सुषमा ने पाक को लिखी चिट्ठी, सीजफायर तोड़ने पर कड़ी हिदायत
नई दिल्ली : भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी रेंजरों की मौत को लेकर 'विश्वास तोड़ने' संबंधी पाकिस्तान के आरोप को शनिवार को खारिज कर दिया। इसके साथ ही भारत ने उससे अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति तय करने के लिए विकसित किए गए तंत्र का पालन करने की हिदायत दी है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज को पत्र लिखा। एक दिन पहले ही अजीज ने 31 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल द्वारा रेंजरों के मारे जाने की तत्काल जांच कराने की मांग की थी और इसका जोरदार विरोध किया था।
अजीज ने आरोप लगाया था कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बैठक के लिए बुलाने के बाद दो पाकिस्तानी रेंजरों को मार दिया था। अजीज के आरोपों को खारिज करते हुए सुषमा ने जोर दिया कि पाकिस्तानी कमांडरों ने भारतीय पक्ष द्वारा बचाव में की गई गोलीबारी के जवाब में उच्च क्षमता वाले हथियारों का उपयोग कर संघर्ष का दायरा बढ़ा दिया और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया।
विदेश मंत्री ने लिखा कि 31 दिसंबर को जम्मू क्षेत्र में घटनाएं उस समय शुरू हुईं जब बीएसएफ का एक नियमित गश्ती दल पाकिस्तानी सीमा चौकी से निशाना बना कर की गई गोलीबारी की चपेट में आया। इसमें एक भारतीय सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।
सुषमा ने कहा कि जैसा कहा जा रहा है, भारतीय पक्ष ने किसी भी चरण में सफेद झंडे के तले प्लाटून स्तरीय संपर्क की मांग नहीं की थी। भारत की ओर से पाकिस्तान को लगातार यह संदेश दिया जा रहा था कि अगर वे भारतीय सीमा चौकियों पर गोलीबारी रोक देते हैं तो भारत बचाव के लिए की जा रही गोलीबारी तत्काल रोक देगा।
पत्र में कहा गया है कि दुर्भाग्य से पाकिस्तानी कमांडरों ने शाम होने तक इस सुझाव की अनदेखी की। इसमें कहा गया है कि भारत हमेशा उस तंत्र का पालन करता रहा है और करता रहेगा, जिसे अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया था। सुषमा ने अजीज से यह सुनिश्चित करने को कहा कि पाकिस्तानी बल भी ऐसा ही करें।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज को पत्र लिखा। एक दिन पहले ही अजीज ने 31 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल द्वारा रेंजरों के मारे जाने की तत्काल जांच कराने की मांग की थी और इसका जोरदार विरोध किया था।
अजीज ने आरोप लगाया था कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बैठक के लिए बुलाने के बाद दो पाकिस्तानी रेंजरों को मार दिया था। अजीज के आरोपों को खारिज करते हुए सुषमा ने जोर दिया कि पाकिस्तानी कमांडरों ने भारतीय पक्ष द्वारा बचाव में की गई गोलीबारी के जवाब में उच्च क्षमता वाले हथियारों का उपयोग कर संघर्ष का दायरा बढ़ा दिया और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया।
विदेश मंत्री ने लिखा कि 31 दिसंबर को जम्मू क्षेत्र में घटनाएं उस समय शुरू हुईं जब बीएसएफ का एक नियमित गश्ती दल पाकिस्तानी सीमा चौकी से निशाना बना कर की गई गोलीबारी की चपेट में आया। इसमें एक भारतीय सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।
सुषमा ने कहा कि जैसा कहा जा रहा है, भारतीय पक्ष ने किसी भी चरण में सफेद झंडे के तले प्लाटून स्तरीय संपर्क की मांग नहीं की थी। भारत की ओर से पाकिस्तान को लगातार यह संदेश दिया जा रहा था कि अगर वे भारतीय सीमा चौकियों पर गोलीबारी रोक देते हैं तो भारत बचाव के लिए की जा रही गोलीबारी तत्काल रोक देगा।
पत्र में कहा गया है कि दुर्भाग्य से पाकिस्तानी कमांडरों ने शाम होने तक इस सुझाव की अनदेखी की। इसमें कहा गया है कि भारत हमेशा उस तंत्र का पालन करता रहा है और करता रहेगा, जिसे अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया था। सुषमा ने अजीज से यह सुनिश्चित करने को कहा कि पाकिस्तानी बल भी ऐसा ही करें।
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