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आखिर कब बदलेंगी जवा की तस्वीर कब लोग होंगे खुशहाल /सार्वजनिक शौचालय विहीन है जवा बाजार । Rewa News

जवा बाजार जाने से डरने लगे है लोग
उदासीनता. सब कुछ बदला, नहीं बदली जवा तहसील (बाजार) की तस्वीर
       
रीवा/जवा : प्रशासनिक उपेक्षा के कारण मुख्य बाजार या फिर मुख्यालय स्थित सार्वजनिक स्थलों पर ना तो सुलभ शौचालय या यूरिनल की व्यवस्था है और ना ही पेयजल का कोई इंतजाम ही कराया गया है. नतीजा है कि इन अति आवश्यक सुविधाओं के अभाव में आम आदमी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.।जवा : मुख्यालय बाजार में आम नागरिकों को दशकों बाद भी मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कुछ भी मयस्सर नहीं हो पाया है. प्रशासनिक उपेक्षा के कारण मुख्य बाजार या फिर मुख्यालय स्थित सार्वजनिक स्थलों पर ना तो सुलभ शौचालय या यूरिनल की व्यवस्था है और ना ही पेयजल का कोई इंतजाम ही कराया गया है. नतीजा है कि इन अति आवश्यक सुविधाओं के अभाव में आम आदमी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बाजार या सार्वजनिक स्थलों पर पहुंचने वाली महिलाओं के लिए तो स्थिति और भी विकट बन जाती है जब वे शौच आदि के लिए इधर उधर भटक कर पर्दा खोजने पर विवश होती हैं. वहीं चिलचिलाती धूप में प्यास बुझाने के लिए संपूर्ण मुख्यालय क्षेत्र के एक भी स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में शौचालय की बात करना तो बेइमानी ही साबित होती है. लोगों की मानें तो आम नागरिकों को सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय व पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेवारी रहती है।वह इसलिए कि मूलभूत सुविधा संवैधानिक अधिकारों में शामिल है. लेकिन सरकारी मुलाजिम तो सरकार के जिम्मेवारियों से इतर अपनी डफली अपना राग में ही मशगूल रहना ही अपना कर्तव्य समझते हैं. फलस्वरूप आम नागरिक इन सुविधाओं व संसाधन के उपलब्ध नहीं रहने से अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित हो रहे हैं दशकों पूर्व बने शौचालय के समक्ष कचरो का ढेर लग चुका है, लाखों की आबादी वाले जवा जनपद के सामने कुछ वर्ष पूर्व एक मात्र शौचालय का निर्माण बस पड़ाव परिसर में कराया गया था जो जर्जर होने के साथ ही दो दशक पूर्व पड़े कूड़े के ढेर में समा चुका है शौचालय की बेहतर व्यवस्था रहने के बावजूद मुख्यालय में किसी भी स्थलों पर अब तक सरकारी स्तर से शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है। मुख्य बाजार की बात करें या प्रखंड सह अंचल कार्यालय की या फिर किसी भी सार्वजनिक स्थलों का ऐसे स्थलों पर ना तो शौचालय का निर्माण कराया गया और ना ही पेयजल का इंतजाम भी किया गया हालांकि मुख्यालय में चिन्हित स्थलों पर अलग-अलग योजनाओं के तहत कई हैंडपंप लगाए गए इन योजनाओं पर सरकारी राशि के लाखों रुपए खर्च किए गए वावजूद इसके स्वच्छ जल से प्यास बुझाने की योजना का लाभ आम लोगों को फलीभूत नहीं हो पाया आनन-फानन में लगाए गए इन गुणवत्ता विहीन नलों की बात करें तो स्थल पर लगाने के पहले दिन से ही खराब पडे है जो जमीदोज होकर विभाग व सरकार को मुंह चिढ़ा रहा है।

पहले भी उठाई गई थी मांग
 आपको बता दें कि कांग्रेस नेता तरुणेंद्र द्विवेदी द्वारा इन समस्याओं को लेकर पहले भी आवाज उठाई गई थी और सरकार से मांग की गई थी कि मुख्यालय अंतर्गत जवा बाजार में सार्वजनिक शौचालय तथा पेयजल की व्यवस्था कराई जाए लेकिन आज तक उस ओर जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया श्री द्विवेदी ने कहा कि हमारा यह सपना था कि जवा को स्वच्छ बनाने के साथ यहां की हर छोटी-बड़ी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेंगे जिनमे कुछ पूरे भी हुए और हमारा प्रयास है कि हम पूरी ताकत के साथ जवा बाजार के लिए लड़ेंगे जवा के रहवासियों ने मुख्यालय स्थित सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग जिला प्रशासन से की है।

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