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फड़णवीस ने पास किया इम्तिहान, ध्वनिमत से विश्वासमत प्रस्ताव पास

मुंबई : महाराष्ट्र में बीजेपी की नई सरकार ने बुधवार को दोनों परीक्षा पास कर ली। भाजपा का स्‍पीकर चुने जाने के बाद सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत भी हासिल कर लिया। हालांकि, शिवसेना ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पास किए जाने और 'डिविजन ऑफ वोट' न कराए जाने को लेकर सभापति के आसन के सामने (वेल) में आकर विरोध भी किया। एनसीपी ने ध्वनिमत से पहले सदन से वॉकआउट किया। लेकिन शिवसेना ध्वनिमत में बीजेपी सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ रही। एनसीपी के वॉकआउट करनेे से बीजेपी ने आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया।

इससे पहले कांग्रेस और शिवसेना द्वारा अपने प्रत्याशी वापस लेने के बाद बीजेपी के हरिभाऊ बागड़े निर्विरोध स्पीकर चुन लिए गए। शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा कि शिवसेना विश्वास मत प्रस्ताव पर बीजेपी के खिलाफ वोट करेगी, लेकिन स्पीकर पद पर बीजेपी के साथ है।

शिवसेना बोली, चूहों के समर्थन से सरकार बचेगी क्या?
एनसीपी के वॉकआउट करने के कदम का अंदाजा शिवसेना को पहले से ही था। यही वजह है कि बुधवार को छपे शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखा है- क्या चूहों के समर्थन से सरकार बचेगी क्या? शिवसेना ने 'सामना' में छपे लेख में कहा है- महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चयन तुम महाराष्ट्र की तिजोरी कुतरने वाले चूहों के समर्थन पर करोगे क्या? विश्वास मत प्रस्ताव भी उन्हीं चूहों की सहायता से जीतने वाले हो क्या? इन सवालों का जवाब तुम्हें जनता को देना होगा। पर इन चूहों की सहायता से महाराष्ट्र को तुम कहां ले जाकर रखने वाले हो? इसका जवाब तुम कभी भी नहीं दे पाओगे।

एनसीपी के समर्थन से परहेज नहीं
भाजपा को एनसीपी से समर्थन पर परहेज नहीं है। पार्टी नेता राजीव प्रताप रूडी ने मंगलवार को कहा था, "महाराष्ट्र के विकास के लिए जो आगे आना चाहते हैं, उनका स्वागत है। मुझे उम्मीद है कि शिवसेना साथ आएगी। एनसीपी पहले ही बिना शर्त समर्थन दे चुकी है। गड़बड़ियों के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, लिहाजा हमें उनके समर्थन की जरूरत नहीं है।" बता दें कि इससे पहले सीएम फड़णवीस एनसीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए समर्थन न लेने की बात कहते रहे थे। वहीं, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने मंगलवार को एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे से बात की। उसके बाद कहा, "एनसीपी ने विश्वास मत में सरकार को समर्थन का एलान किया है। लेकिन स्पीकर के चुनाव में हम समर्थन की उम्मीद कर सकते हैं।'' कांग्रेस विधायक दल के नेता राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने कहा, "समर्थन के लिए गायकवाड़ ने एनसीपी चीफ शरद पवार से बात की है।"
 
फॉर्मूला-1 : एनसीपी सरकार के पक्ष में वोटिंग करे 
सदन में मौजूद होंगे : 287 विधायक
बहुमत के लिए जरूरी होंगे : 144
एनसीपी के समर्थन से सरकार के साथ होंगे : 122+41=163
विपक्ष में रह जाएंगे शिवसेना, कांग्रेस और अन्य के - 63+42+19=124
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फॉर्मूला-2: एनसीपी का सदन से वॉकआउट 
एनसीपी (41) के वॉकआउट से विधायकों की संख्या होगी-246
बहुमत का आंकड़ा-124
निर्दलीयों और अन्य दलों के साथ भाजपा के साथ होंगे-122+13= 135
विपक्ष में रह जाएंगे शिवसेना, कांग्रेस-अन्य (एमआईएम, माकपा) - 63+42+6= 111
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विधानसभा की स्थिति 
कुल सीटें - 288
भाजपा विधायक की मौत की वजह से एक पद खाली है, इसलिए 287
भाजपा व सहयोगी - 122
शिवसेना - 63
कांग्रेस - 42
एनसीपी - 41
अन्य -19 
 
 

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