चिदंबरम बोले, 'अच्छा होता 2जी पर अड़ जाते मनमोहन'
नई दिल्ली। संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम का मानना है कि 2जी मामले से जिस तरह निपटा गया, वह सही नहीं था और इससे कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ। नई दिल्ली में शुक्रवार को एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर चिदंबरम ने कहा कि अच्छा होता कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 2जी आवंटन की पहले आओ पहले पाओ की नीति को मानने से सख्ती से इन्कार कर देते और आवंटन का कोई बेहतर तरीका अपनाते। या फिर आवंटन हो जाने के बाद भी जब मामला उनके पास लाया गया तो अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना लाइसेंस रद करने का आदेश देते। यह पूछे जाने पर कि सरकार ने लाइसेंस रद क्यों नहीं किया? चिदंबरम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार किया जा रहा था। इस तरह के मामले मंत्रिमंडल के सामने नहीं लाए जाते और इन पर अनौपचारिक रूप से ही चर्चा की जाती है।
चिदंबरम ने कहा कि यह देखकर उन्हें अफसोस हुआ कि लोक सभा में स्पष्ट बहुमत के बावजूद वित्त मंत्री जेटली ने पिछली तिथि से कर वाला प्रावधान खारिज नहीं किया। उन्होंने इस बात पर भी निराशा जाहिर की कि बीमा विधेयक पर भाजपा ने संप्रग सरकार का साथ नहीं दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जेटली के आश्वासन के मुताबिक यदि बीमा विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित कर दिया जाता है, तो वे संसद के बाहर खुशियां मनाएंगे। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई कि बीमा विधेयक को संसद के शीत सत्र में पारित करा लिया जाएगा। इस विधेयक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 से बढ़ाकर 49 फीसद करने का प्रावधान है।
चिदंबरम ने कहा कि यह देखकर उन्हें अफसोस हुआ कि लोक सभा में स्पष्ट बहुमत के बावजूद वित्त मंत्री जेटली ने पिछली तिथि से कर वाला प्रावधान खारिज नहीं किया। उन्होंने इस बात पर भी निराशा जाहिर की कि बीमा विधेयक पर भाजपा ने संप्रग सरकार का साथ नहीं दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जेटली के आश्वासन के मुताबिक यदि बीमा विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित कर दिया जाता है, तो वे संसद के बाहर खुशियां मनाएंगे। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई कि बीमा विधेयक को संसद के शीत सत्र में पारित करा लिया जाएगा। इस विधेयक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 से बढ़ाकर 49 फीसद करने का प्रावधान है।
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