1 विस्फोट से जमींदोज हुई 70 फीट ऊंची टंकी
भोपाल। नगर निगम द्वारा सोनागिरी बी सेक्टर के खतरनाक ओवर हैड टैंक को मंगलवार दोपहर ढहा दिया गया। इसे ढहाने के लिए 3 घंटे पहले तैयारी शुरू की गई और 10 किलो बारूद का उपयोग किया। तैयारी पूरी होने के बाद चंद सेकेंड में टंकी धराशायी हो गई। भोपाल की सबसे ऊंची टंकी ओर चारों तरफ मकान होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीएसपी गोविंदपुरा डीएस दयाल ने कमान संभाली थी। वहीं, पिपलानी के टीआई एसपीएस तोमर और गोविंदपुरा के टीआई विजय मिश्रा पूरे समय मौके पर रहे।
इन तीन विशेषज्ञों ने संभाली थी कमान
इसको गिराने के लिए 3 विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे थे, इनमें इंदौर से शरद सरवटे, नागपुर से अजय काटकर और भोपाल के महेश पाटीदार ने अपनी देखरेख में विस्फोट करवाया। विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे के अनुसार टंकी को सीधा गिराने के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी। इसके बाद भी अगर टंकी इधर-उधर होती तो पास लगे नीम के पेड़ पर गिराने का टारगेट था, लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ी और टंकी सीधी की सीधी नीचे आ गई। टैंक को गिराने से पहले पूरे क्षेत्र की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई थी और आसपास के मकानों को खाली करवाया गया। दो साल पहले आनंद नगर टंकी गिराते समय हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद की गई थी।
गुरुवार को भारत नगर की ढहाई जाएगी टंकी
वर्ष 2012 में साईं बाबा नगर की टंकी का हादसा होने के बाद बिल्डिंग एंड रिसर्च सेंटर रुड़की के स्ट्रक्चर इंजीनियर बी कामेश्वर राव ने शहर की जिन टंकियों को खतरनाक घोषित किया था, उनमें सोनागिरी बी सेक्टर और भारत नगर की टंकी भी शामिल थीं। सोनागिरी के बाद अब गुरुवार को भारत नगर की टंकी ढहाई जाएगी। इसके बाद शाहजहांनाबाद और 1100 क्वाटर की टंकी गिराए जाना प्रस्तावित है।
तीन दिन पहले ही दे दिए गए थे नोटिस
नगर निगम जोन 13 के जलकार्य अधिकारी सीके दवे के अनुसार इस बार सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। तीन दिन पहले यहां के सभी मकान मालिकों को नोटिस दे दिए गए थे। इसके बाद सुबह 10 बजे से लगातार चेतावनी दी जाती रही कि विस्फोट के समय अंतिम से पहले सभी अपने मकान खाली कर दें।
इस तरह से की गई थी तैयारियां
टंकी तोड़ने से पहले सोनागिरी में आसपास के मकानों को खाली करवाया गया था। साथ ही आसपास से आने वाले रास्ते का ट्रैफिक भी पूरी तरह से दो घंटे के लिए रोक दिया गया था। वहीं, भारत नगर में टंकी के पास ट्यूबवेल को लोहे की चादर से ढक दिया गया था। तैयारियों से पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही सरवटे ने टंकी गिराने के लिए विस्फोट किया। विस्फोट के साथ ही चंद सेकेंड में ही टंकी जमींदोज हो गई और उसके गिरते ही धूल का गुबार हवा में उठने लगा।
इससे पहले वापस लौट गया था निगम का अमला
इससे पहले यह पानी की टंकी पिछले बुधवार को भी गिराई जानी थी। लेकिन, नगर निगम द्वारा की गईं अधूरी तैयारियों के कारण अमला वापस लौट गया था। मंगलवार सुबह से ही विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे मौके पर मौजूद रहे। यहां उन्होंने सोनागिरी और भारत नगर टंकियों का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से मिलकर टंकियों को तोडऩे के लिए की गईं तैयारियों के बारे में जानकारी ली।
दो साल पहले हुआ था हादसा
दो साल पहले हुए हादसे के बारे में बताते हुए शरद सरवटे ने कहा कि आनंद नगर में टंकी तोड़ते समय लोगों को हमने दूर रहने की हिदायत दी थी। इसके बाद भी लोग नहीं माने और आगे आने से उन्हें चोट लग गई थी। इस बार नगर निगम अधिकारियों से पर्याप्त व्यवस्थाएं करने को कहा है। इस बार अगर कोई आगे आता है, तो वह विस्फोट रोक देंगे। सरवटे के अनुसार नगर निगम तैयारी पूरी कर लेता है तो सोनागिरी और भारत नगर की दोनों टंकियों को गुरुवार या शुक्रवार को विस्फोट से तोडऩे का प्रयास करेंगे। इन दोनों टंकियों को तोडऩे की अनुमति नगर निगम ने कलेक्टर से ले ली है।
