काले धन पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में दे सकती है हलफनामे
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने विदेशी बैंकों में कालाधन रखने वाले कुछ लोगों के नामों का खुलासा करने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर विदेशों में काला धन रखने वाले तीन लोगों के नामों को बता सकती है।
सूत्रों के अनुसार जिन तीन लोगों के नाम शीर्ष कोर्ट को बताए जाएंगे, वे किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखते हैं। केंद्र सरकार भविष्य में भी जांच के दायरे में आए लोगों के नामों का खुलासा कर सकती है। भविष्य में जब भी इस मामले में जांच आगे बढ़ेगी, सरकार और नामों का खुलासा कर सकती है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शीर्ष कोर्ट से पहले कहा था कि दूसरे देशों के साथ संधि होने के कारण वह विदेशी बैंकों मे काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नामों का खुलासा नहीं कर सकती। ऐसा करने पर संधियों का उल्लंघन होगा। कालाधन मुद्दे पर सरकार कोर्ट को यह भी बताएगी कि जिनका विदेशी बैंकों में खाता है, वो कालाधन है या नहीं। किसी विदेशी बैंक में खाता खोलना अवैध नहीं है, न ही इसके लिए आरबीआई की अनुमित लेना जरूरी है। नियमों के मुताबिक आरबीआई एक शख्स को एक साल में विदेशी खाते में सवा लाख डॉलर रुपये भेजने की इजाजत देता है। ऐसे में सरकार विदेशी खातों में रखे धन को कालेधन को साबित करेगी और इसकी पुष्टि होने के बाद ही सरकार इन नामों को सार्वजनिक कर सकती है।
वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते दिनों संकेत दिया था कि पिछली संप्रग सरकार के एक मंत्री का नाम उन भारतीयों में शामिल हो सकता है जिन लोगों ने विदेशों में कालाधन जमा कर रखा है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में जब उनसे जब यह पूछा गया कि आप यह कहकर संधि विशेष (गोपनीयता की शर्त) का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं कि वह व्यक्ति मनमोहन सिंह की मंत्रिपरिषद का सदस्य हो सकता है, तो वित्त मंत्री ने कहा था कि मैं जानता हूं कि आपका इशारा किस ओर है, लेकिन कृपया उचित समय का इंतजार करें। यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि उनमें संप्रग सरकार का कोई मंत्री हो सकता है तो जेटली का संक्षिप्त जवाब था कि मैं न तो इकरार करता हूं न इनकार करता हूं।
गौरतलब है कि एनडीए सरकार को सिर्फ इस बात के पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों ने देश से बाहर कालाधन रखा है बल्कि संदेह इस बात का भी है जब कालेधन के खिलाफ देश में माहौल बनने लगा तो सरकार ने विदेशी बैंकों में जमा धन को बाहर निकालने का भी रास्ता निकाला। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस चाहे जितना भी दावा करे कि उसने कालेधन पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशें की हैं लेकिन सबूत बताते हैं कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में काफी संदिग्ध फैसले किए गए।
सूत्रों के अनुसार जिन तीन लोगों के नाम शीर्ष कोर्ट को बताए जाएंगे, वे किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखते हैं। केंद्र सरकार भविष्य में भी जांच के दायरे में आए लोगों के नामों का खुलासा कर सकती है। भविष्य में जब भी इस मामले में जांच आगे बढ़ेगी, सरकार और नामों का खुलासा कर सकती है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शीर्ष कोर्ट से पहले कहा था कि दूसरे देशों के साथ संधि होने के कारण वह विदेशी बैंकों मे काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नामों का खुलासा नहीं कर सकती। ऐसा करने पर संधियों का उल्लंघन होगा। कालाधन मुद्दे पर सरकार कोर्ट को यह भी बताएगी कि जिनका विदेशी बैंकों में खाता है, वो कालाधन है या नहीं। किसी विदेशी बैंक में खाता खोलना अवैध नहीं है, न ही इसके लिए आरबीआई की अनुमित लेना जरूरी है। नियमों के मुताबिक आरबीआई एक शख्स को एक साल में विदेशी खाते में सवा लाख डॉलर रुपये भेजने की इजाजत देता है। ऐसे में सरकार विदेशी खातों में रखे धन को कालेधन को साबित करेगी और इसकी पुष्टि होने के बाद ही सरकार इन नामों को सार्वजनिक कर सकती है।
वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते दिनों संकेत दिया था कि पिछली संप्रग सरकार के एक मंत्री का नाम उन भारतीयों में शामिल हो सकता है जिन लोगों ने विदेशों में कालाधन जमा कर रखा है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में जब उनसे जब यह पूछा गया कि आप यह कहकर संधि विशेष (गोपनीयता की शर्त) का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं कि वह व्यक्ति मनमोहन सिंह की मंत्रिपरिषद का सदस्य हो सकता है, तो वित्त मंत्री ने कहा था कि मैं जानता हूं कि आपका इशारा किस ओर है, लेकिन कृपया उचित समय का इंतजार करें। यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि उनमें संप्रग सरकार का कोई मंत्री हो सकता है तो जेटली का संक्षिप्त जवाब था कि मैं न तो इकरार करता हूं न इनकार करता हूं।
गौरतलब है कि एनडीए सरकार को सिर्फ इस बात के पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों ने देश से बाहर कालाधन रखा है बल्कि संदेह इस बात का भी है जब कालेधन के खिलाफ देश में माहौल बनने लगा तो सरकार ने विदेशी बैंकों में जमा धन को बाहर निकालने का भी रास्ता निकाला। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस चाहे जितना भी दावा करे कि उसने कालेधन पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशें की हैं लेकिन सबूत बताते हैं कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में काफी संदिग्ध फैसले किए गए।
No comments
सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com