नई सुविधाओं के साथ अमरकंटक के प्राकृतिक स्वरूप को वापस लाने हेतु किया जाएगा संगठित प्रयास - श्री पटेल अमरकंटक क्षेत्र में साल का कम से कम 1 पौधा लगाने की केंद्रीय राज्यमंत्री ने की अपील धार्मिक गुरुओं, जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा उपरांत अमरकंटक में पर्यटन के विकास की बनी योजना अमरकंटक नर्मदा महोत्सव होगा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के आधिकारिक कैलेंडर में शामिल
नई सुविधाओं के साथ अमरकंटक के प्राकृतिक स्वरूप को वापस लाने हेतु किया जाएगा संगठित प्रयास - श्री पटेल
अमरकंटक क्षेत्र में साल का कम से कम 1 पौधा लगाने की केंद्रीय राज्यमंत्री ने की अपील
धार्मिक गुरुओं, जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा उपरांत अमरकंटक में पर्यटन के विकास की बनी योजना
अमरकंटक नर्मदा महोत्सव होगा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के आधिकारिक कैलेंडर में शामिल
अनूपपुर /प्रदीप मिश्रा -8770089979
भारत
सरकार संस्कृति एवं पर्यटन केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
प्रह्लाद पटेल ने आज अमरकंटक की प्राकृतिक भव्यता को पुनर्जीवित करने के
साथ साथ क्षेत्र में धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राकृतिक एवं एडवेंचर पर्यटन को
बढ़ावा देने हेतु चर्चा की। श्री पटेल द्वारा अमरकंटक क्षेत्र के धार्मिक
गुरुओं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से वृहद चर्चा
उपरांत अमरकंटक के विकास की समग्र कार्ययोजना पर निर्णय लिए गए। इस दौरान
आपने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न विकास कार्य इस तर्ज पर हों कि अमरकंटक
की नैसर्गिक जलवायु, वनस्पति एवं अन्य भौतिक कारकों में किसी भी प्रकार का
प्रतिकूल असर न हो।आपने कहा अमरकंटक के विकास के कई घटकों में पर्यटन एवं
संस्कृति विभाग की प्रसाद योजना एवं स्वदेश दर्शन योजना के माध्यम से सहयोग
प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही आपने अमरकंटक में मिनी स्मार्ट सिटी योजना
अंतर्गत अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की एवं आगामी कार्ययोजना में
दोनो योजनाओं के बेहतर सामंजस्य के साथ शीघ्र डीपीआर बनाने के निर्देश दिए।
धार्मिक गुरुओं द्वारा परिक्रमा पथ, जल संरक्षण, माँ नर्मदा नदी के बेड की
सफाई एवं धार्मिक पर्यटकों विशेषकर परिक्रमावासियों के लिए आश्रय स्थल की
व्यवस्था की बात कही गयी। जिस पर श्री पटेल ने उक्त विषयों को अमरकंटक
विकास कार्ययोजना में शामिल करने की बात कही। चर्चा उपरांत यह बात सामने आई
कि क्षेत्र में 3 वृहद आश्रय स्थल की आवश्यकता है। जल संरक्षण के लिए आपने
नर्मदा नदी में बने सभी स्टॉप/चेक डैम के जीर्णोधार करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही नर्मदा नदी से गाद हटाने हेतु भी आपके द्वारा आवश्यक निर्देश
दिए गए। आपने नर्मदा नदी कुंड की सफाई हेतु ओजोन फिल्टर को विकास परियोजना
में शामिल किया जाने के लिए कहा उक्त विषयों के अतिरिक्त जन प्रतिनिधियों
से चर्चा के दौरान क्षेत्र में पर्यटन सम्बंधी रोजगार सृजन, अतिक्रमण,
वाहनो के आवागमन को माँ नर्मदा मंदिर परिसर के आस पास प्रतिबंधित करने,
दर्शनीय स्थलो के सौंदर्यीकरण विषयों पर अपने विचार रखे गए। जिस पर श्री
पटेल ने निर्देश दिए कि नर्मदा नदी के दोनो ओर 100 मीटर की सीमा के
