सचिन तेंदुलकर ने सरकार से सरिता का समर्थन करने का किया आग्रह
मुंबई : वर्तमान समय में अस्थायी रूप से निलंबित मुक्केबाज सरिता देवी को बल्लेबाजी के बादशाह सचिन तेंदुलकर का समर्थन मिला है जिन्होंने खेल मंत्री को लिखे पत्र में इस अनुभवी मुक्केबाज का साथ देने का आग्रह किया है ताकि उसका करियर बीच में ही समाप्त नहीं हो।
तेंदुलकर ने खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को 15 नवंबर को लिखे पत्र में कहा है कि वह इन रिपोर्टों से परेशान है कि सरिता पर प्रतिबंध लग सकता है जिससे उसका करियर खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने लिखा है, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कृपया तत्काल इस मामले पर गौर करें और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें भरपूर समर्थन मिले ताकि उनका करियर खतरे में नहीं पड़े और बीच में ही समाप्त नहीं हो।
सरिता दक्षिण कोरिया के इंचियोन में खेले गये एशियाई खेलों में महिलाओं के 60 किग्रा के सेमीफाइनल में हार गयी थी। उन्होंने पदक वितरण समारोह में विरोध स्वरूप अपना पदक दूसरी खिलाड़ी को देने की कोशिश की थी। वह विवादास्पद फैसले से निराश थी और उन्होंने पदक के लिये अपनी गर्दन नीचे नहीं की। इसके बाद उन्होंने पदक लिया और उसे अपनी साथी खिलाड़ी पार्क जि ना के गले में डाल दिया जिसे उन दोनों के सेमीफाइनल मुकाबले में विजेता घोषित किया गया था।
रजत पदक जीतने वाली दक्षिण कोरियाई मुक्केबाज ने इसके बाद सरिता को कांस्य पदक वापस लौटाने की कोशिश की थी। तेंदुलकर ने कहा कि खिलाड़ी होने के कारण वह सरिता की भावनाओं को समझ सकते हैं। उन्होंने लिखा है, खिलाड़ी होने के कारण मैं समझ सकता हूं कि देवी किस भावनात्मक उथल पुथल से गुजरी होगी जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। इसके बाद उन्होंने खेद जताया और वह अपना करियर जारी रखने के लिये एक और मौके की हकदार है। तेंदुलकर ने कहा कि मणिपुर की इस मुक्केबाज को उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने अपने व्यवहार के लिये पहले ही माफी मांग ली है।
उन्होंने लिखा है, आपको पता होगा कि उन्होंने अपने खेल भावना के विपरीत किये गये व्यवहार के लिये माफी मांग ली है। एक देश के रूप में हमें इसके लिये अपनी तरफ से हर तरह के प्रयास करने चाहिए कि देवी को माफ किया जाए और उन्हें उच्च स्तर पर मुक्केबाजी का अपना कौशल दिखाने की अनुमति मिले। तेंदुलकर ने सोनोवाल से आइबा के सामने सरिता का मामला रखने के लिये भारतीय ओलंपिक संघ और मुक्केबाजी महासंघ के सीनियर अधिकारियों की टास्क फोर्स गठित करने पर विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने लिखा है, वर्तमान प्रक्रिया की सीमित जानकारी होने के कारण मैं आपकी अगुवाई में भारतीय ओलंपिक संघ, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के कानूनी जानकारी रखने वाले सीनियर अधिकारियों की टास्क फोर्स गठित करने का आग्रह करता हूं। इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, इस टास्क फोर्स का उद्देश्य देवी के बचाव में उचित तर्क पेश करके (मुक्केबाजी की) सर्वोच्च संस्था द्वारा उनके करियर को किसी तरह के नुकसान पहुंचाने के संभावित प्रयास को रोकना होना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि देवी उन खिलाड़ियों में शामिल है जो देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करते हैं और भारत सहित विभिन्न सहयोगियों से हर तरह के समर्थन का हकदार हैं। तेंदुलकर ने मंत्री से जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि आप इस मामले पर गौर करके तुरंत कोई कार्रवाई करोगे।
तेंदुलकर ने खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को 15 नवंबर को लिखे पत्र में कहा है कि वह इन रिपोर्टों से परेशान है कि सरिता पर प्रतिबंध लग सकता है जिससे उसका करियर खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने लिखा है, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कृपया तत्काल इस मामले पर गौर करें और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें भरपूर समर्थन मिले ताकि उनका करियर खतरे में नहीं पड़े और बीच में ही समाप्त नहीं हो।
सरिता दक्षिण कोरिया के इंचियोन में खेले गये एशियाई खेलों में महिलाओं के 60 किग्रा के सेमीफाइनल में हार गयी थी। उन्होंने पदक वितरण समारोह में विरोध स्वरूप अपना पदक दूसरी खिलाड़ी को देने की कोशिश की थी। वह विवादास्पद फैसले से निराश थी और उन्होंने पदक के लिये अपनी गर्दन नीचे नहीं की। इसके बाद उन्होंने पदक लिया और उसे अपनी साथी खिलाड़ी पार्क जि ना के गले में डाल दिया जिसे उन दोनों के सेमीफाइनल मुकाबले में विजेता घोषित किया गया था।
रजत पदक जीतने वाली दक्षिण कोरियाई मुक्केबाज ने इसके बाद सरिता को कांस्य पदक वापस लौटाने की कोशिश की थी। तेंदुलकर ने कहा कि खिलाड़ी होने के कारण वह सरिता की भावनाओं को समझ सकते हैं। उन्होंने लिखा है, खिलाड़ी होने के कारण मैं समझ सकता हूं कि देवी किस भावनात्मक उथल पुथल से गुजरी होगी जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। इसके बाद उन्होंने खेद जताया और वह अपना करियर जारी रखने के लिये एक और मौके की हकदार है। तेंदुलकर ने कहा कि मणिपुर की इस मुक्केबाज को उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने अपने व्यवहार के लिये पहले ही माफी मांग ली है।
उन्होंने लिखा है, आपको पता होगा कि उन्होंने अपने खेल भावना के विपरीत किये गये व्यवहार के लिये माफी मांग ली है। एक देश के रूप में हमें इसके लिये अपनी तरफ से हर तरह के प्रयास करने चाहिए कि देवी को माफ किया जाए और उन्हें उच्च स्तर पर मुक्केबाजी का अपना कौशल दिखाने की अनुमति मिले। तेंदुलकर ने सोनोवाल से आइबा के सामने सरिता का मामला रखने के लिये भारतीय ओलंपिक संघ और मुक्केबाजी महासंघ के सीनियर अधिकारियों की टास्क फोर्स गठित करने पर विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने लिखा है, वर्तमान प्रक्रिया की सीमित जानकारी होने के कारण मैं आपकी अगुवाई में भारतीय ओलंपिक संघ, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के कानूनी जानकारी रखने वाले सीनियर अधिकारियों की टास्क फोर्स गठित करने का आग्रह करता हूं। इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, इस टास्क फोर्स का उद्देश्य देवी के बचाव में उचित तर्क पेश करके (मुक्केबाजी की) सर्वोच्च संस्था द्वारा उनके करियर को किसी तरह के नुकसान पहुंचाने के संभावित प्रयास को रोकना होना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि देवी उन खिलाड़ियों में शामिल है जो देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करते हैं और भारत सहित विभिन्न सहयोगियों से हर तरह के समर्थन का हकदार हैं। तेंदुलकर ने मंत्री से जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि आप इस मामले पर गौर करके तुरंत कोई कार्रवाई करोगे।
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