अब रीवा के महाराज के नाम पर होगा मुकुंदपुर टाइगर सफारी का नाम
रीवा : राज्य सरकार ने प्रदेश के रीवा जिले के मुकुंदपुर में सफेद शरों के लिए स्थापित की गई व्हाईट टाइगर सफारी का नाम रीवा रियासत के महाराज मार्तण्ड सिंह जूदेव के नाम पर रखा है। वन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
जिसके तहत मुकुंदपुर टाइगर सफारी को अब महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाईट टाइगर सफारी एण्ड जू मुकुंदपुर के नाम से जाना जाएगा। अभी तक इस सफारी को व्हाइट टाइगर सफारी जू एवं रेस्क्यू सेंटर के नाम से जाना जाता था।
यहां बता दें कि रीवा के मुकुंदपुर में टाइगर सफारी पर राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। जिसके पीछे सरकार का तर्क था कि सफेद शेरों से रीवा का पुराना इतिहास है। टाइगर सफारी की स्थापना के बाद रीवा ने सफेद शेरों को लेकर अपनी खोई हुई पहचान फिर से हासिल कर ली है।
यहां बता दें कि राज्य सरकार ने टाइगर सफारी का फैसला राजनीतिक तौर पर लिया है। क्योंकि रीवा रियासत के महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव लोगों में लोकप्रिय हैं। यूं तो सफेद शेरों की फिर से बसाहट के लिए तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी से लेकर रीवा-सतना के कई नेता प्रयास कर रहे थे, लेकिन आखिरी में सफेद शेरों की बसाहट का श्रेय उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को मिला है।
जिसके तहत मुकुंदपुर टाइगर सफारी को अब महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाईट टाइगर सफारी एण्ड जू मुकुंदपुर के नाम से जाना जाएगा। अभी तक इस सफारी को व्हाइट टाइगर सफारी जू एवं रेस्क्यू सेंटर के नाम से जाना जाता था।
यहां बता दें कि रीवा के मुकुंदपुर में टाइगर सफारी पर राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। जिसके पीछे सरकार का तर्क था कि सफेद शेरों से रीवा का पुराना इतिहास है। टाइगर सफारी की स्थापना के बाद रीवा ने सफेद शेरों को लेकर अपनी खोई हुई पहचान फिर से हासिल कर ली है।
यहां बता दें कि राज्य सरकार ने टाइगर सफारी का फैसला राजनीतिक तौर पर लिया है। क्योंकि रीवा रियासत के महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव लोगों में लोकप्रिय हैं। यूं तो सफेद शेरों की फिर से बसाहट के लिए तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी से लेकर रीवा-सतना के कई नेता प्रयास कर रहे थे, लेकिन आखिरी में सफेद शेरों की बसाहट का श्रेय उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को मिला है।
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