जाति, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार : राजनाथ
नई दिल्ली: दिल्ली में गिरिजाघरों पर एक के बाद एक हुए ‘हमलों’ के मद्देनजर
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार जाति और धर्म के आधार पर कोई
भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेगी और साथ ही दिल्ली पुलिस को गिरजाघरों और अन्य
उपासना स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ।
गृह मंत्री ने ईसाई नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को इस बात से अवगत कराया कि राष्ट्रीय राजधानी में हाल में गिरिजाघरों पर हुए कथित ‘हमलों’ की निष्पक्ष जांच करने के आदेश जारी किये गये हैं । ईसाई नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल ने सिंह से उनके नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में मुलकात की । गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार गृह मंत्री ने ईसाई नेताओं को बताया कि सरकार जाति और धर्म के आधार पर कोई भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेगी ।
गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को गिरजाघरों और अन्य उपासना स्थलों की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम करने का भी निर्देश दिया । प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें एक ज्ञापन दिया जिसमें ईसाइयों और उनके उपासना स्थलों की सुरक्षा की मांग की गई।
समुदाय के नेता जान दयाल ने कहा कि उनकी मांगों के बाद गृह मंत्री ने पुलिस को गिरजाधरों पर कथित हमलों के मामले में प्राथमिकी में दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने, धार्मिक भावना आहत करने आदि जैसे भारतीय दंड सहिता के कुछ प्रावधानों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया ।
दयाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले ढाई महीने के अंदर पांच चर्च पर हमले हुए हैं । पुलिस ने इस मामले में कुछ नहीं किया और उन लोगों ने घटनाओं को मामूली चोरी और अतिक्रमण बताया । दयाल ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री को बताया कि ये मामूली घटनायें नहीं हैं बल्कि यह हमारे धार्मिक स्थलों पर हमला है ।
एक अन्य ईसाई नेता जेनिस फ्रांसिस ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि सरकार कानून का राज बहाल करने के लिए तत्काल और कारगर उपाय करे, लक्षित और सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगाये । दोषी को पकड़ा जाये और कानून के मुताबिक उस पर कार्रवाई होनी चाहिए । पुलिस अधिकारियों को उनके क्षेत्राधिकार में सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार बनाया जाये ।’ उनका यह भी कहना था कि पिछले छह महीने के अंदर चर्चपर कथित हमले की घटनायें बढी हैं । उन्होंने चर्चों के खिलाफ हिंसा की कथित घटनाओं की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने की भी मांग की ।
गृह मंत्री ने ईसाई नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को इस बात से अवगत कराया कि राष्ट्रीय राजधानी में हाल में गिरिजाघरों पर हुए कथित ‘हमलों’ की निष्पक्ष जांच करने के आदेश जारी किये गये हैं । ईसाई नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल ने सिंह से उनके नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में मुलकात की । गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार गृह मंत्री ने ईसाई नेताओं को बताया कि सरकार जाति और धर्म के आधार पर कोई भेदभाव बर्दाश्त नहीं करेगी ।
गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को गिरजाघरों और अन्य उपासना स्थलों की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम करने का भी निर्देश दिया । प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें एक ज्ञापन दिया जिसमें ईसाइयों और उनके उपासना स्थलों की सुरक्षा की मांग की गई।
समुदाय के नेता जान दयाल ने कहा कि उनकी मांगों के बाद गृह मंत्री ने पुलिस को गिरजाधरों पर कथित हमलों के मामले में प्राथमिकी में दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने, धार्मिक भावना आहत करने आदि जैसे भारतीय दंड सहिता के कुछ प्रावधानों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया ।
दयाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले ढाई महीने के अंदर पांच चर्च पर हमले हुए हैं । पुलिस ने इस मामले में कुछ नहीं किया और उन लोगों ने घटनाओं को मामूली चोरी और अतिक्रमण बताया । दयाल ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री को बताया कि ये मामूली घटनायें नहीं हैं बल्कि यह हमारे धार्मिक स्थलों पर हमला है ।
एक अन्य ईसाई नेता जेनिस फ्रांसिस ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि सरकार कानून का राज बहाल करने के लिए तत्काल और कारगर उपाय करे, लक्षित और सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगाये । दोषी को पकड़ा जाये और कानून के मुताबिक उस पर कार्रवाई होनी चाहिए । पुलिस अधिकारियों को उनके क्षेत्राधिकार में सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार बनाया जाये ।’ उनका यह भी कहना था कि पिछले छह महीने के अंदर चर्चपर कथित हमले की घटनायें बढी हैं । उन्होंने चर्चों के खिलाफ हिंसा की कथित घटनाओं की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने की भी मांग की ।
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