-->

Breaking News

पाठक मंच द्वारा रवींद्र भट की कृति 'समंदर प्राण अकुलाया' पर हुई चर्चा

एमपी ऑनलाइन न्यूज़ रिपोर्टर राज पंत
गुना। 'एक गुलाम देश की जिंदगी क्या होती है, या आजादी पाने के लिए हमने कितना लम्बा संघर्ष किया है आज की युवा पीढ़ी नहीं जानती। आजादी का बीड़ा दो प्रकार से उठाया गया था एक था महात्मा गॉंधी के नेतृत्व में अहिंसात्मक आंदोलन और दूसरा था हिंसात्मक आंदोलन जिसका नेतृत्व क्रांतिकारी कर रहे थे। दूसरा वाला तरीका अधिक जोखिम भरा था पहले वाले की अपेक्षा। यह या तो जेल की सलाखों तक जाता था या फांसी के फंदे तक। इसी रास्ते पर चल रहे थे विनायक दामोदर सावरकर। उक्त उद्गार साहित्यकार अनिरुद्ध सिंह सेंगर ने रवीन्द्र भट की कृति 'समंदर प्राण अकुलाया पुस्तक पर विचार प्रकट करते व्यक्त किए। पाठक मंच गुना इकाई द्वारा गतदिवस रवीन्द्र भट की कृति 'समंदर, प्राण अकुलाया पुस्तक पर चर्चा का आयोजन  किया गया था। श्री सेंगर ने कहा कि 'रवीन्द्र भट द्वारा विनायक दामोदर सावरकर के क्रांतिपर्व पर आधारित उपन्यास का हिन्दी रूपांतरण डॉ.प्रतिभा गुर्जर ने बहुत ही खूबसूरती के साथ किया है। क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर जिन्हें कालेपानी की सजा के तहत अण्डमान की सेल्युलर जेल में रखा गया था। सेल्युलर शब्द से स्पष्ट हो जाता है कि वे सेल यानि कोशिका की तरह की कालकोठरी थीं। अण्डमान की यह जेल उस समय काफी कुख्यात थी। यहां क्रांतिकारियों के साथ जानवर से भी अधिक बर्ताव किया जाता है। किस-किस तरह की यातनाएं दी जाती थीं हम कल्पना भी नहीं कर सकते। विष्णु 'साथी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहाकि-'सावरकर के क्रांतिकारी जीवन को लेकर रवीन्द्र भट ने बहुत मार्मिक तरीके से यह उपन्यास लिखा है।डॉ.हरकांत अर्पित ने कहाकि-'लेखक ने अपने नायक को एक दीपक के रूप में प्रस्तुत किया है। अनंत अंधकार से अनवरत अखंड लड़ते रहने वाला दीप, तेजस्वी दीप, प्रकाश देने वाला दीप क्रांति का मसीहा वीर विनायक दामोदर सावरकर। इस दीप का अत्यंत स्वाभाविक सशक्त चरित्र लेखक ने प्रस्तुत किया है।सुनील शर्मा 'चीनी ने कहा-'लेखक ने सावरकर जी के असाधारण गुणों का, व्यक्तित्व का प्रभावशाली चित्रण उपन्यासकार में किया है। पढ़ते हुए सारे दृश्य जीवन्त हो उठते हैं और हम उसी वातावरण में जा पहुंचते हैं। प्रेम सिंह 'प्रेम ने कहाकि-'लेखक ने पुस्तक में साहित्यिक भाषा के माधुर्य से रससिक्त हो एक प्रवाह में, लय में, एक गति में बहुत प्रभावशाली ढंग से लिखा है। यह उपन्यास हमें अनंत सागर की अथाह गहराइयों की ओर ले चलता है और एहसास कराता है-सावरकर जी की मातृभूमि के लिए छटपटाहट का। ऐसा अनन्य देशप्रेम दुर्लभ है। इस मौके पर श्रीमती मिथिलेश सेंगर ने कहा कि-'लेखक ने सावरकर जी का जो वर्णन किया है। वह प्रणम्य है, उनका पुण्यस्मरण देश के लिए मर मिटने की प्रेरणा देता है, शक्ति संपन्न बनाता है।

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com