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नई अवधारणाओं को अपनाकर बना सकते हैं नवोन्मेष आधारित समाज

नई अवधारणाओं को अपनाकर बना

सकते हैं नवोन्मेष आधारित समाज

आईजीएनटीयू में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार प्रारंभ, 38 शोधपत्र प्रस्तुत होंगे

अमरकटंक/ नई पीढ़ी को नवोन्मेष उन्मुखी बनाने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के तत्वावधान में सोमवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के सलाहकार प्रो. राजेंद्र प्रताप गुप्ता ने न्वोन्मेष आधारित समाज की स्थापना के लिए कई प्रकार की अवधारणाओं को समाप्त कर नए सिरे से विचार करने पर जोर दिया। इनोवेटिव मैनेजमेंट प्रेक्टिसिज फॉर सस्टेनेबल डवलपमेंट विषय पर आयोजित सेमीनार में प्रो. गुप्ता का कहना था कि अमेरिका में नई पीढ़ी को कार्य करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की जाती है। सभी बड़े न्वोन्मेषकों ने कभी समय, स्थान या औपचारिक संबंधों को निभाने का बंधन महसूस नहीं किया जिसकी वजह से वे नए अन्वेषण कर समाज को विकसित करने में स्वयं का अहम योगदान दे पाए। उन्होंने युवाओं से समाज की चुनौतियों को पहचान कर उसके अनुरूप नवोन्मेष करने के लिए प्रोत्साहित किया। आधुनिककरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे वर्तमान में भारत की 69 प्रतिशत नौकरियां खत्म हो जाएंगी परंतु इससे 2.7 ट्रिलियन डॉलर मिलेंगे और 540 मिलियन नई नौकरियां पैदा होंगी। वीएमओ विश्वविद्यालय, कोटा के डीन (प्रबंधन) प्रो. पी.के. शर्मा ने कहा कि निरंतर विकास की अवधारणा प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी उपलब्ध है। इसके लिए भारत को पश्चिमी देशों की अवधारणों को ग्रहण करने के बजाय भारतीय मॉडल विकसित करने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से स्वयं को नई सोच प्रदान कर समाज को नई दिशा देने में अहम योगदान दिया जा सकता है। अतः सर्वप्रथम स्वयं को नई ऊर्जा से सिंचित करने की आवश्यकता है। कुलपति प्रो. टी.वी. कटटीमनी ने जनजातियों के नवोन्मेषों का जिक्र करते हुए शोधार्थियों को इनके संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। इससे पूर्व डीन प्रो. शैलेंद्र सिंह भदौरिया और विभागाध्यक्ष प्रो. ए.पी. सिंह ने आईजीएनटीयू में नवोन्मेष की विस्तार से जानकारी प्रदान की। सेमीनार के संयोजक डॉ. नेनावथ श्रीनू ने बताया कि सेमीनार में 38 शोधपत्र प्रकाशित किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राहिल युसूफ जई ने किया। इस अवसर पर अतिथियों ने सेमीनार स्मारिका का विमोचन भी किया।

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