गोंडवाना एक्स. में मिले देशी बम, टला बडा हादसा
जबलपुर। जबलपुर से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस रविवार को भीषण आतंकी घटना से बच गई। ट्रेन के एस-8 कोच की 14 नबंर बर्थ के नीचे एक काले रंग के थैले में 10 देसी बम बरामद हुए। ये बम 12 बोल्ट की बैटरी और मल्टीमीटर से जुडे थे। यात्री की सूचना पर पहुंचे जीआरपी जवानों ने थैले को सुरक्षित ढंग से कोच से बाहर निकाला और फिर बमों को निçष्Rय किया गया। बाद में जांच-पडताल कर ट्रेन को रवाना कर दिया गया।
जबलपुर-निजामुद्दीन (22181) ट्रेन रात नौ बजे जैसे ही बीना के पहले मालखेडी स्टेशन पहुंची, वहां उसकी दोबारा सर्चिंग की गई। एस-8 बोगी समेत पूरी ट्रेन को जीआरपी जवानों ने डॉग स्`ाड के साथ सर्च किया। यात्रियों और उनके सामान की भी जांच की गई। हालांकि इस दौरान ट्रेन में कुछ भी नहीं मिला। बम निरोधक दस्ते के प्रभारी पंकज सिंह टीम समेत लगभग साढे 5 बजे सिहोरा पहुंचे। टीम ने जब थ्ौले को खोला, तो सभी के होश उड गए। थैले में 10 जिंदा बम रखे थे। उनके साथ दो लाइटर भी रखे थे। बम निरोधक दस्ते के अनुसार यदि थैले में कोई छेडछाड करता, तो बैटरी के माध्यम से ट्रांसमीटर सçRय हो जाता और बम फट भी सकता था। यदि ऎसा होता, तो पूरा कोच धमाके से नष्ट हो जाता।
देखते ही मची चीख-पुकार...
ट्रेन दोपहर तीन बजे जबलपुर स्टेशन से रवाना हुई थी। गोसलपुर के पास बैग की सूचना मिली। साढे तीन बजे सिहोरा स्टेशन पर ट्रेन रोकी गई। यात्री दहशत में थे। चीख -पुकार मच गई। यात्री ट्रेन से उतरकर इधर-उधर भागने लगे। 2 जवानों ने विस्फोटक भरे थैले को ट्रेन से बाहर निकाला और इसे स्टेशन के बाहर एक तालाब के किनारे ले जाकर रख दिया। रेलवे के डीजी मैथिलीशरण गुप्त ने बताया कि थैले में रखे बम छोटे- छोटे थे, जो बैटरी से जुडे थे। यात्री की सूचना पर हमारे हवलदार पहुंचे, जिन्होंने इसे ट्रेन से बाहर निकाला। बीडीडीएस टीम ने बमों को निçष्Rय कर दिया है।
जांच के बाद ट्रेन रवाना...
बम मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने एहतियातन गोंडवाना एक्सप्रेस की अन्य बोगियों की भी जांच की। इसके अलावा, पुलिस एस-8 बोगी में सवार यात्रियों से भी जानकारी जुटाई। करीब एक घंटे तक चली सभी बोगियों की जांच के बाद ट्रेन को रवाना कर दिया गया। खुद को रेलवे का स्टाफ बता रहा था संदिग्ध... यात्रियों के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने सिहोरा में जीआरपी के सिपाही को सूचना दी थी वह सागर स्टेशन पर उतर गया था और स्वयं को रेलवे स्टाफ बता रहा था। उसकी लाल मूंछें थीं और उम्र लगभग45-50 वर्ष थी। यात्रियों के बयान के आधार पर जीआरपी ने संदिग्ध का स्केच तैयार किया है।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में हुआ था ऎसे ही विस्फोटक का इस्तेमाल....