चिन्हांकन का कार्य किया जाकर, अतिक्रमण सम्बंधी रिपोर्ट एवं उनके पुनर्वास
की कार्ययोजना प्रस्तुत की जाय। आपने यह भी कहा क्षेत्र में पर्यटन के
विकास में यह ध्यान रखा जाए कि अधिक से अधिक स्थानीय जन उससे लाभान्वित
हों। इसके साथ ही आपने निर्देश दिए कि माँ नर्मदा मंदिर परिसर से 200 मीटर
की दूरी पर वाहनो को रोकने की व्यवस्था की जाय। मंदिर परिसर के आस-पास
सिर्फ पैदल ही आवागमन सुनिश्चित किया जाय। जन प्रतिनिधियों द्वारा अमरकंटक
क्षेत्र में यूकेलिप्टस/लैंटाना वृक्षारोपण के कारण प्राकृतिक संतुलन पर पढ़
रहे दुष्प्रभाव पर आशंका व्यक्त की गयी। जिस पर श्री पटेल द्वारा निर्देश
दिए गए कि प्राकृतिक रूप से उपयुक्त पौधों का ही रोपण किया जाय।
जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा में इस बात पर सहमति बनी
कि साल वृक्ष का रोपण किया जाना क्षेत्र के लिए उपयुक्त है।
श्री पटेल ने अमरकंटक के समस्त आमजनो से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर
अपील की है कि चाहे सिर्फ 1 पौधा लगायें परंतु वह पौधा साल वृक्ष का
लगाएँ। सांसद हिमाद्रि सिंह द्वारा अनूपपुर अमरकंटक की सीमा पर स्थित
कल्पवृक्ष के समीप भू स्खलन की बात का उल्लेख किया गया। आपने बताया यह
वृक्ष क्षेत्र में काफी पूज्य है, स्थानीय निवासियों में उस वृक्ष के प्रति
अटूट श्रद्धा है। उस वृक्ष की सुरक्षा हेतु प्रयास आवश्यक है, साथ ही
वृक्ष की परिक्रमा हेतु भी आपके द्वारा उचित व्यवस्था करने की बात रखी गयी।
जिस पर श्री पटेल द्वारा आवश्यक निर्देश दिए गए। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर
द्वारा मंत्री श्री पटेल को अवगत कराया गया कि अमरकंटक क्षेत्र कई
प्राकृतिक जड़ी बूटियों गुलबकावली आदि से परिपूर्ण है। इसके साथ ही क्षेत्र
में धार्मिक पर्यटन के साथ एडवेंचर पर्यटन ट्रेकिंग, जिप लाइन, पैरासेलिंग,
बोटिंग, कैम्पिंग आदि की संभावनाएँ भी उपस्थित है। जिस पर श्री पटेल
द्वारा ट्रेकिंग मार्ग विकास, गुलबकावली पार्क, बायोलॉजिकल गार्डन को बनाने
के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही कलेक्टर द्वारा श्री पटेल को नर्मदा जयंती
के अवसर पर आयोजित अमरकंटक नर्मदा महोत्सव की जानकारी देते हुए उससे
पर्यटन पर होने वाले सकारात्मक प्रभाव की जानकारी दी गयी। जिस पर श्री पटेल
द्वारा अमरकंटक नर्मदा महोत्सव को संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के आधिकारिक
कैलेंडर में शामिल करने की बात कही गयी इसके साथ ही आध्यात्मिक पर्यटकों
हेतु वेलनेस सेंटर एवं पुरातत्व विभाग के अधीन संरक्षित मंदिर परिसर में
माँ नर्मदा के जीवन पर आधारित लाइट एवं साउंड शो के नियमित आयोजन हेतु
आवश्यक व्यवस्थाओं को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री द्वारा सहमति प्रदान की
गयी। बैठक में आयुक्त शहडोल संभाग नरेश पाल, पूर्व मंत्री ओमप्रकाश
धुर्वे, जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह, विधायक पुष्पराजगढ़ फुँदेलाल सिंह
मार्को, विधायक नरसिंहपुर जालम सिंह पटेल, पूर्व विधायक रामलाल रौतेल,
दिलीप जायसवाल, सुदामा सिंह, समाजसेवी बृजेश गौतम सहित अमरकंटक में निवासरत
धार्मिक गुरु, अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी क्रमानुसार
शामिल हुए।
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