खान एवं खनिज अधिनियम संशोधन से क्षेत्र विकास की अपार संभावनाएँ : मंत्री
भोपाल । खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 में संशोधन संबंधी अध्यादेश से क्षेत्र के विकास की अपार संभावनाएँ बनेंगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जिस उद्देश्य से इसमें संशोधन किया है उसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। शुक्ल आज प्रशासन अकादमी में खान एवं खनिज अध्यादेश पर कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने कहा कि राज्य अभी तक माइनिंग क्षेत्र में विकास की संभावनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे थे। अध्यादेश से माइनिंग क्षेत्र की समस्या को दूर करने एवं पारदर्शिता बढ़ाने भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। इससे जहाँ पारदर्शिता आयेगी वहीं प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेंगी। साथ ही राजस्व बढ़ेगा तथा प्रदेश में स्टील एवं सीमेंट आदि प्लांट लगेंगे। अध्यादेश में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन गठन का प्रावधान भी रखा गया है। इसका फायदा खनिज क्षेत्रों के लोगों को मिल सकेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के थ्री एस का जिक्र करते हुए स्पीड, स्किल तथा स्पेस को सामने रखकर कार्य करने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि अब 'मेक इन इण्डिया' के साथ 'मेक इन मध्यप्रदेश' को सामने रखकर कार्य करना होगा।
मंत्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप मध्यप्रदेश को देश का बेहतर राज्य बनाने एवं विकास को बढ़ावा देने खनिज क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं।
संयुक्त सचिव खान मंत्रालय अरूण कुमार ने अधिनियम में किये गये संशोधन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुरानी पद्धति में पूरी प्रक्रिया में एक ठहराव सा आ गया था। प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने अध्यादेश लाया गया है। श्री कुमार ने कहा कि भारत सरकार की सोच है कि खनिज मामलों में राज्य सरकारों को अधिक से अधिक अधिकार दिये जाये। नये अध्यादेश के माध्यम से अवैध उत्खनन पर प्रभावशाली रोक लगेगी। उन्होंने ई-खनिज बेवसाइट की प्रशंसा की।
सचिव खनिज साधन शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि यह अध्यादेश मूलभूत बदलाव के लिए लाया गया है। इससे प्रदेश सरकार की आय में वृद्धि हो सकेगी। श्री शुक्ल ने कहा कि एक क्लिक पर सभी जानकारियाँ उपलब्ध हो सकें, इसके लिए नई वेबसाइट बनाई गई है। ई-खनिज मॉड्यूल से लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब खनिज परिवहन के वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके बिना परिवहन करना दण्डनीय होगा। पूर्व में रजिस्ट्रेशन की लम्बी प्रक्रिया थी। परिवहन विभाग के साथ एकीकृत व्यवस्था प्रारंभ की गई है जिससे वाहनों का ई-रजिस्ट्रेशन आसान होगा। इसकी सूचना वाहन स्वामी को एसएमएस के माध्यम से भी मिलेगी।
सचिव श्री शुक्ल ने कहा कि आने वाले समय में ट्रांजिट पास के लिए भी ई-टीपी मॉडल लागू किया जाएगा। इसके साथ ही ई-ऑक्शन को लागू किया जा रहा है। प्रदेश में नई रेत नीति बनाई जा रही है।
कार्यशाला में खनि पट्टाधारकों ने अध्यादेश से संबंधित विभिन्न पहलु को समझा। केन्द्रीय संयुक्त सचिव ने जिज्ञासाओं का समाधान किया।
शुक्ल द्वारा ई-रजिस्ट्रेशन की नवीन प्रक्रिया तथा वेबसाइट का शुभारंभ
इस अवसर पर खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने खनिज परिवहन वाहनों के ई-रजिस्ट्रेशन की नवीन प्रक्रिया तथा खनिज विभाग की वेबसाइट www.mineralresources.mp.gov.in का शुभारंभ किया। वाहन स्वामी श्रीमती प्रीति जैन ने ट्रक क्रमांक MP-04-HE-3374 का ई-रजिस्ट्रेशन करवाया। वाहन स्वामी ई-खनिज के पोर्टल mpsc.mp.nic/e_khanij पर ई-रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसमें वाहन स्वामी को खनि अधिकारियों से वाहनों के सत्यापन की जरूरत नहीं होगी।
