पीड़िताओं की मदद के लिए बनेंगे 7 नए केन्द्र
भोपाल। प्रदेश में पीड़िताओं की मदद के लिए स्वास्थ विभाग ऐसे केन्द्र खोलने की योजना बना रहा है, जो राजधानी के गौरवी केन्द्र जैसे होंगे। प्रदेश के अन्य संभागों में इसे खोले जाने पर विचार किया जा रहा हैं। फिलहाल सात केन्द्र बनाने की स्वास्थ मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने स्वीकृति दी है।
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ विभाग एक जनवरी 2015 से सरकारी अस्पतालों में 300 प्रकार की दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। वर्तमान में ये संख्या 250 है। यही नहीं पीड़िताओं की मदद के लिए प्रदेश में सात संभागों में गौरवी केन्द्र खोले जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार इस दिशा में काम जल्द शुरू हो जाएगा।
राजधानी के गौरवी केन्द्र की तरह प्रदेश के अन्य स्थानों में भी गौरवी केन्द्र खोले जाएंगे। स्वास्थ विभाग ने फिलहाल सात केन्द्रों को मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि राजधानी के जेपी अस्पताल परिसर में गौरवी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। इसे घरेलू हिंसा,पति प्रताड़ना और बलात्कार पीड़त महिलाओं की मदद के उददेश्य से स्थापित किया गया है। ताकि उन्हें एक ही स्थान पर परामर्श और मेडिकल सुविधा मिल सके। गौरवी केन्द्र की कोर्डीनेटर ने बताया कि रोजाना करीब 30 से 35 पीड़िताएं मदद की उम्मीद से यहां आती हैं। इसमें से अधिकतर बलात्कार पीड़ित होती हैं। जिन्हें शहर के विभिन्न थानों द्वारा परामर्श के लिए यहां पहुंचाया जाता है।
होगी नई नियुक्तियां:
स्वास्थ विभाग प्रदेश में डॉक्टरों की कमी दूर करने जा रहा है। वर्तमान में 8 हजार डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य पदों की कमी है। फरवरी तक 1271 डॉक्टरों की भर्ती कर ली जाएगी। प्रदेश में 8 जिलों में डायलिसिस मशीन लगाई गई हैं, फरवरी-मार्च तक पूरे प्रदेश में यह मशीनें लगा दी जाएंगी। पिछले एक साल में 44 जिलों में कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी शुरू की गई है। वहीं भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित 10 जिलों में फेको पद्धति से नेत्र सर्जरी की शुरुआत भी की है।
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ विभाग एक जनवरी 2015 से सरकारी अस्पतालों में 300 प्रकार की दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। वर्तमान में ये संख्या 250 है। यही नहीं पीड़िताओं की मदद के लिए प्रदेश में सात संभागों में गौरवी केन्द्र खोले जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार इस दिशा में काम जल्द शुरू हो जाएगा।
राजधानी के गौरवी केन्द्र की तरह प्रदेश के अन्य स्थानों में भी गौरवी केन्द्र खोले जाएंगे। स्वास्थ विभाग ने फिलहाल सात केन्द्रों को मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि राजधानी के जेपी अस्पताल परिसर में गौरवी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। इसे घरेलू हिंसा,पति प्रताड़ना और बलात्कार पीड़त महिलाओं की मदद के उददेश्य से स्थापित किया गया है। ताकि उन्हें एक ही स्थान पर परामर्श और मेडिकल सुविधा मिल सके। गौरवी केन्द्र की कोर्डीनेटर ने बताया कि रोजाना करीब 30 से 35 पीड़िताएं मदद की उम्मीद से यहां आती हैं। इसमें से अधिकतर बलात्कार पीड़ित होती हैं। जिन्हें शहर के विभिन्न थानों द्वारा परामर्श के लिए यहां पहुंचाया जाता है।
होगी नई नियुक्तियां:
स्वास्थ विभाग प्रदेश में डॉक्टरों की कमी दूर करने जा रहा है। वर्तमान में 8 हजार डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य पदों की कमी है। फरवरी तक 1271 डॉक्टरों की भर्ती कर ली जाएगी। प्रदेश में 8 जिलों में डायलिसिस मशीन लगाई गई हैं, फरवरी-मार्च तक पूरे प्रदेश में यह मशीनें लगा दी जाएंगी। पिछले एक साल में 44 जिलों में कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी शुरू की गई है। वहीं भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित 10 जिलों में फेको पद्धति से नेत्र सर्जरी की शुरुआत भी की है।
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