बैठक मे काव्य गोष्ठी एंव समीक्षा के कार्यक्रम में दो पुस्तकें आंजनेय एंव जंगल मे दर्पन की समीक्षाऐं की गई
होशंगाबाद। मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल से सम्बद्ध होशंगाबाद इकाई व्दारा गत दिवस नर्मदा मंदिर आयोजित बैठक मे काव्य गोष्ठी एंव समीक्षा के कार्यक्रम में दो पुस्तकें आंजनेय एंव जंगल मे दर्पन की समीक्षाऐं की गई एवं चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद सारस्वत ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डाँ.नर्मदा प्रसाद सिसोदिया एवं विशिष्ट अतिथि निशा डाले की उपस्थिति मे सम्पन्न हुई। प्रारंभ मे सभी अतिथियों द्वारा माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन व पूजार्चन किया गया।केप्टन करैया ने पाठक मंच योजना का उद्देश्य बताया गया। प्रथम चक्र मे कृति आंजनेय एंव जंगल मे दर्पन पर समीक्षा गोष्ठी आयोजित की गई।आंजनेय पर चर्चा करते हुये कवि सुभाष यादव बताया कि इस कृति मे हनुमान जी के समग्र चरित्र का विस्तृत वर्णन प्रकृति, वनस्पति, विज्ञान एंव पर्यावरण के साथ साथ किया हैं।डाँ. टी.आर.यादव ने कहा कि लेखक ने हनुमानजी के चरित्र ,उनकी बुद्धि कौशलता, भोलेफन का बहुत सुंदर वर्णन किया।कविजगदीश प्रसाद सारस्वतविकल ने कहा कि आंजनेय पुस्तक कि खरापन शास्त्रीय कसौटी पर संदिग्ध है।निशा डाले ने कहि कि लेखक बधाई के पात्र हैं जिन्होंने प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाते हुए एक धार्मिक रचना की,प. गिरि मोहन गुरु ने लेखक आंननेय कृति के माध्यम से धर्मक्षेत्र मे भी अपनी पहचान बनाने मे सफल हुये है।
व्दितीय कृति जंगल मे दर्पन पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कवि सुभाष यादव ने कहा इस संग्रह मे लेखक ने जन जातीय जीवन का चित्रण किया है।कहानी रोना चर्चित एंव मार्मिक कहानी है।श्री विकल ने कहा कि लेखक ने जंगल ओर मध्यम वर्गीय सामाजिक समस्याओं पर केंद्रित विचारो का सुरुचि पुर्ण चित्रण किया है। श्रीमती वंदना समैया ने कहा कि जंगल मे दर्पण एक रोचक ओर मार्मिक दृश्यो की काल्पनिक प्रस्तुति है।इसके अलावा पत्रकार पंकज पटैरिया,जगदीश वाजपेयी, नर्मदा प्रसाद सिसोदिया, गजेन्द्र भदोरिया, यशंवत पाटीदार, डाँ सतीश शमी, मदन बडकुर ,तरुण तिवारी,रमेश वैध ने कार्यक्रम मे अपने अपने विचार रखे। व्दितीय चरण मे कविता पाठ के उपरांत लेखक अमृतलाल बेगड़ एंव देश के लोकप्रिय गीतकार गोपाल दास नीरज को श्रध्दांजलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन कवि सुभाष यादव एंव आभार प्रदर्शन संयोजक केप्टन करैया ने किया।
व्दितीय कृति जंगल मे दर्पन पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कवि सुभाष यादव ने कहा इस संग्रह मे लेखक ने जन जातीय जीवन का चित्रण किया है।कहानी रोना चर्चित एंव मार्मिक कहानी है।श्री विकल ने कहा कि लेखक ने जंगल ओर मध्यम वर्गीय सामाजिक समस्याओं पर केंद्रित विचारो का सुरुचि पुर्ण चित्रण किया है। श्रीमती वंदना समैया ने कहा कि जंगल मे दर्पण एक रोचक ओर मार्मिक दृश्यो की काल्पनिक प्रस्तुति है।इसके अलावा पत्रकार पंकज पटैरिया,जगदीश वाजपेयी, नर्मदा प्रसाद सिसोदिया, गजेन्द्र भदोरिया, यशंवत पाटीदार, डाँ सतीश शमी, मदन बडकुर ,तरुण तिवारी,रमेश वैध ने कार्यक्रम मे अपने अपने विचार रखे। व्दितीय चरण मे कविता पाठ के उपरांत लेखक अमृतलाल बेगड़ एंव देश के लोकप्रिय गीतकार गोपाल दास नीरज को श्रध्दांजलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन कवि सुभाष यादव एंव आभार प्रदर्शन संयोजक केप्टन करैया ने किया।
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