CPI नेता एबी बर्धन का निधन, PM मोदी ने जताया शोक
नई दिल्ली : लंबे समय से बीमार चल रहे वामपंथी नेता ए. बी बर्धन का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। बर्धन के निधन से भारतीय राजनीति शोक में डूब गए। 90 के दशक में देश की गठबंधन की राजनीति के समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) का नेतृत्व करने वाले वरिष्ठ वामपंथी नेता एबी बर्धन का शनिवार देर रात यहां लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.
आपको बता दें कि बर्धन के परिवार में एक बेटा अशोक और एक बेटी अल्का हैं. नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं उनकी पत्नी का साल 1986 में निधन हो गया था.
बर्धन को पिछले महीने पैरालिसिस की बीमारी के चलते दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जीबी पंत अस्पताल में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और निर्देशक डॉक्टर विनोद पुरी ने कहा कि ए. बी बर्धन का शनिवार रात 8:20 बजे निधन हो गया. उन्हें मस्तिष्क की धमनी में अवरोध के कारण मस्तिष्काघात हुआ था. वह कोमा में थे.
बर्धन के निधन की खबर पर राष्ट्रपति मुखर्जी, PM मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया और अरविंद केजरीवाल समेत देश के कई नेताओं ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(भाकपा) के पूर्व महासचिव एबी बर्धन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुखर्जी ने अपने शोक संदेश में कहा कि भाकपा नेता और वरिष्ठ मजदूर नेता एबी एबी बर्धन के निधन से गहरा दुख हुआ है।
बर्धन के निधन पर PM मोदी ने ट्विटर पर शोक जताया है.
अरविन्द केजरीवाल ने कर कहा, ‘‘कामरेड एबी बर्धन के निधन की खबर सुनकर दुःख हुआ। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता एबी बर्धन के निधन से दुःखी हूं। उनके परिवार और पार्टी के उनके साथियों के प्रति संवेदनाएं।’’
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी एबी बर्धन के निधन पर शोक जताया है। नायडू ने भाकपा नेता के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह देश की अपूरनीय क्षति है। नायडू ने कहा,‘‘सादी पृष्ठभूमि से आने वाले एबी बर्धन ने ऊंचाइयों को छुआ और बिना थके लोगों की सेवा की। वह उन चुनिंदा नेताओं में से थे जिन्होंने राजनीति से ऊपर उठकर लोगों के लिए काम किया। अर्धेन्दु भूषण एबी बर्धन मजदूर संघ आंदोलन और महाराष्ट्र में वाम राजनीति के सक्रिय नेता रहे। वर्ष 1957 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते।’’
अध्रेंदू भूषण बर्धन महाराष्ट्र में श्रम संगठन आंदोलन और वामपंथी राजनीति के चर्चित चेहरे रहे हैं.
1957 में चुनावी राजनीति में उतरे थे जबएबी बर्धन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की लेकिन वह लोकसभा तथा राज्यसभा चुनावों में सफलता हासिल नहीं कर पाए.
लेफ्ट के पुराने लीडर
- वे पार्टी में उस वक्त से सक्रिय थे, जब भारत में कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन नहीं हुआ था।
- बर्धन 1990 के दशक में सीपीआई के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी बने।
- वह 1996 में इंद्रजीत गुप्ता की जगह पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने। यह पार्टी की टॉप पोस्ट मानी जाती है।
कब सीपीआई के टॉप नेता बने थे बर्धन...
- उनका जन्म बारिसाल में (अब बांग्लादेश में) हुआ था। उनके पिता नागपुर में रेलवे के अधिकारी थे।
- इसी शहर में उनका बचपन बीता और उन्होंने राजनीति शुरू की।
- अर्द्धेन्दू भूषण बर्धन महाराष्ट्र के मजदूर संगठन आंदोलन से निकले वामपंथी लीडर थे।
- महाराष्ट्र असेंबली इलेक्शन में 1957 में वह इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में जीते थे।
- बाद में वह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी बने, जो भारत का सबसे पुराना मजदूर संगठन है।
आपको बता दें कि बर्धन के परिवार में एक बेटा अशोक और एक बेटी अल्का हैं. नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं उनकी पत्नी का साल 1986 में निधन हो गया था.
