फलों के अधिक सेवन से डिप्रेशन का खतरा
न्यूयॉर्क: यदि आप बच्चों पर फलों के अधिक सेवन के लिए दबाव डालते हैं, तो ऐसा न करें। जरूरत से ज्यादा फलाहार के बुरे परिणाम हो सकते हैं, जो बच्चों में अवसाद के रूप में सामने आ सकते हैं।
एक शोध के अनुसार, फलों में स्वाभाविक रूप से शर्करा होती है, जो फ्रक्टोस की उपलब्धता के लिए जिम्मेदार है। जरूरत से ज्यादा फलाहार किशोर होते बच्चों में अवसाद और बेचैनी को बढ़ा सकता है और साथ ही दिमागी प्रतिक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है।
अटलांटा के एमोरी युनिवर्सिटी के शोधकर्ता कांस्टेंस हैरेल ने बताया, हमारे शोध के नतीजे आपके आहार के मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव और किशोर होते बच्चों में पोषण के महत्व पर प्रकाश डाल सकते हैं। यह शोध वॉशिंगटन डीसी में आयोजित सोसायटी फॉर न्यूरोसाइंस की वार्षिक बैठक न्यूरोसाइंस 2014 में पेश की गई है।
एक शोध के अनुसार, फलों में स्वाभाविक रूप से शर्करा होती है, जो फ्रक्टोस की उपलब्धता के लिए जिम्मेदार है। जरूरत से ज्यादा फलाहार किशोर होते बच्चों में अवसाद और बेचैनी को बढ़ा सकता है और साथ ही दिमागी प्रतिक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है।
अटलांटा के एमोरी युनिवर्सिटी के शोधकर्ता कांस्टेंस हैरेल ने बताया, हमारे शोध के नतीजे आपके आहार के मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव और किशोर होते बच्चों में पोषण के महत्व पर प्रकाश डाल सकते हैं। यह शोध वॉशिंगटन डीसी में आयोजित सोसायटी फॉर न्यूरोसाइंस की वार्षिक बैठक न्यूरोसाइंस 2014 में पेश की गई है।
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