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बिलावल की जुबां पर कश्मीर, कहा- हमें गलत न समझें हिंदुस्तानी

कराची : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने पहले तो कहा कि वो कश्मीर को भारत से वापस छीन लेंगे और इसका एक इंच भी हिंदुस्तान को नहीं देंगे और अब अपने इस बयान पर लीपा पोती करने में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया कश्मीर मुद्दे को लेकर नहीं रुकनी चाहिए. साथ उन्होंने कश्मीर पर अपनी हालिया टिप्पणी के बारे में कहा कि कश्मीर पर उनकी बयान पर हिंदुस्तानी उन्हें गलत न समझें.

हमारे रुख को गलत न समझें...
बिलावल ने अपनी पहली रैली में कहा, ‘कृपया हमारे (पीपीपी) के रुख को गलत न समझें. जब मैं कश्मीर के बारे में बात करता हूं तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम यह चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया कश्मीर मुद्दे की वजह से रुक जाए.’ पाकिस्तान के भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में पेश किए जा रहे बिलावल ने कहा, ‘लेकिन निश्चित तौर पर भुट्टोवाद के तहत ही मुद्दे का समाधान कश्मीरी लोगों की मर्जी के मुताबिक होगा.’

भारतीय मीडिया ने मेरा दुष्प्रचार किया...
उन्होंने कहा कि कश्मीर पर उनके हालिया बयान पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. बिलावल ने कहा, ‘क्यों, क्योंकि जब मुशर्रफ जैसा तानाशाह कश्मीर के बारे में बोलता है तो भारत कहता है कि आईएसआई शामिल है, जब कोई मुल्ला बोलता है तो वे कहते हैं कि आतंकवादी शामिल हैं. लेकिन जब कोई भुट्टो कहता है तो वे जानते हैं कि यह लोगों की आवाज है.’ उन्होंने कहा, ‘जब मैंने कश्मीर के बारे में बोला तो भारत बलूचिस्तान के बारे में बोला. भारतीय मीडिया ने मेरे खिलाफ दुष्प्रचार शुरू कर दिया.’

बिलावल ने नवाज शरीफ पर साधा निशाना...
बिलावल ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग सरकार की विदेश नीति की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो (भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के शपथग्रहण समारोह में जाने और शामिल होने को उत्सुक रहता है. यह हमारी विदेश नीति है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो संयुक्त राष्ट्र सत्र में गया और सिर्फ जो. बाइडेन से मिलकर बिल्ली की तरह आ गया, जबकि नरेंद्र मोदी ने ओबामा से मुलाकात की.’ वर्ष 2018 में आम चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके बिलावल पीपीपी के प्रमुख हैं जो भारत के साथ आधिकारिक स्तर पर अच्छे संबंध चाहती है.

मेरी मां की हत्या के पीछे मुशर्रफ का हाथ
उनकी मां दिवंगत बेनजीर भुट्टो दो बार प्रधानमंत्री बनीं और 1967 में पीपीपी की स्थापना करने वाले उनके नाना जुल्फीकार अली भुट्टो भी 1970 के दशक में प्रधानमंत्री रहे. बिलावल ने आरोप लगाया कि उनकी मां की हत्या के पीछे परवेज मुशर्रफ और उन लोगों का गुप्त एजेंडा था जो पाकिस्तान में लोकतंत्र नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि ‘ये गुप्त हाथ पाकिस्तान को भी सीरिया और इराक में तब्दील करना चाहते हैं.’ बिलावल ने आगाह किया कि ‘वह दिन दूर नहीं जब तहरीक ए तालिबान को धर्म के नाम पर पेशावर में कार्यालय खोलने की अनुमति मिल जाएगी.’ बिलावल ने कहा, ‘पाकिस्तान का भविष्य केवल भुट्टोवाद और युवा विचारधारा में है.’ वर्ष 2007 में 27 दिसंबर को रावलपिंडी के लियाकत बाग में एक राजनीतिक रैली में संबोधन के तुरंत बाद पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी.

इमरान खान पर भी बरसे बिलावल
पीपीपी प्रमुख ने तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान पर भी हमला बोला और कहा कि उनकी जारी विरोध रैलियां भी ‘इस गुप्त एजेंडे का हिस्सा हैं.’ सिंध सरकार ने शनिवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की और रैली के लिए आधा शहर बंद रहा क्योंकि गहन जांच के लिए पूरे शहर में सुरक्षाकर्मी तैनात थे.

बिलावल ने 18 अक्टूबर को ही इसलिए की पहली रैली...
बेनजीर भुट्टो आठ साल के निर्वासन के बाद 18 अक्टूबर 2007 को पाकिस्तान लौटी थीं और शाहराह ए फैसल में उन्हें निशाना बनाने के लिए दो विस्फोट किए गए थे. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिलावल ने बड़े रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने के लिए रैली के लिए 18 अक्टूबर का दिन चुनकर एक उचित फैसला किया है. रैली को पूर्व प्रधानमंत्रियों यूसुफ रजा गिलानी और और राजा परवेज अशरफ ने भी संबोधित किया. दक्षिणी सिंध प्रांत की सत्तारूढ़ पार्टी पीपीपी ने दावा किया कि रैली में लगभग 10 लाख लोग शामिल हुए. यह आंकड़ा पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से भिन्न है. सिंध पुलिस के अनुसार रैली में 120,000 लोग शामिल हुए, जबकि अन्य सुरक्षा एजेंसियों और गृह विभाग ने रैली में शामिल होने वालों की संख्या 100,000 बताई।

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