।
वियतनाम में शीर्ष नेतृत्व के साथ करेंगे चर्चा
वियतनाम में मोदी इस संसाधन संपन्न देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक वार्ता करेंगे जिनमें रक्षा, सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में संबंध गहरे करना और तेल निकालने में भारत की सहभागिता बढ़ाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वियतनाम के साथ द्विपक्षीय संबंधों को काफी महत्व देती है। बीते 15 वर्षो में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला वियतनाम दौरा है। इससे पहले साल 2001 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वियतनाम की यात्रा की थी।
मोदी ने कहा, "भारत-वियतनाम की साझेदारी से एशिया और बाकी दुनिया को फायदा होगा।" उन्होंने कहा, "दौरे के दौरान, मैं प्रधानमंत्री गुयेन शुआन फुक के साथ व्यापक चर्चा करूंगा। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे।" मोदी ने कहा कि इस दौरान वह वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दई क्वोंग, वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुएन फु त्रोंग तथा वियतनाम की नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष गुएन थी किम गान से भी मुलाकात करेंगे।
नई परियोजनाओं की हो सकती है घोषणा
भारत का ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तीन दशक से अधिक समय से वियतनाम में तेल निकालने की परियोजनाओं में शामिल है और द्विपक्षीय यात्रा के दौरान क्षेत्र में नयी परियोजनाओं की घोषणा हो सकती है जो 15 साल के अंतराल के बाद हो रही है।
जी-20 सम्मेलन में होंगे शामिल
जी-20 सम्मेलन में भारत आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और कर चोरी रोकने समेत कई मुद्दे उठा सकता है। उन्होंने कहा, "जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय प्राथमिकताओं व चुनौतियों पर चर्चा के लिए दुनिया के अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे।" मोदी ने कहा, "हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को निरंतरता के पथ पर रखने, तीव्र विकास तथा सामाजिक, सुरक्षा व आर्थिक चुनौतियों से निपटने पर चर्चा करेंगे।"
उन्होंने कहा कि भारत अपने सभी मुद्दों को रचनात्मक ढंग से रखेगा और मजबूत, टिकाऊ तथा सतत अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एजेंडे का समाधान पाने की दिशा में काम करेगा, जिससे दुनिया भर के लोगों के सामाजिक-आर्थिक हालात में सुधार होगा।
शी चिनफिंग के साथ बैठक करेंगे पीएम मोदी
सम्मेलन से इतर मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और ब्रिक्स के नेताओं की एक बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) सुजाता मेहता ने कहा कि कुछ अन्य द्विपक्षीय बैठक कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
इन प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा
सुजाता मेहता ने कहा कि वैश्विक कर सुधार, जलवायु हितैषी वित्तपोषण और एंटीबायोटिक्स की बाजार तक पहुंच बनाने जैसे मुद्दों पर इन बैठकों में चर्चा हो सकती है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया जी-20 के लिए भारत के शेरपा हैं और सम्मेलन से पहले कुछ मुद्दों पर बातचीत की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जी 20 सम्मेलन में आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने पर विचार-विमर्श होगा।
दक्षिण चीन सागर पर भी हो सकती है बात
प्रधानमंत्री की वियतनाम यात्रा के दौरान दोनों देश तेल निकालने की नयी परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं जिसके लिए बातचीत चल रही है। दक्षिण चीन सागर का मुद्दा भी बातचीत में आ सकता है। चीन चाहता है कि भारत वियतनाम के ब्लॉकों में तेल निकालने के काम से दूरी बनाकर रखे ताकि दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता बनी रहे।
8 सितंबर को आसियान की बैठक में होंगे शामिल
आठ सितंबर को आयोजित 14वें भारत-आसियान शिखर -सम्मेलन में मोदी इस प्रभावशाली समूह के देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने और समग्र सहयोग को बढ़ाने की वकालत कर सकते हैं। भारत-आसियान व्यापाक और निवेश संबंध क्रमिक तरीके से बढ़ रहे हैं और आसियान नयी दिल्ली का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
पीएम मोदी ने शनिवार को को ची मिन्ह समाधि स्थल पहुंचे, जहां पर उन्होंने शहीद सैनिकों पुष्पचक्र अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। पिछले पंद्रह वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला वियतनाम दौरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वियतनाम की द्विपक्षीय यात्रा पर हैं। मोदी शनिवार को वियतनाम के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे, जिनमें वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी के गुएन फू त्रोंग, राष्ट्रपति त्रान दई क्वोंग, प्रधानमंत्री गुएन शुआन फुक तथा अध्यक्ष गुएन थी किम गान शामिल हैं।
