2016, 18 के संशोधनों के बाद के SC/ST अत्याचार अधिनियम के प्रकरण वापस लेगी सपाक्स
भोपाल : सपाक्स द्वारा आरोप लगाए गए कि 2016 और 2018 में SC/ST अत्याचार अधिनियम में कतिपय संशोधनों के कारण सामान्य, पिछड़े और अल्पसंख्यक लोगों को प्रताड़ित किया गया है। इसलिए सपाक्स पार्टी ने यह तय किया है कि वह सरकार आने पर 2016 के बाद के इस प्रकार के सभी प्रकरणों का परीक्षण कर ज्यादती वाले प्रकरणों को न्यायलय से वापस लेगी। इस हेतु पूर्व आईपीएस अधिकारी और सपाक्स पार्टी के उपाध्यक्ष श्री विजय वाते के सीधे पर्यवेक्षण में एक विशिष्ट सेल का गठन किया गया।
श्री वाते ने कहा कि यह देखने में आया है कि SC/ST अत्याचार अधिनियम में 2016 और 2018 में हुए संशोधनों के बाद यह यह अधिनियम सामान्य, पिछड़े और अल्पसंख्यक लोगों को प्रताड़ित करने का एक औजार बन गया है। इसलिए सपाक्स पार्टी सरकार में आने पर वो ऐसे सभी प्रकरणों का परीक्षण करेगी और जितने भी ज्यादती वाले मामले होंगे उन्हें न्यायलय से वापस लेगी। उन्होंने अपील की कि जो भी लोग इससे पीड़ित हैं वे प्रथम सूचना रपट की कॉपी, अभियोग पत्र की प्रतिलिपि और अन्य सम्बंधित जानकारियां sapaksparty1@gmail.com पर ईमेल करें या पार्टी कार्यालय D-12 माचना कॉलोनी, 6 नंबर मार्किट, भोपाल में भेजें। इन सभी प्रकरणों की इस विशिष्ट सेल, जो माननीय उच्चतम न्यायलय के वकीलों द्वारा संचालित है, द्वारा जांच की जायेगी, और उन्हें हर संभव मदद की जायेगी। उल्लेखनीय है कि खंडवा के अभिभाषक वर्ग ने ऐसे प्रकरणों में निःशुल्क पैरवी करने की भी घोषणा की है।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस काले कानून संशोधन के खिलाफ मुखर होकर अपनी आवाज उठाएं और ऐसे किसी भी प्रकरण में फंसाये गए लोगों की जानकारी सपाक्स तक पहुचाएं।
सपाक्स की वेबसाइट के माध्यम से पार्टी से जुड़ना हुआ आसान
सपाक्स पार्टी द्वारा मंगलवार को अपनी वेबसाइट का लोकार्पण किया गया। पार्टी उपाध्यक्ष डॉ. वीणा घाणेकर और श्री विजय वाते ने मीडिया के समक्ष इसका लोर्कापण किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष श्रीमती घाणेकर ने कहा कि यह वेबसाइट पार्टी के लिए हितकारी साबित होगी। इसके माध्यम से अब और अधिक लोग जो पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं सीधे पार्टी की गतिविधियां जान सकेंगे। साथ ही सपाक्स पार्टी से जोड़ने का भी कार्य यह वेबसाइट करेगी।
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