श्री शुक्ल ने कहा कि राज्य अभी तक माइनिंग क्षेत्र में विकास की संभावनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे थे। अध्यादेश से माइनिंग क्षेत्र की समस्या को दूर करने एवं पारदर्शिता बढ़ाने भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। इससे जहाँ पारदर्शिता आयेगी वहीं प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेंगी। साथ ही राजस्व बढ़ेगा तथा प्रदेश में स्टील एवं सीमेंट आदि प्लांट लगेंगे। अध्यादेश में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन गठन का प्रावधान भी रखा गया है। इसका फायदा खनिज क्षेत्रों के लोगों को मिल सकेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के थ्री एस का जिक्र करते हुए स्पीड, स्किल तथा स्पेस को सामने रखकर कार्य करने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि अब 'मेक इन इण्डिया' के साथ 'मेक इन मध्यप्रदेश' को सामने रखकर कार्य करना होगा।
मंत्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप मध्यप्रदेश को देश का बेहतर राज्य बनाने एवं विकास को बढ़ावा देने खनिज क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं।
संयुक्त सचिव खान मंत्रालय अरूण कुमार ने अधिनियम में किये गये संशोधन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुरानी पद्धति में पूरी प्रक्रिया में एक ठहराव सा आ गया था। प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने अध्यादेश लाया गया है। श्री कुमार ने कहा कि भारत सरकार की सोच है कि खनिज मामलों में राज्य सरकारों को अधिक से अधिक अधिकार दिये जाये। नये अध्यादेश के माध्यम से अवैध उत्खनन पर प्रभावशाली रोक लगेगी। उन्होंने ई-खनिज बेवसाइट की प्रशंसा की।
सचिव खनिज साधन शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि यह अध्यादेश मूलभूत बदलाव के लिए लाया गया है। इससे प्रदेश सरकार की आय में वृद्धि हो सकेगी। श्री शुक्ल ने कहा कि एक क्लिक पर सभी जानकारियाँ उपलब्ध हो सकें, इसके लिए नई वेबसाइट बनाई गई है। ई-खनिज मॉड्यूल से लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब खनिज परिवहन के वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके बिना परिवहन करना दण्डनीय होगा। पूर्व में रजिस्ट्रेशन की लम्बी प्रक्रिया थी। परिवहन विभाग के साथ एकीकृत व्यवस्था प्रारंभ की गई है जिससे वाहनों का ई-रजिस्ट्रेशन आसान होगा। इसकी सूचना वाहन स्वामी को एसएमएस के माध्यम से भी मिलेगी।
सचिव श्री शुक्ल ने कहा कि आने वाले समय में ट्रांजिट पास के लिए भी ई-टीपी मॉडल लागू किया जाएगा। इसके साथ ही ई-ऑक्शन को लागू किया जा रहा है। प्रदेश में नई रेत नीति बनाई जा रही है।
कार्यशाला में खनि पट्टाधारकों ने अध्यादेश से संबंधित विभिन्न पहलु को समझा। केन्द्रीय संयुक्त सचिव ने जिज्ञासाओं का समाधान किया।
शुक्ल द्वारा ई-रजिस्ट्रेशन की नवीन प्रक्रिया तथा वेबसाइट का शुभारंभ
इस अवसर पर खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने खनिज परिवहन वाहनों के ई-रजिस्ट्रेशन की नवीन प्रक्रिया तथा खनिज विभाग की वेबसाइट www.mineralresources.mp.gov.in का शुभारंभ किया। वाहन स्वामी श्रीमती प्रीति जैन ने ट्रक क्रमांक MP-04-HE-3374 का ई-रजिस्ट्रेशन करवाया। वाहन स्वामी ई-खनिज के पोर्टल mpsc.mp.nic/e_khanij पर ई-रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसमें वाहन स्वामी को खनि अधिकारियों से वाहनों के सत्यापन की जरूरत नहीं होगी।
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