पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान का दावा, भज्जी ने साइमंड्स को कहा था ‘मंकी’
सिडनी: पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान एलेन बार्डन ने कहा है कि एंड्रयू साइमंड्स और हरभजन सिंह के बीच (मंकीगेट) विवाद में क्रिकेट बोर्ड(सीए) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से संबंध खराब होने के डर से भारतीय स्पिनर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की थी। बार्डर ने दावा किया कि सीरीज के बाद हरभजन और साइमंड्स के बीच सुलह के लिये एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें भारतीय खिलाड़ी हरभजन ने साइमंड्स को ‘मंकी’ कहकहर बुलाया था।
बार्डर ने अपनी नई किताब में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें खेल में राजनीति पसंद नहीं है और उन्हें आज भी पूर्व आस्ट्रेलियाई आलराउंडर साइमंड्स पर की गई नस्लभेदी टिप्पणी को लेकर सीए की कार्रवाई और लचर रवैये से नाराजगी महसूस होती है।
पूर्व कप्तान ने किताब में दावा किया कि वर्ष 2007 सितंबर अक्टूबर में भारत के खिलाफ आस्ट्रेलिया की वनडे सीरीज के दौरान मैन आफ द सीरीज रहे साइमंड्स पर वडोदरा और नागपुर में दर्शकों ने नस्लभेदी टिप्पणियां की थी जबकि मुंबई में हरभजन ने भी मैदान पर उनके साथ अनुचित व्यवहार किया।
बार्डर ने दावा किया कि सीरीज के बाद हरभजन और साइमंड्स के बीच सुलह के लिए एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें भारतीय खिलाड़ी हरभजन ने साइमंड्स को ‘मंकी’ कहकहर बुलाया था। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों खिलाड़ी इसी मामले को लेकर सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन और न्यूईयर टेस्ट के दौरान भी भिड़ गए थे और साइमंड्स ने हरभजन को उन्हें दोबारा ‘मंकी’ कहते सुना था।
पूर्व कप्तान ने कहा कि इस पूरे विवाद पर बीसीसीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की थी और आईसीसी के दबाव बनाने के बाद ही रेफरी माइक प्रोक्टर ने भारतीय आफ स्पिनर को तीन मैचों के लिए प्रतिबंधित किया था। इसके बाद आस्ट्रेलिया दौरे पर आई भारतीय टीम ने शेष दो टेस्ट छोड़कर जाने की धमकी सीए को दी थी।
बार्डन ने कहा कि बीसीसीआई की धमकी के कारण सीए को अपने कारोबार में नुकसान का डर सताने लगा था जिसके कारण आस्ट्रेलियाई बोर्ड मामले पर चुप रहकर आगे बढऩा चाहता था। उन्होंने साथ ही कहा कि इस विवाद के बाद साइमंड्स का क्रिकेट करियर बुरी तरह प्रभावित हुआ।
बार्डर ने अपनी नई किताब में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें खेल में राजनीति पसंद नहीं है और उन्हें आज भी पूर्व आस्ट्रेलियाई आलराउंडर साइमंड्स पर की गई नस्लभेदी टिप्पणी को लेकर सीए की कार्रवाई और लचर रवैये से नाराजगी महसूस होती है।
पूर्व कप्तान ने किताब में दावा किया कि वर्ष 2007 सितंबर अक्टूबर में भारत के खिलाफ आस्ट्रेलिया की वनडे सीरीज के दौरान मैन आफ द सीरीज रहे साइमंड्स पर वडोदरा और नागपुर में दर्शकों ने नस्लभेदी टिप्पणियां की थी जबकि मुंबई में हरभजन ने भी मैदान पर उनके साथ अनुचित व्यवहार किया।
बार्डर ने दावा किया कि सीरीज के बाद हरभजन और साइमंड्स के बीच सुलह के लिए एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें भारतीय खिलाड़ी हरभजन ने साइमंड्स को ‘मंकी’ कहकहर बुलाया था। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों खिलाड़ी इसी मामले को लेकर सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन और न्यूईयर टेस्ट के दौरान भी भिड़ गए थे और साइमंड्स ने हरभजन को उन्हें दोबारा ‘मंकी’ कहते सुना था।
पूर्व कप्तान ने कहा कि इस पूरे विवाद पर बीसीसीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की थी और आईसीसी के दबाव बनाने के बाद ही रेफरी माइक प्रोक्टर ने भारतीय आफ स्पिनर को तीन मैचों के लिए प्रतिबंधित किया था। इसके बाद आस्ट्रेलिया दौरे पर आई भारतीय टीम ने शेष दो टेस्ट छोड़कर जाने की धमकी सीए को दी थी।
बार्डन ने कहा कि बीसीसीआई की धमकी के कारण सीए को अपने कारोबार में नुकसान का डर सताने लगा था जिसके कारण आस्ट्रेलियाई बोर्ड मामले पर चुप रहकर आगे बढऩा चाहता था। उन्होंने साथ ही कहा कि इस विवाद के बाद साइमंड्स का क्रिकेट करियर बुरी तरह प्रभावित हुआ।

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