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संसद में आज भी हंगामे के आसार, शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन आज

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है. नोटबंदी, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदा और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहने के कारण पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. हालांकि राज्यसभा से पारित किए जा चुके डिसेब्लिटी बिल को आज लोकसभा से पास किया जा सकता है.

पूरे सत्र के दौरान विपक्ष लगातार मांग करता रहा कि नोटबंदी पर पीएम मोदी खुद संसद में बयान दें, जबकि सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर चर्चा से भागने और संसद की कार्यवाही न चलने देने का आरोप लगाया. सत्र की शुरुआत में लगभग 15 बिल पेश किए जाने की उम्मीद थी लेकिन सिर्फ दो बिल पेश किए जा सके हैं.

सदन में विपक्ष ने जहां नोटबंदी का मुद्दा उठाया वहीं सरकार ने अगु्स्ता घूसकांड का मुद्दा उठाया. इन दोनों ही मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा होता रहा. सरकार ने कहा कि विपक्ष और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद सदन में चर्चा करने से भाग रहे हैं.

लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों ने मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत नोटबंदी पर चर्चा कराने की मांग की जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों ने पूर्व की यूपीए सरकार के दौरान अगुस्ता वेस्टलैंड सौदे से जुड़े कथित रिश्वतखोरी से जुड़ी खबर का मुद्दा उठाया.

अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों के सदस्य नोटबंदी के मुद्दे पर मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग करने लगे.

इसी समय सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्य अपने हाथों में एक अखवार की प्रति लहराने लगे जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान अगस्तावेस्टलैंड सौदे में कथित रिश्वतखोरी के मामले से जुड़ी खबर प्रकाशित थी.

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से पर्चे और अखबार नहीं लहराने को कहा. उन्होंने कहा कि ये पेपर लहराना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि आप चाहे किसी भी पक्ष के क्यों न हों, आप जिम्मेदार सांसद हैं. और किसी भी पक्ष का पेपर लहराना ठीक नहीं है.इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने हाथों में पर्चे लहरा रहे थे जिन पर नोटबंदी के विरोध में कुछ नारे लिखे थे.

सदनों के हंगामे से आडवाणी नाराज

इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने संसद में लगातार हो रहे हंगामे से नाराज होते हुए इस्तीफा देने की इच्छा जताई.

तृणमूल कांग्रेस के सासंद इदरीस अली ने कहा, ”आडवाणी जी, ने मुझसे कहा कि बिना चर्चा के सदन स्थगित होना बहुत दुख की बात है. अटल जी ये देख कर बहुत दुखी होते. उन्होंने यहां तक कहा कि वो इस्तीफा देना चाहते हैं.”

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