पार्टी विरोधी मेरी किसी भी गतिविधि का सबूत दें : कीर्ति आजाद
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला करने के लिए निलंबित किये गए भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ का सबूत मांगा और कहा कि वह पार्टी के ‘वफादार सैनिक’ रहे हैं।
दरभंगा से तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके आजाद ने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें भेजे गये निलंबन के पत्र में ‘डीडीसीए भ्रष्टाचार’ का कोई उल्लेख नहीं किया गया है जिसे लेकर उन्होंने जेटली पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि इसने उन्हें यह भरोसा हुआ कि भाजपा का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। यह विशुद्ध रूप से पार्टी के दायरे से बाहर है।
कभी पार्टी के हितों के खिलाफ काम नहीं किया
उन्होंने शाह को लिखा, ‘निष्पक्षता से और स्वभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत, मैं इसके इंतजार में हूं कि पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने के मुझ पर लगे गंभीर आरोपों से अपना नाम साफ करने का मुझे एक मौका मिलेगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे जल्द से जल्द उदाहरण और सबूत मुहैया कराएं कि मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हुआ ताकि मैं संदेह दूर कर सकूं और आपको आपके संतोष के मुताबिक जवाब मुहैया करा सकूं तथा इसकी पुष्टि कर सकूं कि मैंने न तो पार्टी के संविधान और न ही पार्टी के हितों के खिलाफ काम किया है।’
मेरा रिकॉर्ड बेदाग है
आजाद ने पार्टी के इस आरोप का उल्लेख किया कि उन्होंने अपने कृत्यों से भाजपा और उसके पदाधिकारियों की छवि को नुकसान पहुंचाया और यह कि उन्होंने कांग्रेस और आप के साथ सांठगांठ की। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह 1993 से भाजपा के एक वफादार सैनिक हैं जब वह नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथ मेरे जुड़ाव में कलंक की एक भी घटना नहीं हुई है जिसने मुझे पार्टी के संविधान के तहत कार्य करने का हरेक मौका दिया है। मैं दोहराता हूं कि मैं भाजपा का एक ईमानदार कार्यकर्ता रहूंगा और मेरा यह बिल्कुल भी इरादा नहीं है कि मैं पार्टी के लिए कोई शर्मिंदगी का कोई कारण बनूं या पार्टी विरोधी किसी गतिविधि में लिप्त होउं और पार्टी में 23 वर्ष का मेरा निष्कलंक रिकॉर्ड इसकी पुष्टि करेगा।’
पार्टी का इस मामले से कुछ लेना देना नहीं
उन्होंने कहा, ‘चूंकि आपने (शाह) ने डीडीसीए भ्रष्टाचार का उल्लेख नहीं किया है, मैं मानता हूं कि पार्टी का इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है और (यह) पूरी तरह से उसके दायरे से बाहर है।’ भाजपा ने गत बुधवार को आजाद को अपनी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से तीन दिन पहले आजाद ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन किया था तथा उसके बाद संसद के भीतर एवं बाहर चुनौती देने वाले कृत्य में लिप्त हुए थे।
दरभंगा से तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके आजाद ने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें भेजे गये निलंबन के पत्र में ‘डीडीसीए भ्रष्टाचार’ का कोई उल्लेख नहीं किया गया है जिसे लेकर उन्होंने जेटली पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि इसने उन्हें यह भरोसा हुआ कि भाजपा का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। यह विशुद्ध रूप से पार्टी के दायरे से बाहर है।
कभी पार्टी के हितों के खिलाफ काम नहीं किया
उन्होंने शाह को लिखा, ‘निष्पक्षता से और स्वभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत, मैं इसके इंतजार में हूं कि पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने के मुझ पर लगे गंभीर आरोपों से अपना नाम साफ करने का मुझे एक मौका मिलेगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे जल्द से जल्द उदाहरण और सबूत मुहैया कराएं कि मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हुआ ताकि मैं संदेह दूर कर सकूं और आपको आपके संतोष के मुताबिक जवाब मुहैया करा सकूं तथा इसकी पुष्टि कर सकूं कि मैंने न तो पार्टी के संविधान और न ही पार्टी के हितों के खिलाफ काम किया है।’
मेरा रिकॉर्ड बेदाग है
आजाद ने पार्टी के इस आरोप का उल्लेख किया कि उन्होंने अपने कृत्यों से भाजपा और उसके पदाधिकारियों की छवि को नुकसान पहुंचाया और यह कि उन्होंने कांग्रेस और आप के साथ सांठगांठ की। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह 1993 से भाजपा के एक वफादार सैनिक हैं जब वह नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथ मेरे जुड़ाव में कलंक की एक भी घटना नहीं हुई है जिसने मुझे पार्टी के संविधान के तहत कार्य करने का हरेक मौका दिया है। मैं दोहराता हूं कि मैं भाजपा का एक ईमानदार कार्यकर्ता रहूंगा और मेरा यह बिल्कुल भी इरादा नहीं है कि मैं पार्टी के लिए कोई शर्मिंदगी का कोई कारण बनूं या पार्टी विरोधी किसी गतिविधि में लिप्त होउं और पार्टी में 23 वर्ष का मेरा निष्कलंक रिकॉर्ड इसकी पुष्टि करेगा।’
पार्टी का इस मामले से कुछ लेना देना नहीं
उन्होंने कहा, ‘चूंकि आपने (शाह) ने डीडीसीए भ्रष्टाचार का उल्लेख नहीं किया है, मैं मानता हूं कि पार्टी का इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है और (यह) पूरी तरह से उसके दायरे से बाहर है।’ भाजपा ने गत बुधवार को आजाद को अपनी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से तीन दिन पहले आजाद ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन किया था तथा उसके बाद संसद के भीतर एवं बाहर चुनौती देने वाले कृत्य में लिप्त हुए थे।
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