इन तीन विशेषज्ञों ने संभाली थी कमान
इसको गिराने के लिए 3 विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे थे, इनमें इंदौर से शरद सरवटे, नागपुर से अजय काटकर और भोपाल के महेश पाटीदार ने अपनी देखरेख में विस्फोट करवाया। विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे के अनुसार टंकी को सीधा गिराने के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी। इसके बाद भी अगर टंकी इधर-उधर होती तो पास लगे नीम के पेड़ पर गिराने का टारगेट था, लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ी और टंकी सीधी की सीधी नीचे आ गई। टैंक को गिराने से पहले पूरे क्षेत्र की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई थी और आसपास के मकानों को खाली करवाया गया। दो साल पहले आनंद नगर टंकी गिराते समय हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद की गई थी।
गुरुवार को भारत नगर की ढहाई जाएगी टंकी
वर्ष 2012 में साईं बाबा नगर की टंकी का हादसा होने के बाद बिल्डिंग एंड रिसर्च सेंटर रुड़की के स्ट्रक्चर इंजीनियर बी कामेश्वर राव ने शहर की जिन टंकियों को खतरनाक घोषित किया था, उनमें सोनागिरी बी सेक्टर और भारत नगर की टंकी भी शामिल थीं। सोनागिरी के बाद अब गुरुवार को भारत नगर की टंकी ढहाई जाएगी। इसके बाद शाहजहांनाबाद और 1100 क्वाटर की टंकी गिराए जाना प्रस्तावित है।
तीन दिन पहले ही दे दिए गए थे नोटिस
नगर निगम जोन 13 के जलकार्य अधिकारी सीके दवे के अनुसार इस बार सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। तीन दिन पहले यहां के सभी मकान मालिकों को नोटिस दे दिए गए थे। इसके बाद सुबह 10 बजे से लगातार चेतावनी दी जाती रही कि विस्फोट के समय अंतिम से पहले सभी अपने मकान खाली कर दें।
इस तरह से की गई थी तैयारियां
टंकी तोड़ने से पहले सोनागिरी में आसपास के मकानों को खाली करवाया गया था। साथ ही आसपास से आने वाले रास्ते का ट्रैफिक भी पूरी तरह से दो घंटे के लिए रोक दिया गया था। वहीं, भारत नगर में टंकी के पास ट्यूबवेल को लोहे की चादर से ढक दिया गया था। तैयारियों से पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही सरवटे ने टंकी गिराने के लिए विस्फोट किया। विस्फोट के साथ ही चंद सेकेंड में ही टंकी जमींदोज हो गई और उसके गिरते ही धूल का गुबार हवा में उठने लगा।
इससे पहले वापस लौट गया था निगम का अमला
इससे पहले यह पानी की टंकी पिछले बुधवार को भी गिराई जानी थी। लेकिन, नगर निगम द्वारा की गईं अधूरी तैयारियों के कारण अमला वापस लौट गया था। मंगलवार सुबह से ही विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे मौके पर मौजूद रहे। यहां उन्होंने सोनागिरी और भारत नगर टंकियों का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से मिलकर टंकियों को तोडऩे के लिए की गईं तैयारियों के बारे में जानकारी ली।
दो साल पहले हुआ था हादसा
दो साल पहले हुए हादसे के बारे में बताते हुए शरद सरवटे ने कहा कि आनंद नगर में टंकी तोड़ते समय लोगों को हमने दूर रहने की हिदायत दी थी। इसके बाद भी लोग नहीं माने और आगे आने से उन्हें चोट लग गई थी। इस बार नगर निगम अधिकारियों से पर्याप्त व्यवस्थाएं करने को कहा है। इस बार अगर कोई आगे आता है, तो वह विस्फोट रोक देंगे। सरवटे के अनुसार नगर निगम तैयारी पूरी कर लेता है तो सोनागिरी और भारत नगर की दोनों टंकियों को गुरुवार या शुक्रवार को विस्फोट से तोडऩे का प्रयास करेंगे। इन दोनों टंकियों को तोडऩे की अनुमति नगर निगम ने कलेक्टर से ले ली है।

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