सोयाबीन फसल के लिए कृषकों का उपयोगी सलाह
एमपी ऑनलाइन न्यूज़, अशोकनगर : उप संचालक किसान कल्यागण तथा कृषि विकास श्री एस.एस.मरावी ने कृषकों को सलाह दी है कि वे अपने खेत में सोयाबीन की फसल का नियमित रूप से निरीक्षण करें एवं इल्लियां, कीट तथा बीमारी का प्रकोप होने पर संबंधित दवाओं का छिडकाव आवश्यकक रूप से करें। उन्होंपने सेमीलूपर इल्लीक के नियंत्रण हेतु क्विनालफॉस (1.5ली/हे) अथवा इन्डोवक्सातकार्ब (500 मि.ली./हे)अथवा क्लो1रएन्ट्रांनिलिप्रोल (100 मि.ली./हे) की दर से 500 लीटर पानी के साथ छिडकाव करें। तम्बांकू की इल्ली का प्रकोप होने पर प्रारंभिक अवस्थाड में ही स्पासइनेटोरम 11.7 एस.सी. का 450 मि.ली./हेक्टेायर की दर से छिडकाव करें। पत्तीप खाने वाली इल्लियो के साथ साथ रस चूसने वाले कीट( सफेद मक्खीक) एवं गर्डल बीटल के नियंत्रण् हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक बीटासाफ्लूथ्रीन + इमिडाक्लो प्रीड का 350 मि.ली./हेक्टेसयर की दर से छिडकाव करें। चक्रभृंग (गर्डल बीटल) के नियंत्रण हेतु ट्रायझोफॉस (800मि.ली/हे.) अथवा थायक्लोहप्रीड (650मि.ली./हे) का छिडकाव करें तथा ग्रसित पौध अवशेषों को प्रारंभिक अवस्थाप में ही तोडकर निष्कातसित करें। सोयाबीन की फसल पर पत्ती् धब्बाी नामक बीमारी दिखाई दें या पत्तियों की नोक की तरफ से झुलसी हुई प्रतीत होने पर कार्बेन्डााजिम (250ग्रा./हे) या थायोफिनेट मिथाईल(500ग्रा./हे.) का 500 लीटर पानी के साथ छिडकाव करें। सोयाबीन पौधो के तनों/डंठलों पर काले रंग के अनियमित आकार के धब्बेी दिखाई देने एवं पौधों के सबसे ऊपर वाली तीसरी पत्तीध उलटकर पटली हुई दिखाई देने पर (एन्थ्रेपकनोज/स्टेसम ब्लातईट बीमारी) पर बीनोमिल(500ग्रा./हे.) या थायोफिनेट मिथाईल(500ग्रा./हे.) या टेब्युलकोनाजोल 250 ई.सी.(625मि.ली./हे.) का छिडकाव करें। सोयाबीन की फसल में पीला मोजाइक बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए हेतु ग्रसित पौधे दिखने पर उन्हें तुरंत उखाडकर नष्ट् करें। अधिक वर्षा की स्थिति में अपने खेतों से अतिरिक्तक पानी के निकासी की व्यरवस्था करें।
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