बिना ट्रस्ट के मंदिर में करोड़ो खर्च करोड़ो खर्च के बाद ऐतिहासिक मंदिर के तालाब में नहीं दिखा विकास इंजीनियर और एस.डी.ओ. कर रहे गोलमाल दो माह बीत जाने के बाद भी कोई जांच नहीं
बिना ट्रस्ट के मंदिर में करोड़ो खर्च
करोड़ो खर्च के बाद ऐतिहासिक मंदिर के तालाब में नहीं दिखा विकास
इंजीनियर और एस.डी.ओ. कर रहे गोलमाल
दो माह बीत जाने के बाद भी कोई जांच नहीं
दो माह पूर्व सिंहपुर ग्राम के रजहा तालाब में अनियमितता की षिकायत जिला
कलेक्टर को किया गया था, दो माह बीत जाने के बाद अभी तक जांच न होने पर
ग्राम सिंहपुर के समाजसेवी संभागायुक्त षहडोल को जनसुनवाई में लिखित आवेदन
देकर दरवाजा खटखटाया, षहडोल जिले के समीप ग्राम सिंहपुर में ऐतिहासिक मंदिर
होने के बावजूद भी ट्रस्ट नहीं बना, ग्रामीणों के द्वारा पूर्व में कई बार
जिला कलेक्टर को आवेदन दिया गया, अभी तक ऐतिहासिक मंदिर ट्रस्ट नहीं बन
पाया। डेढ़ करोड़ कि लागत से तालाब के सौन्दर्यीकरण में निर्माण कार्य में
इंजीनियर और एस.डी.ओ. के द्वारा गोलमाल किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री
षिवराज सिंह के द्वारा ग्राम सिंहपुर एवं सिंहपुर के ऐतिहासिक मंदिर जो कि
पुरातत्व महत्व भी रखता है उसके विकास के लिए डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा की
राषि स्वीकृत की गई थी और सिंहपुर को एक पर्यटन हब बनाने के लिए एक बहूत
अच्छा प्रयास किया गया था जिसमें मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं रजहा सरोवर का
गंहरीकरण के साथ सौन्दर्यीकरण के लिए प्रारंभिक राषि डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा
की राषि स्वीकृत की गई थी। लेकिन पिछले एक वर्श से ज्यादा समय होने को है
जिसमें पूरे तालाब का स्वरूप बिगाड़कर तलैया के रूप में स्थापित कर दिया गया
है और सुरसा की तरह मुंह फाड़कर इतनी भारी भरकम राषि को निगल लिया गया है।
पूर्व में जिला कलेक्टर को लिखित आवेदन पत्र देकर जांच को लेकर आग्रह किया
गया था। आज लगभग 2 माह पूर्ण होने को है परन्तु अभी तक किसी प्रकार की जांच
नहीं करायी गई है। वर्तमान आरईएस के ई.ई. सुरेन्द्र सिंह जिनको पूरा संभाग
उनकी विषेशता के लिए जानता है, आवेदक ने पुरानी यांदो को ताजा करते हुए
बताया कि जब ई.ई. जैतपुर में पदस्थ थे तो नारे लगे थे, कि सुरेन्द्र सिंह
हटाओ जैतपुर बचाओ और यह महोदय वहीं है जो कुनुक नदी, पनपथा घाट में स्टाॅफ
डैम कम रपटा निर्माण लागत रू. 45 लाख की लागत से निर्माण कार्य करवाये थे
उक्त निर्माण कार्य इतना घटिया था कि पहली ही बरसात में मिट्टी की तरह पूरा
डैम बह गया और संबंधित अधिकारी ई.ई. पी.डब्ल्यू.डी. आर.ई.एस. जनपद पंचायत
सी.ई.ओ. बुढ़ार एवं संबंधित अधिकारियों ने इनको दोषी पाते हुए जांच रिपोर्ट
प्रशासन को प्रस्तुत किया लेकिन उनके ऊपर कार्यवाही न कर उल्टा इन को
पुरस्कार स्वरूप भ्रष्टाचारियों का संरक्षण करने के लिए एसडीओ से आरईएस का
ई.ई. बना दिया गया है। इनके रहते कैसे न्याय की अपेक्षा की जा सकती है।
पहले तो मनोज शुक्ला कुछ डरते भी थे और तो कहते हैं कृपया भैया कोतवाल तो
डर किस बात का इनपुट राजा सरोवर एवं विश्व प्रसिद्ध श्री गणेश एवं देवी
काली का मंदिर है, और 80 गांव से ज्यादा की श्रद्धा इस मंदिर से जुड़ी हुई
है नवरात्रि के दोनों पर्व पर विशाल मेला लगता है, और जवारा विसर्जन जुलूस
का कार्यक्रम होता है साथी पुरातात्विक महत्व का विश्व का एकमात्र मंदिर
पंच मट्ठा और देवी शक्तियों के स्थल के साथ भी छेड़छाड़ हुई थी। और उनके मूल
स्वरूप को नष्ट किया गया। समाजसेवी अमरेन्द्र तिवारी और षिवनारायण द्विवेदी
सहित सैकड़ो ग्रामवासियों ने दोषी अधिकारी मनोज शुक्ला एवं एसडीओ के द्वारा
कार्य का गलत मूल्यांकन कर राशि का गलत तरीके से आहरण करने की निष्पक्ष
जांच कर दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की
संभागायुक्त से आग्रह किया है।
इनका कहना है.........
नियम के अनुसार कार्यवाही के लिए जिला पंचायत को जांच के लिए पत्र दिया गया है, जल्द से जल्द दण्डात्मक कार्यवाही कि जावेगी।
आर.बी. प्रजापति
संभागायुक्त शहडोल
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