पानी के मुद्दे पर खट्टर का बयान गैर जिम्मेदाराना: AAP
नई दिल्ली: दिल्ली को पानी देने के बारे में पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि उनका राज्य राष्ट्रीय राजधानी को हर रोज 8 करोड़ गैलन पानी जारी करने को कानूनी रूप से बाध्य है।
आप ने यहां जारी एक बयान में कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि खट्टर इस बात से अनभिज्ञ हैं कि वर्ष 1993 में दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते के अनुसार हरियाणा दिल्ली के वास्ते मुनक नहर मे 8 करोड़ गैलन पानी देने को कानूनी रूप से बाध्य है। खट्टर ने कहा था कि वह दिल्ली एवं हरियाणा में पानी की कमी की समस्या का हल करने के तरीके ढूंढने के लिए केंद्र से संपर्क करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि हरियाणा के पास अपना जलस्त्रोत नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी को भी उसकी जरूरतों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘‘हम केंद्र से संपर्क करेंगेे और पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान से जलस्रोत ढूढेंगे तथा इन स्रोतों से राष्ट्रीय राजधानी को पानी आपूर्ति करने का प्रयास करेंगे।’’
आप ने कहा, ‘‘शनिवार को खट्टर द्वारा दिया गया यह बयान कि उनकी सरकार दिल्ली को पानी नहीं जारी कर सकती और यदि दूसरे राज्य मदद को आगे आएं तो उनका राज्य भी ऐसा कर पाएगा, स्पष्ट रूप से बताता है कि उन्हें उनकी राज्य सरकार की कानूनी बाध्यता का अब भी ज्ञान नहीं है।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘खट्टर को 27 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश को पढऩा चाहिए जिसमें हरियाणा सरकार को दिल्ली को पानी जारी करने का निर्देश दिया गया है।’’
आप ने यहां जारी एक बयान में कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि खट्टर इस बात से अनभिज्ञ हैं कि वर्ष 1993 में दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते के अनुसार हरियाणा दिल्ली के वास्ते मुनक नहर मे 8 करोड़ गैलन पानी देने को कानूनी रूप से बाध्य है। खट्टर ने कहा था कि वह दिल्ली एवं हरियाणा में पानी की कमी की समस्या का हल करने के तरीके ढूंढने के लिए केंद्र से संपर्क करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि हरियाणा के पास अपना जलस्त्रोत नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी को भी उसकी जरूरतों को समझना चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘‘हम केंद्र से संपर्क करेंगेे और पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान से जलस्रोत ढूढेंगे तथा इन स्रोतों से राष्ट्रीय राजधानी को पानी आपूर्ति करने का प्रयास करेंगे।’’
आप ने कहा, ‘‘शनिवार को खट्टर द्वारा दिया गया यह बयान कि उनकी सरकार दिल्ली को पानी नहीं जारी कर सकती और यदि दूसरे राज्य मदद को आगे आएं तो उनका राज्य भी ऐसा कर पाएगा, स्पष्ट रूप से बताता है कि उन्हें उनकी राज्य सरकार की कानूनी बाध्यता का अब भी ज्ञान नहीं है।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘खट्टर को 27 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश को पढऩा चाहिए जिसमें हरियाणा सरकार को दिल्ली को पानी जारी करने का निर्देश दिया गया है।’’
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