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सपाक्स संस्था व सपाक्स समाज ने प्रभारी मंत्री दीपक जोशी को सौंपा ज्ञापन

 

 

न्यायालय के सम्मान में सपाक्स कूदा मैदान में

आरक्षण व्यवस्था और सपाक्स वर्ग के साथ की जा रही असमानता को समाप्त करने को लेकर सपाक्स हुआ एकजुट


शाजापुर। विगत 70 वर्षों से निरंतर चल रही आरक्षण व्यवस्था का कभी भी समग्र आंकलन नहीं किया गया कि इसका देश की प्रगति और संबंधित पिछड़े वर्गीकृत तबके को क्या लाभ हुआ है जबकि आरक्षण व्यवस्था की माननीय न्यायालय द्वारा जब जब समीक्षा कर सीमायें निर्धारित की गईं तब तब संविधान संशोधन कर माननीय न्यायालय की उपेक्षा की गई है।

आरक्षण व्यवस्था और सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के साथ निरंतर की जा रही उपेक्षा व असमानता को समाप्त करने को लेकर सपाक्स संस्था व समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जिले के प्रभारी मंत्री दीपक जोशी को स्थानीय विश्राम गृह पर ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर विधायक अरुण भीमावद, भाजपा जिला उपाध्यक्ष डॉ रवि पांडे सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

सपाक्स जिला नोडल ऑफिसर जॉय शर्मा ने बताया कि सौंपे गए ज्ञापन मे कहा गया है कि सामाजिक न्याय के नाम लागू इस व्यवस्था से न तो वास्तविक वंचितों को सार्थक लाभ हुआ न जिन्होंने लाभ लिया वे ही सक्षम बनकर मुख्य धारा में आ सके, बल्कि इस सुविधा का वे ही तथाकथित परिवार बार बार उपभोग कर रहे हैं जो अब अभिजात्य हैं। वर्तमान आर्थिक परिदृश्य ऐसा है जिसमें अमीर-गरीब की खाई जाति, धर्म व वर्ग से इतर निरंतर गहरी हो रही है। इन परिस्थितियों में किसी वर्ग विशेष का अत्यधिक पोषण और बहुसंख्यक वर्ग का तिरस्कार विस्फोटक स्थिति उत्पन्न कर रहा है। ज्ञापन मे मांग की गई है कि विभिन्न वर्गों में निरंतर बढ़ाई जा रही वैमनस्यता की घातक स्थिति को रोकने का गंभीर प्रयास किया जाए, पदोन्नति में आरक्षण की माननीय सर्वोच्च न्यायालय की निर्धारित व्याख्या का पालन सुनिश्चित कराने तथा सर्वोच्च न्यायालय से अपील वापस लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय को लागू करने हेतु सरकार को बाध्य करें। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबंध में मान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई व्यवस्था व निर्णय के विरुद्ध म.प्र. शासन द्वारा दायर अपील वापस ली जावे। 2 अप्रैल 2018 को प्रदेश में हुई हिंसा के लिये विभिन्न जिलों के सैकड़ों अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों को पुलिस ने आरोपी पाया है, इनके विरुद्ध अभी तक शासन ने कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की है, ऐसा किस कारण किया जा रहा है? इस संबंध में त्वरित कार्यवाही के लिये सरकार को बाध्य किया जाए। प्रदेश में करीब 2.50 लाख पद खाली हैं, जिनमें 1.50 लाख पद अनारक्षित हैं जबकि सरकार हमेशा 1 लाख बेकलाग पद भरने को ही प्राथमिकता दे रही है. क्या सरकार मानती है कि सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग में कोई बेरोजगारी नहीं है? क्या सिर्फ एक वर्ग विशेष की भर्ती कर सरकार शासकीय सेवा में स्वयं ही असंतुलन पैदा नहीं कर रही है ? सरकार को बाध्य करें कि सभी के साथ संविधान प्रदत्त समानता का व्यवहार करते हुए समस्त खाली पद भरे।
 
ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधि मंडल में सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण समाज संस्था (सपाक्स समाज) के जिला नोडल ऑफिसर मोहित व्यास, सपाक्स नोडल ऑफिसर डॉ एनएस सिकरवार, शिवपुरी सपाक्स नोडल ऑफिसर सुरेश दुबे, केके अवस्थी, संजय नागर, रघुवीरसिंह पँवार, त्रिलोकचंद भालोट, महेंद्र आचार्य, अजय शर्मा, लोकेन्द्र नागर, सुबोध पाठक, मनोज दुबे, शैलेष व्यास, राजेन्द्र शर्मा, राममूर्ति शर्मा, राजेन्द्र प्रकाश व्यास, राजेन्द्र कारपेंटर, हरिनारायण नागर, राकेश बागवान, आशीष जोशी, राजेंद्र शर्मा, कपिल दुबे, नन्दकिशोर विश्वकर्मा, संदीप व्यास, महेश शर्मा, दीपेश व्यास, मनोहर भावसार, त्रिवेणी प्रसाद जोशी, कमलेश गुप्ता, गोवर्धन सिंह, शैलेन्द्र शर्मा, विशाल तिवारी, धर्मेंद्र शर्मा, अनीस शर्मा, राम शर्मा, लोकेंद्र शर्मा, मनोज दवे, गायत्री विजयवर्गीय, बबीता लियोपेट्रिक, हेमलता शर्मा आदि शामिल थी। ज्ञापन का वाचन सपाक्स सम्भागीय प्रतिनिधि पीके मंडलोई ने किया। संचालन ब्लॉक नोडल ऑफिसर ललित तिवारी ने किया तथा आभार मनीष जोशी ने माना।

सपाक्स की मांग सरकार तक पहुंचाऊंगा
ज्ञापन को ध्यानपूर्वक सुनने व लेने के पश्चात प्रभारी मंत्री श्री जोशी ने कहा कि सपाक्स की मांगें न्यायोचित हैं, आपकी मांगों को सरकार के समक्ष रखूँगा।

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