बर्धन को पिछले महीने पैरालिसिस की बीमारी के चलते दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जीबी पंत अस्पताल में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और निर्देशक डॉक्टर विनोद पुरी ने कहा कि ए. बी बर्धन का शनिवार रात 8:20 बजे निधन हो गया. उन्हें मस्तिष्क की धमनी में अवरोध के कारण मस्तिष्काघात हुआ था. वह कोमा में थे.
बर्धन के निधन की खबर पर राष्ट्रपति मुखर्जी, PM मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया और अरविंद केजरीवाल समेत देश के कई नेताओं ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(भाकपा) के पूर्व महासचिव एबी बर्धन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुखर्जी ने अपने शोक संदेश में कहा कि भाकपा नेता और वरिष्ठ मजदूर नेता एबी एबी बर्धन के निधन से गहरा दुख हुआ है।
बर्धन के निधन पर PM मोदी ने ट्विटर पर शोक जताया है.
Will always remember Shri AB Bardhan as a passionate Communist, fully committed to his ideology & principles. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2016
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘एबी बर्धन के निधन से न केवल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बल्कि पूरे देश ने एक ऐसे नेता को खो दिया है जो अपने पूरे जीवन में शोषितों एवं पीडितों के लिए लड़ते रहे।’’अरविन्द केजरीवाल ने कर कहा, ‘‘कामरेड एबी बर्धन के निधन की खबर सुनकर दुःख हुआ। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता एबी बर्धन के निधन से दुःखी हूं। उनके परिवार और पार्टी के उनके साथियों के प्रति संवेदनाएं।’’
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी एबी बर्धन के निधन पर शोक जताया है। नायडू ने भाकपा नेता के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह देश की अपूरनीय क्षति है। नायडू ने कहा,‘‘सादी पृष्ठभूमि से आने वाले एबी बर्धन ने ऊंचाइयों को छुआ और बिना थके लोगों की सेवा की। वह उन चुनिंदा नेताओं में से थे जिन्होंने राजनीति से ऊपर उठकर लोगों के लिए काम किया। अर्धेन्दु भूषण एबी बर्धन मजदूर संघ आंदोलन और महाराष्ट्र में वाम राजनीति के सक्रिय नेता रहे। वर्ष 1957 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते।’’
अध्रेंदू भूषण बर्धन महाराष्ट्र में श्रम संगठन आंदोलन और वामपंथी राजनीति के चर्चित चेहरे रहे हैं.
1957 में चुनावी राजनीति में उतरे थे जबएबी बर्धन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की लेकिन वह लोकसभा तथा राज्यसभा चुनावों में सफलता हासिल नहीं कर पाए.
लेफ्ट के पुराने लीडर
- वे पार्टी में उस वक्त से सक्रिय थे, जब भारत में कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन नहीं हुआ था।
- बर्धन 1990 के दशक में सीपीआई के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी बने।
- वह 1996 में इंद्रजीत गुप्ता की जगह पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने। यह पार्टी की टॉप पोस्ट मानी जाती है।
कब सीपीआई के टॉप नेता बने थे बर्धन...
- उनका जन्म बारिसाल में (अब बांग्लादेश में) हुआ था। उनके पिता नागपुर में रेलवे के अधिकारी थे।
- इसी शहर में उनका बचपन बीता और उन्होंने राजनीति शुरू की।
- अर्द्धेन्दू भूषण बर्धन महाराष्ट्र के मजदूर संगठन आंदोलन से निकले वामपंथी लीडर थे।
- महाराष्ट्र असेंबली इलेक्शन में 1957 में वह इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में जीते थे।
- बाद में वह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी बने, जो भारत का सबसे पुराना मजदूर संगठन है।
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