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कोई भला कहे या बुरा पर मैं बुजुर्गों को तीर्थ कराता रहूंगा : मुख्यमंत्री शिवराज


भोपाल। राजधानी में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की पांचवी वर्षगांठ पर राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन रविंद्र भवन में किया गया। सम्मेलन में हजारों की संख्या में तीर्थ दर्शन से लाभान्वित लोग मौजूद रहे। इस दौरान सीएम ने कहा कि 'कोई भला कहे या बुरा पर मैं बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराता रहूंगा, उनकी सेवा करता रहूंगा'।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 'वृद्धावस्था में माता-पिता को परेशान करने वाले, भरण-पोषण न करने वाले बच्चों पर कार्रवाई के नियम बनाये गए हैं। अपने साथ भगवान के दर पर कोई और नहीं, बल्कि अपना धर्म-कर्म साथ जाता है। कोई भला कहे, कोई चाहे बुरा कहे, हम तो अपने बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराते रहेंगे। बुजुर्ग माता-पिता की सेवा नहीं करने वाले बेटों को सजा देने के लिए कानून बनाएंगे। योजना में कुछ और बदलाव करने की आवश्यकता होगी, तो हम करेंगे। लोग भले ही मेरी निंदा करें लेकिन जो भी माता-पिता समर्थ नहीं हैं, उन्हें तीर्थ दर्शन जरुर कराऊंगा'। 


सीएम ने बुजुर्गों के हित में एक बड़ा ऐलान किया है। जिन बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन योजना का लाभ लिए पांच साल पूरे हो गए हैं, वे फिर से इस योजना में शामिल हो सकते हैं।सीएम ने आगे कहा कि 'गया को भी इस योजना में शामिल कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों के प्रति सरकार के इस सेवा भाव को लेकर कहा कि 'अपने लिए जिये तो क्या जिये, परिहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई'।


उन्होंने कहा कि 'अपने लिए तो सब जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं असली इंसान तो वहीं है। बुजुर्गों की सेवा में जो आनंद मिलता है, वह किसी और चीज में नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य है कि मुझे प्रदेश के बुजुर्गों की सेवा करने का मौका मिला'। इस दौरान धर्मस्व  विभाग की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, महापौर आलोक शर्मा भी मौजूद थे।

वर्ष 2017-18 में 125 ट्रेनों के संचालन करने का लक्ष्य
पांच सालों में प्रदेश के विभिन्न जिलों से पांच लाख तीन हजार लोगों ने विभिन्न तीर्थों की यात्राएं की हैं। इस लोकप्रिय योजना से प्रभावित होकर 11 राज्यों की सरकारों ने भी इसे लागू किया है। तीर्थ दर्शन योजना में अब तक 502 ट्रेनों का संचालन हुआ है। इस साल 51 ट्रेनों में करीब 51 हजार वरिष्ठ तीर्थ यात्रियों ने इसका लाभ लिया। वर्ष 2017-18 में 125 ट्रेनों के संचालन करने का लक्ष्य है। इसमें सवा लाख बुजुर्गों को तीर्थ-दर्शन करवाया जाएगा। तीर्थ यात्रियों की संख्या के अनुसार ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

तीर्थ दर्शन यात्रा में लोगों की अपेक्षाओं और अनुरोध पर नये तीर्थ स्थल जोड़े गये हैं। इनमें कामाख्या देवी, गंगा सागर, पटना साहब, गिरनार जी, मदुरै शामिल है। प्रदेश के तीर्थ स्थल उज्जैन, मैहर, श्री रामराजा मंदिर ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर शामिल हैं। इसके अलावा रविदास धाम वाराणसी, रामदेवरा रूनिचा राजस्थान को भी जोड़ा गया है।



सम्भार : अन्य प्रतिष्ठित वेब पोर्टल 

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