पीएम चीन के हांगझोउ शहर में जी-20 देशों के सालाना शिखर-सम्मेलन में भाग लेने जाएंगे, जहां भारत आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने और कर चोरी पर कार्रवाई करने के लिए ठोस कदमों की वकालत कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनाम रवाना होने से पहले शुक्रवार को दक्षिणपूर्व एशियाई देशों को 'मित्रवत' बताया और कहा कि इन देशों के साथ भारत के संबंधों से एशिया सहित पूरी दुनिया को फायदा होगा। मोदी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्रीय दिवस पर वियतनाम के लोगों को बधाई। वियतनाम हमारा मित्र देश है, जिसके साथ हमारे अच्छे संबंध हैं।"
तीन सितंबर को हांगझोउ के लिए रवाना होंगे और चार-पांच सितंबर को वहां जी-20 के सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री पांच सितंबर को भारत लौटेंगे और फिर वाषिर्क भारत-आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलन में शामिल होने के लिए दो दिन की लाओस यात्रा पर जाएंगे।
वियतनाम में शीर्ष नेतृत्व के साथ करेंगे चर्चा
वियतनाम में मोदी इस संसाधन संपन्न देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक वार्ता करेंगे जिनमें रक्षा, सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में संबंध गहरे करना और तेल निकालने में भारत की सहभागिता बढ़ाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वियतनाम के साथ द्विपक्षीय संबंधों को काफी महत्व देती है। बीते 15 वर्षो में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला वियतनाम दौरा है। इससे पहले साल 2001 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वियतनाम की यात्रा की थी।
मोदी ने कहा, "भारत-वियतनाम की साझेदारी से एशिया और बाकी दुनिया को फायदा होगा।" उन्होंने कहा, "दौरे के दौरान, मैं प्रधानमंत्री गुयेन शुआन फुक के साथ व्यापक चर्चा करूंगा। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे।" मोदी ने कहा कि इस दौरान वह वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दई क्वोंग, वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुएन फु त्रोंग तथा वियतनाम की नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष गुएन थी किम गान से भी मुलाकात करेंगे।
नई परियोजनाओं की हो सकती है घोषणा
भारत का ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तीन दशक से अधिक समय से वियतनाम में तेल निकालने की परियोजनाओं में शामिल है और द्विपक्षीय यात्रा के दौरान क्षेत्र में नयी परियोजनाओं की घोषणा हो सकती है जो 15 साल के अंतराल के बाद हो रही है।
जी-20 सम्मेलन में होंगे शामिल
जी-20 सम्मेलन में भारत आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और कर चोरी रोकने समेत कई मुद्दे उठा सकता है। उन्होंने कहा, "जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय प्राथमिकताओं व चुनौतियों पर चर्चा के लिए दुनिया के अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे।" मोदी ने कहा, "हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को निरंतरता के पथ पर रखने, तीव्र विकास तथा सामाजिक, सुरक्षा व आर्थिक चुनौतियों से निपटने पर चर्चा करेंगे।"
उन्होंने कहा कि भारत अपने सभी मुद्दों को रचनात्मक ढंग से रखेगा और मजबूत, टिकाऊ तथा सतत अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एजेंडे का समाधान पाने की दिशा में काम करेगा, जिससे दुनिया भर के लोगों के सामाजिक-आर्थिक हालात में सुधार होगा।
शी चिनफिंग के साथ बैठक करेंगे पीएम मोदी
सम्मेलन से इतर मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और ब्रिक्स के नेताओं की एक बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) सुजाता मेहता ने कहा कि कुछ अन्य द्विपक्षीय बैठक कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
इन प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा
सुजाता मेहता ने कहा कि वैश्विक कर सुधार, जलवायु हितैषी वित्तपोषण और एंटीबायोटिक्स की बाजार तक पहुंच बनाने जैसे मुद्दों पर इन बैठकों में चर्चा हो सकती है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया जी-20 के लिए भारत के शेरपा हैं और सम्मेलन से पहले कुछ मुद्दों पर बातचीत की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जी 20 सम्मेलन में आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने पर विचार-विमर्श होगा।
दक्षिण चीन सागर पर भी हो सकती है बात
प्रधानमंत्री की वियतनाम यात्रा के दौरान दोनों देश तेल निकालने की नयी परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं जिसके लिए बातचीत चल रही है। दक्षिण चीन सागर का मुद्दा भी बातचीत में आ सकता है। चीन चाहता है कि भारत वियतनाम के ब्लॉकों में तेल निकालने के काम से दूरी बनाकर रखे ताकि दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता बनी रहे।
8 सितंबर को आसियान की बैठक में होंगे शामिल
आठ सितंबर को आयोजित 14वें भारत-आसियान शिखर -सम्मेलन में मोदी इस प्रभावशाली समूह के देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने और समग्र सहयोग को बढ़ाने की वकालत कर सकते हैं। भारत-आसियान व्यापाक और निवेश संबंध क्रमिक तरीके से बढ़ रहे हैं और आसियान नयी दिल्ली का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
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