ग्वाटेमाला ज्वालामुखी विस्फोट में मरने वालों की संख्या 75 पहुंची, करीब 200 लोग लापता
ग्वाटेमाला । ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी विस्फोट से अब तक मरने वालों की संख्या 75 हो गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि कम से कम करीब 200 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी एक बार फिर विस्फोट हुआ, जिसके चलते हजारों बचावकर्ताओं को मजबूरन बचाव अभियान रोकना पड़ा। ग्वाटेमाला के राष्ट्रीय आपदा और प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, अभी तक इस आपदा में फंसे 3265 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है और 2625 लोगों को अस्थायी शिविरों में भेज दिया गया है।
ज्वालामुखी से निकली राख
जानकारों ने बताया कि राख का गुबार आकाश में दस किलोमीटर ऊपर तक फैल चुका था जो धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से निकली राख और अन्य पदार्थों ने एल रोडियो और सैन मिगुएल लॉस लोट्स क्षेत्र को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया और इनसे संपर्क करना मुश्किल हो गया था। एक चश्मदीद के मुताबिक विस्फोट के वक्त वह दुकान की तरफ जा रही थी और ज्वालामुखी से निकले पदार्थ से वह बाल-बाल बची। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है।
लावा में ही दब गए कई लोग
बता दें कि अल रोडियो, अलोतेनांगो और सैन मिगुएल में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं। राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने तीनों शहरों में रेड अलर्ट और पूरे देश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया। स्थिति गंभीर होने पर आपातकाल की भी घोषणा की जा सकती है। कोनराड नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के महासचिव सर्गियो कबानास ने बताया कि ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद लावा की नदी बह रही है। कई लोग लावा में ही दब गए हैं। ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
ज्वालामुखी से निकली राख
जानकारों ने बताया कि राख का गुबार आकाश में दस किलोमीटर ऊपर तक फैल चुका था जो धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से निकली राख और अन्य पदार्थों ने एल रोडियो और सैन मिगुएल लॉस लोट्स क्षेत्र को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया और इनसे संपर्क करना मुश्किल हो गया था। एक चश्मदीद के मुताबिक विस्फोट के वक्त वह दुकान की तरफ जा रही थी और ज्वालामुखी से निकले पदार्थ से वह बाल-बाल बची। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है।
लावा में ही दब गए कई लोग
बता दें कि अल रोडियो, अलोतेनांगो और सैन मिगुएल में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं। राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने तीनों शहरों में रेड अलर्ट और पूरे देश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया। स्थिति गंभीर होने पर आपातकाल की भी घोषणा की जा सकती है। कोनराड नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के महासचिव सर्गियो कबानास ने बताया कि ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद लावा की नदी बह रही है। कई लोग लावा में ही दब गए हैं। ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि आपदा से 17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से तीन हजार से ज्यादा लोगों को उनके घरों से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी गांवों में शवों की तलाश का काम वहां की भौगोलिक स्थिति और ज्वालामुखी से निकल रहे उबलते कीचड़, गर्म चट्टानों के टुकड़े और राख के कारण धीमा चल रहा है। वहीं सर्गियो कबानास ने बताया हम नहीं जानते कि कितने लोग लापता हैं।
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