इबोला पर सरकार ने कहा- काबू में हालात
नई दिल्ली : भारत में इबोला का पहला मामला सामने आने के एक दिन बाद स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आज कहा कि दिल्ली हवाईअड्डे पर जिस तरह की व्यवस्था की गई है, उसी तरह के इंतजामात 24 हवाईअड्डों पर किये गए हैं और इस बात पर जोर दिया कि ‘हालात पूरी तरह से काबू’ में है।
हवाईअड्डे पर इस तरह की कवायद से लाइबेरिया से आए एक व्यक्ति में वायरस की पहचान करने में मदद मिली। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि सरकार की ओर से किए ‘अतिरिक्त उपाय’ की बदौलत ही 10 नवंबर को यहां पहुंचने वाले 26 वर्षीय एक व्यक्ति में वायरस का पता लगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अतिरिक्त रूप से चौकसी बरतने के कारण स्वास्थ्य मंत्रालय ने व्यक्ति में इबोला के लिए रक्त नमूने नकारात्मक आने के बाद भी अन्य चीजों (बॉडी फ्लूइड्स) की जांच की। उन्होंने बताया कि हवाईअड्डे पर यात्रियों के यात्रा संबंधी और चिकित्सकीय अतीत को खंगाला जा रहा है।
चिकित्सा रिपोर्ट में जब तक इसकी पुष्टि नहीं होती कि वह वायरस से मुक्त हो गया है, तब तक व्यक्ति को दिल्ली हवाईअड्डे पर विशेष सुविधा केंद्र में एक अलग जगह पर रखा जाएगा। व्यक्ति का लाइबेरिया में इबोला का उपचार हुआ था और उसके पास वहां के प्रशासन का प्रमाणपत्र था कि वह इससे प्रभावित नहीं है।
मंत्रालय ने कहा था कि इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए अफ्रीकी देश में उस व्यक्ति का पहले ही उपचार हो चुका था और कोई अन्य लक्षण नहीं दिखा, लेकिन वीर्य का नमूना सकारात्मक आया जिसके बाद अधिकारियों ने निगरानी में उसे अलग-थलग रखा।
हवाईअड्डे पर इस तरह की कवायद से लाइबेरिया से आए एक व्यक्ति में वायरस की पहचान करने में मदद मिली। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि सरकार की ओर से किए ‘अतिरिक्त उपाय’ की बदौलत ही 10 नवंबर को यहां पहुंचने वाले 26 वर्षीय एक व्यक्ति में वायरस का पता लगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अतिरिक्त रूप से चौकसी बरतने के कारण स्वास्थ्य मंत्रालय ने व्यक्ति में इबोला के लिए रक्त नमूने नकारात्मक आने के बाद भी अन्य चीजों (बॉडी फ्लूइड्स) की जांच की। उन्होंने बताया कि हवाईअड्डे पर यात्रियों के यात्रा संबंधी और चिकित्सकीय अतीत को खंगाला जा रहा है।
चिकित्सा रिपोर्ट में जब तक इसकी पुष्टि नहीं होती कि वह वायरस से मुक्त हो गया है, तब तक व्यक्ति को दिल्ली हवाईअड्डे पर विशेष सुविधा केंद्र में एक अलग जगह पर रखा जाएगा। व्यक्ति का लाइबेरिया में इबोला का उपचार हुआ था और उसके पास वहां के प्रशासन का प्रमाणपत्र था कि वह इससे प्रभावित नहीं है।
मंत्रालय ने कहा था कि इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए अफ्रीकी देश में उस व्यक्ति का पहले ही उपचार हो चुका था और कोई अन्य लक्षण नहीं दिखा, लेकिन वीर्य का नमूना सकारात्मक आया जिसके बाद अधिकारियों ने निगरानी में उसे अलग-थलग रखा।
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