स्पेशल डीजी रेल मैथिलीशरण गुप्त के मुताबिक, पायरो बम अति ज्वलनशील होता है। इसमें विस्फोटक समेत ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है। विस्फोट के बाद यह पदार्थ जहां भी गिरता है, वहां आग लग जाती है। सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2007 में समझौता एक्सप्रेस में भी इसी तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। निशाने पर दिल्ली! जांच एजेसियां बडे धमाके की साजिश से इनकार नहीं कर रही हैं। ट्रेन दिल्ली जा रही थी इसलिए माना जा रहा है कि इसे दिल्ली या किसी दूसरे शहर में भी इस्तेमाल किया जा सकता था। ट्र्ेन में बम मिलने की सूचना जीआरपी ने एनआईए और मध्य प्रदेश एसटीएफ को दे दी है।
जबलपुर-निजामुद्दीन (22181) ट्रेन रात नौ बजे जैसे ही बीना के पहले मालखेडी स्टेशन पहुंची, वहां उसकी दोबारा सर्चिंग की गई। एस-8 बोगी समेत पूरी ट्रेन को जीआरपी जवानों ने डॉग स्`ाड के साथ सर्च किया। यात्रियों और उनके सामान की भी जांच की गई। हालांकि इस दौरान ट्रेन में कुछ भी नहीं मिला। बम निरोधक दस्ते के प्रभारी पंकज सिंह टीम समेत लगभग साढे 5 बजे सिहोरा पहुंचे। टीम ने जब थ्ौले को खोला, तो सभी के होश उड गए। थैले में 10 जिंदा बम रखे थे। उनके साथ दो लाइटर भी रखे थे। बम निरोधक दस्ते के अनुसार यदि थैले में कोई छेडछाड करता, तो बैटरी के माध्यम से ट्रांसमीटर सçRय हो जाता और बम फट भी सकता था। यदि ऎसा होता, तो पूरा कोच धमाके से नष्ट हो जाता।
देखते ही मची चीख-पुकार...
ट्रेन दोपहर तीन बजे जबलपुर स्टेशन से रवाना हुई थी। गोसलपुर के पास बैग की सूचना मिली। साढे तीन बजे सिहोरा स्टेशन पर ट्रेन रोकी गई। यात्री दहशत में थे। चीख -पुकार मच गई। यात्री ट्रेन से उतरकर इधर-उधर भागने लगे। 2 जवानों ने विस्फोटक भरे थैले को ट्रेन से बाहर निकाला और इसे स्टेशन के बाहर एक तालाब के किनारे ले जाकर रख दिया। रेलवे के डीजी मैथिलीशरण गुप्त ने बताया कि थैले में रखे बम छोटे- छोटे थे, जो बैटरी से जुडे थे। यात्री की सूचना पर हमारे हवलदार पहुंचे, जिन्होंने इसे ट्रेन से बाहर निकाला। बीडीडीएस टीम ने बमों को निçष्Rय कर दिया है।
जांच के बाद ट्रेन रवाना...
बम मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने एहतियातन गोंडवाना एक्सप्रेस की अन्य बोगियों की भी जांच की। इसके अलावा, पुलिस एस-8 बोगी में सवार यात्रियों से भी जानकारी जुटाई। करीब एक घंटे तक चली सभी बोगियों की जांच के बाद ट्रेन को रवाना कर दिया गया। खुद को रेलवे का स्टाफ बता रहा था संदिग्ध... यात्रियों के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने सिहोरा में जीआरपी के सिपाही को सूचना दी थी वह सागर स्टेशन पर उतर गया था और स्वयं को रेलवे स्टाफ बता रहा था। उसकी लाल मूंछें थीं और उम्र लगभग45-50 वर्ष थी। यात्रियों के बयान के आधार पर जीआरपी ने संदिग्ध का स्केच तैयार किया है।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में हुआ था ऎसे ही विस्फोटक का इस्तेमाल....
स्पेशल डीजी रेल मैथिलीशरण गुप्त के मुताबिक, पायरो बम अति ज्वलनशील होता है। इसमें विस्फोटक समेत ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है। विस्फोट के बाद यह पदार्थ जहां भी गिरता है, वहां आग लग जाती है। सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2007 में समझौता एक्सप्रेस में भी इसी तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। निशाने पर दिल्ली! जांच एजेसियां बडे धमाके की साजिश से इनकार नहीं कर रही हैं। ट्रेन दिल्ली जा रही थी इसलिए माना जा रहा है कि इसे दिल्ली या किसी दूसरे शहर में भी इस्तेमाल किया जा सकता था। ट्र्ेन में बम मिलने की सूचना जीआरपी ने एनआईए और मध्य प्रदेश एसटीएफ को दे दी है।
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