चूहे पर दर्ज होगा केस...
रांची | रखरखाव की लापरवाही से प्रदेश के सुखदेव नगर थाने के मालखाने में रखे जब्त किए सामान व रुपये नष्ट हो गए तो थानेदार ने चूहों पर केस दर्ज करने की तहरीर दे दी। पूर्व थानेदार फगुनी पासवान ने वर्तमान थानेदार रणधीर कुमार को दिए आवेदन में बताया कि मालखाने में रखे पुराने दस्तावेज व रुपये चूहों ने कुतर दिए हैं, जबकि कई सामान सड़ चुके हैं। उन्होंने बाकायदा स्टेशन डायरी में इसे लिखकर प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है और प्रभार सौंपे जाने के लिए इसे जरूरी बताया।
तहरीर देने वाले दरोगा फगुनी पासवान फिलहाल दुमका जिले के सरैयाहाट थाने में तैनात हैं। सुखदेव नगर थाने का प्रभार रणधीर कुमार को सौंपे जाने पर उन्होंने थाने के मालखाने की स्थिति लिखित रूप में बयां की। दरअसल, यहां जमा सामानों की देखरेख सही तरीके से नहीं हो सकी, जिससे कई सामान सड़ गए तो कुछ चूहों ने कुतर दिया। दरोगा ने तहरीर में लिखा, 1996 के मटका के कागजात व दो सौ रुपये चूहों ने कुतर डाले हैं। इसके अलावा 2000 में जब्त किए गए तास के पत्ते व 34 रुपये, एक और जगह से जब्त तास के पत्ते व 59 रुपयों को भी चूहों ने कुतर डाला। इसके अलावा 1996 के कागजात और चार हजार आठ सौ रुपये भी चूहे ने कुतर दिए हैं। मालखाने में रखी इन चीजों का नुकसान चूहों की वजह से हुआ, लिहाजा इस बाबत केस दर्ज किया जाए। उन्होंने बताया कि धूप व पानी की वजह से भी मालखाने के अधिकतर सामान, पाइप, तार आदि नष्ट हो चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक शहर अनूप बिरथरे का कहना है कि नियमानुसार यह कानूनी प्रक्रिया है। मालखाने में रखी वस्तुएं अगर नष्ट होती हैं तो उक्त थाने में रखी स्टेशन डायरी में इसे दर्ज कराने का प्रावधान है। चूहे के ऊपर कोई मामला नहीं बनता है। यदि दीमक फाइल को चट कर जाए तो क्या दीमक के ऊपर मामला दर्ज होगा? ऐसा नहीं होता है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि इसमें जिम्मेदार कौन है? मालखाना कोर्ट की संपत्ति होती है, इसलिए इसके प्रभारी को सुरक्षा के लिए सचेत रहना चाहिए।
तहरीर देने वाले दरोगा फगुनी पासवान फिलहाल दुमका जिले के सरैयाहाट थाने में तैनात हैं। सुखदेव नगर थाने का प्रभार रणधीर कुमार को सौंपे जाने पर उन्होंने थाने के मालखाने की स्थिति लिखित रूप में बयां की। दरअसल, यहां जमा सामानों की देखरेख सही तरीके से नहीं हो सकी, जिससे कई सामान सड़ गए तो कुछ चूहों ने कुतर दिया। दरोगा ने तहरीर में लिखा, 1996 के मटका के कागजात व दो सौ रुपये चूहों ने कुतर डाले हैं। इसके अलावा 2000 में जब्त किए गए तास के पत्ते व 34 रुपये, एक और जगह से जब्त तास के पत्ते व 59 रुपयों को भी चूहों ने कुतर डाला। इसके अलावा 1996 के कागजात और चार हजार आठ सौ रुपये भी चूहे ने कुतर दिए हैं। मालखाने में रखी इन चीजों का नुकसान चूहों की वजह से हुआ, लिहाजा इस बाबत केस दर्ज किया जाए। उन्होंने बताया कि धूप व पानी की वजह से भी मालखाने के अधिकतर सामान, पाइप, तार आदि नष्ट हो चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक शहर अनूप बिरथरे का कहना है कि नियमानुसार यह कानूनी प्रक्रिया है। मालखाने में रखी वस्तुएं अगर नष्ट होती हैं तो उक्त थाने में रखी स्टेशन डायरी में इसे दर्ज कराने का प्रावधान है। चूहे के ऊपर कोई मामला नहीं बनता है। यदि दीमक फाइल को चट कर जाए तो क्या दीमक के ऊपर मामला दर्ज होगा? ऐसा नहीं होता है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि इसमें जिम्मेदार कौन है? मालखाना कोर्ट की संपत्ति होती है, इसलिए इसके प्रभारी को सुरक्षा के लिए सचेत रहना चाहिए।
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