रामपाल के अनुयायी भी बोले, अब उन्हें कर देना चाहिए समर्पण
बरवाला : संत रामपाल के हिसार के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम से निकलने में सफल रहे कुछ लोगों ने दावा किया है कि आश्रम के अंदर हजारों लोग हैं और अधिकतर वहां से जाना चाहते हैं, लेकिन रामपाल के लाठीधारी समर्थकों ने उन्हें रोक रखा है. इन लोगों ने दावा किया कि यहां सतलोक आश्रम के भीतर अब भी मौजूद लोगों में बडी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे हैं. उत्तरप्रदेश निवासी और खुद का नाम कुसुम बताने वाली 40 वर्षीया एक महिला अनुयायी ने कहा कि वह आज किसी तरह आश्रम से बाहर निकलने में सफल रहीं.
उन्होंने बताया कि मैं किसी तरह बाहर निकल आयी. अब भी अनेक लोग भीतर हैं. आश्रम से बाहर आयी एक अन्य महिला अनुयायी ने कहा, मैं दादरी की रहने वाली हूं. अब भी बहुत से लोग अंदर हैं और उनमें से अधिकतर बाहर आना चाहते हैं. लेकिन उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है. यह पूछने पर कि अंदर रुकने के लिए उन पर कौन दबाव बना रहा है, अलीगढ निवासी एक महिला अनुयायी ने कहा, मैं बाहर आ गयी, लोगों को भोजन पानी हासिल करने में भी मुश्किल हो रही है. लेकिन लाठीधारी कुछ लोगों ने हमसे अंदर ही रुके रहने को कहा और हमें रोकने की कोशिश की. उन्होंने हमसे कहा कि अदालत का फैसला जल्द आएगा और सबकुछ ठीक हो जाएगा. हमने जिद की कि हम जाना चाहते हैं और हम समूह में बाहर आ गए.
हरियाणा से ताल्लकु रखने वाले एक युवा अनुयायी ने कहा, मुङो अंदर रोक दिया गया है. बाबा के बाहरी राज्यों के कुछ समर्थकों ने हमसे अंदर रुके रहने को कहा. उन्होंने कहा कि रामपाल को अदालत के समक्ष तत्काल समर्पण कर देना चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए.
इस अनुयायी ने कहा, आश्रम के भीतर अब भी हजारों अनुयायी मौजूद हैं और उनमें से अधिकतर वहां से निकलना चाहते हैं. लेकिन उनसे कहा गया है कि उन्हें यहां भोजन मिलेगा. लेकिन बहुत से लोग नहीं सुन रहे हैं और धीरे धीरे बाहर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राशन की आपूर्ति काफी धीमी है. उनके जैसे साधारण अनुयायियों ने इन दिनों में रामपाल को नहीं देख है.
उन्होंने बताया कि मैं किसी तरह बाहर निकल आयी. अब भी अनेक लोग भीतर हैं. आश्रम से बाहर आयी एक अन्य महिला अनुयायी ने कहा, मैं दादरी की रहने वाली हूं. अब भी बहुत से लोग अंदर हैं और उनमें से अधिकतर बाहर आना चाहते हैं. लेकिन उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है. यह पूछने पर कि अंदर रुकने के लिए उन पर कौन दबाव बना रहा है, अलीगढ निवासी एक महिला अनुयायी ने कहा, मैं बाहर आ गयी, लोगों को भोजन पानी हासिल करने में भी मुश्किल हो रही है. लेकिन लाठीधारी कुछ लोगों ने हमसे अंदर ही रुके रहने को कहा और हमें रोकने की कोशिश की. उन्होंने हमसे कहा कि अदालत का फैसला जल्द आएगा और सबकुछ ठीक हो जाएगा. हमने जिद की कि हम जाना चाहते हैं और हम समूह में बाहर आ गए.
हरियाणा से ताल्लकु रखने वाले एक युवा अनुयायी ने कहा, मुङो अंदर रोक दिया गया है. बाबा के बाहरी राज्यों के कुछ समर्थकों ने हमसे अंदर रुके रहने को कहा. उन्होंने कहा कि रामपाल को अदालत के समक्ष तत्काल समर्पण कर देना चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए.
इस अनुयायी ने कहा, आश्रम के भीतर अब भी हजारों अनुयायी मौजूद हैं और उनमें से अधिकतर वहां से निकलना चाहते हैं. लेकिन उनसे कहा गया है कि उन्हें यहां भोजन मिलेगा. लेकिन बहुत से लोग नहीं सुन रहे हैं और धीरे धीरे बाहर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राशन की आपूर्ति काफी धीमी है. उनके जैसे साधारण अनुयायियों ने इन दिनों में रामपाल को नहीं देख है.
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