अनुच्छेद 35ए: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, कश्मीर बंद, अमरनाथ यात्रा रोकी गई
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35A की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई। केंद्र और राज्य ने जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव का हवाला देते हुए मामले की सुनवाई टालने की अपील की थी। अब 27 अगस्त को मामले की सुनवाई होगी।
बता दें कि अनुच्छेद को हटाने का विरोध कर रहे अलगाववादियों के आह्वान पर रविवार को कश्मीर घाटी पूरी तरह बंद रही। अलगाववादियों ने सोमवार को भी बंद का आह्वान किया है। रविवार को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में भी बंद का असर दिखाई दिया जबकि कई स्थानों पर इस अनुच्छेद को हटाने की मांग को लेकर भी प्रदर्शन हुए। राज्य सरकार ने इस मामले में की सुनवाई स्थगित करने के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। बंद को देखते हुए जम्मू बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा के जत्थे की रवानगी दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। घाटी में बनिहाल से बारामुला के बीच रेल सेवा को भी दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
हुर्रियत (जी) प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी, हुर्रियत (एम) प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक व जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के नेतृत्व वाली ज्वाइंट रेजीस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने सोमवार को भी बंद का आह्वान किया है। इसे बार एसोसिएशन, ट्रांसपोर्टर व ट्रेडर्स एसोसिएशन सहित विभिन्न संगठनों की ओर से समर्थन दिया गया है। घाटी में बंद के मद्देनजर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक वाहन पूरी तरह गायब रहे। पेट्रोल पंप भी बंद रहे। कुछ इलाकों में प्राइवेट वाहन चलते दिखे। व्यापारिक संगठनों की ओर से लाल चौक पर धरना दिया गया। इसके साथ ही जदिबल, रैनावाड़ी, डल गेट, रामबाग, खान्यार, पारिमपोरा आदि इलाकों में रैली निकाली गई। दक्षिणी कश्मीर के त्राल में भी रैली निकाली गई।
पीडीपी, नेकां व सीपीआई (एम) भी अनुच्छेद 35-ए को हटाने के पक्ष में नहीं है। इनका मानना है कि इससे राज्य के विशेष दर्जे को नुकसान पहुंचेगा। यहां की डेमोग्राफी में बदलाव होगा। पिछले कुछ दिनों से घाटी में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
रियासत में 35 ए मुद्दे पर मचे घमासान के बीच राजभवन ने तीन अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर सुनवाई टालने का आग्रह किया है। सुनवाई टालने के पीछे पंचायत, स्थानीय निकाय तथा नगर निकाय चुनाव की तैयारियों को हवाला दिया गया है। यह पत्र राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट में स्टैंडिंग कौंसिल एम शोएब आलम के जरिए सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजा गया। पत्र में कहा गया था कि मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में वी द सिटीजंस बनाम यूनियन आफ इंडिया, वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी एक्शन कमेटी सेल 1947 बनाम यूनियन आफ इंडिया, डा. चारू वली खन्ना बनाम यूनियन आफ इंडिया, कालिदास बनाम यूनियन आफ इंडिया और राधिका गिल बनाम यूनियन आफ इंडिया मामले की छह अगस्त की सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए।
दरअसल 35-ए के मुद्दे पर सुनवाई टालने के लिए राज्यपाल एनएन वोहरा और केंद्र सरकार के बीच गंभीर मतभेद की खबरें भी सामने आ रही हैं। चर्चा है कि वोहरा ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई थी। राज्य के हालात को देखते हुए राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई टालने के लिए ज्ञापन (मेमो) दाखिल करना चाहते थे।
बता दें कि अनुच्छेद को हटाने का विरोध कर रहे अलगाववादियों के आह्वान पर रविवार को कश्मीर घाटी पूरी तरह बंद रही। अलगाववादियों ने सोमवार को भी बंद का आह्वान किया है। रविवार को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में भी बंद का असर दिखाई दिया जबकि कई स्थानों पर इस अनुच्छेद को हटाने की मांग को लेकर भी प्रदर्शन हुए। राज्य सरकार ने इस मामले में की सुनवाई स्थगित करने के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। बंद को देखते हुए जम्मू बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा के जत्थे की रवानगी दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। घाटी में बनिहाल से बारामुला के बीच रेल सेवा को भी दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
हुर्रियत (जी) प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी, हुर्रियत (एम) प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक व जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के नेतृत्व वाली ज्वाइंट रेजीस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने सोमवार को भी बंद का आह्वान किया है। इसे बार एसोसिएशन, ट्रांसपोर्टर व ट्रेडर्स एसोसिएशन सहित विभिन्न संगठनों की ओर से समर्थन दिया गया है। घाटी में बंद के मद्देनजर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक वाहन पूरी तरह गायब रहे। पेट्रोल पंप भी बंद रहे। कुछ इलाकों में प्राइवेट वाहन चलते दिखे। व्यापारिक संगठनों की ओर से लाल चौक पर धरना दिया गया। इसके साथ ही जदिबल, रैनावाड़ी, डल गेट, रामबाग, खान्यार, पारिमपोरा आदि इलाकों में रैली निकाली गई। दक्षिणी कश्मीर के त्राल में भी रैली निकाली गई।
पीडीपी, नेकां व सीपीआई (एम) भी अनुच्छेद 35-ए को हटाने के पक्ष में नहीं है। इनका मानना है कि इससे राज्य के विशेष दर्जे को नुकसान पहुंचेगा। यहां की डेमोग्राफी में बदलाव होगा। पिछले कुछ दिनों से घाटी में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
रियासत में 35 ए मुद्दे पर मचे घमासान के बीच राजभवन ने तीन अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर सुनवाई टालने का आग्रह किया है। सुनवाई टालने के पीछे पंचायत, स्थानीय निकाय तथा नगर निकाय चुनाव की तैयारियों को हवाला दिया गया है। यह पत्र राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट में स्टैंडिंग कौंसिल एम शोएब आलम के जरिए सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजा गया। पत्र में कहा गया था कि मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में वी द सिटीजंस बनाम यूनियन आफ इंडिया, वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी एक्शन कमेटी सेल 1947 बनाम यूनियन आफ इंडिया, डा. चारू वली खन्ना बनाम यूनियन आफ इंडिया, कालिदास बनाम यूनियन आफ इंडिया और राधिका गिल बनाम यूनियन आफ इंडिया मामले की छह अगस्त की सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए।
दरअसल 35-ए के मुद्दे पर सुनवाई टालने के लिए राज्यपाल एनएन वोहरा और केंद्र सरकार के बीच गंभीर मतभेद की खबरें भी सामने आ रही हैं। चर्चा है कि वोहरा ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई थी। राज्य के हालात को देखते हुए राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई टालने के लिए ज्ञापन (मेमो) दाखिल करना चाहते थे।
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