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SC/ST एक्ट : देश में घमासान, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना



नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) कानून के मूल प्रावधानों को बहाल करने संबंधी विधेयक के प्रस्ताव को आज मंजूरी दी। दलित संगठनों की यह एक प्रमुख मांग है और उन्होंने इस सिलसिले में 9 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है।

जबकि 2 अप्रैल के भारत बंद के कार्यक्रम में दलित आंदोलन के नाम पर किए गए हिंसा पर अभी तक सरकार शांत है आज तक किसी प्रकार की सरकार ने किसी भी सरकारी कर्मचारी जो उस आंदोलन में लिप्त थे पर या अन्य अपराधियो पर कोई कार्यवाही नही की।

सरकारी सूत्रों के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित (अत्याचार रोकथाम) कानून के मूल प्रावधानों को बहाल करने वाला विधेयक संसद में लाया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने मार्च में अपने फैसले में संरक्षण के उपाय जोड़े थे जिनके बारे में दलित नेताओं और संगठनों का कहना था कि इस ने कानून को कमजोर और शक्तिहीन बना दिया है।


दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा गया था कि एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। इसके पहले आरोपों की डीएसपी स्तर का अधिकारी जांच करेगा, यदि आरोप सही पाए जाते हैं तभी आगे की कार्रवाई होगी। देशभर में ऐसे कई मामले सामने आई जिसमें इस अधिनियम के दुरूपयोग हुआ है। बता दें कि एनसीआरबी 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में जातिसूचक गाली-गलौच के 11,060 मामलों की शिकायतें सामने आई थी। इनमें से दर्ज हुईं शिकायतों में से 935 झूठी पाई गईं।

सपाक्स युवा संगठन के प्रदेश अभिषेक सोनी का कहना हैं कि सरकार की जातिगत तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाली इस नीति का हम पुरजोर विरोध करते हैं और सरकार को यह बताना चाहते है कि SC ST एक्ट पर जो अध्यादेश लाया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है साथ ही यह पूरे देश के सपाक्स वर्ग के लोगों के साथ एक छलावा है सभी जानते हैं की एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग काफी बड़े पैमाने पर होता है और यह एक आज के समय में सिर्फ सपाक्स वर्ग को प्रताड़ित करने के लिए और पैसा कमाने के लिए बन गया है इस अध्यादेश का हम पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं और हम आने वाले समय में सपाक्स समाज के लोगों को सरकार की हमारी जनविरोधी भावनाओं के बारे में जागरुक करेंगे।

1 comment

Unknown said...

सरकार अगर इस काले कानून में संशोधन जाऐगी तो आने वाले सवर्ण ओवीसी वर्ग उनके चुनाव में माफ नही करेगा।मुझे ऐसा लगता हैवीजेपी को अपने मूल बोट बैंक की चिंता नही है उनको सिर्फ एससी एसटी वर्ग का पता और सामान्य और पिछड़ा वर्ग पर झूठे केस लगते है वो लगते रहें।वाह् सरकार चिराग,और रामविलाश की धमकी से डर गये।अव ये एक वात ध्यान रखें अगले चुनाव में ये एक भी सीट नही जीत पायेंगें।

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