पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित का भड़काऊ बयान बोले...
नयी दिल्ली: पाकिस्तान ने आज यहां एक भड़काऊ संदेश में कहा कि वह अपने स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर की ‘आजादी’ के लिए समर्पित करता है और वह राज्य की जनता को कूटनीतिक, राजनीतिक और भावनात्मक स्तर पर पूरा समर्थन देता रहेगा।
पाकिस्तानी दूतावास में देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन के मौके पर भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने ये टिप्पणियां की हैं। भारत ने कल जम्मू-कश्मीर पर बातचीत के पाकिस्तान के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए पाक-समर्थित सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने की मांग उठाई थी। बासित की टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब पाकिस्तानी बलों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम का उल्लंघन किया है।
बासित ने कहा, ‘जहां तक जम्मू-कश्मीर की बात है तो हम इस साल के स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर की आजादी के लिए समर्पित करते हैं। हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘मौजूदा अशांति खत्म होनी चाहिए। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की साहसी जनता को कूटनीतिक, राजनीतिक और भावनात्मक स्तर पर तब तक अपना पूरा समर्थन देता रहेगा जब तक उन्हें आत्मनिर्णय का उनका अधिकार नहीं मिल जाता।’ बासित ने कहा कि ‘चाहे जितनी भी ताकत का’ इस्तेमाल क्यों न कर किया जाए लेकिन जम्मू-कश्मीर की जनता की राजनीतिक आकांक्षाओं को दबाया नहीं जा सकेगा और ‘स्वतंत्रता आंदोलन’ अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगा। अपने संबोधन में बासित ने कहा कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सार्वभौम समानता के आधार पर हमेशा से भारत के साथ अच्छे संबंध चाहे हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि कश्मीरी जनता के ‘वैध संघर्ष’ को ‘महत्वहीन’ नहीं माना जा सकता और न ही इसे नजरअंदाज किया जा सकता है। बासित ने कहा कि इस मतभेद के हल के लिए संरा के संबंधित प्रस्ताव का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की है।
भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि, ‘आज हमारा देश कई चुनौतियों से जूझ रहा है लेकिन कोई भी ताकत पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। जो लोग पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हमारे लोग जो चाहे मुस्लिम हों, हिंदू हों या सिख हों, वे एक साथ हैं और पाकिस्तान के भले के लिए वे कोई भी बलिदान देने से नहीं हिचकेंगे।’ भारत ने कल यह साफ कर दिया था कि भारत-पाक संबंधों में वह समसामयिक और प्रासंगिक मुद्दों पर बात करेगा और इस बार इस बातचीत में पाक-समर्थित सीमापार आतंकवाद को रोकने के मुद्दे को शामिल किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है, ‘भारत-पाकिस्तान संबंधों में भारत समसामयिक और प्रासंगिक मुद्दों पर बातचीत का स्वागत करता है। इस बार इसमें पाक-समर्थित सीमापार आतंकवाद को रोकने और बहादुर अली जैसे आतंकवादियों की घुसपैठ के मुद्दे को शामिल किया गया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इसमें सीमापार हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने का मुद्दा, हाफिज सईद और सैयद सलाउद्दीन जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित आतंकवादियों को पकड़ना और मुंबई हमले के मुकदमे की आगे की कार्रवाई तथा पठानकोट मामले की जांच गंभीरता से करना शामिल है।’
पाकिस्तानी दूतावास में देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन के मौके पर भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने ये टिप्पणियां की हैं। भारत ने कल जम्मू-कश्मीर पर बातचीत के पाकिस्तान के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए पाक-समर्थित सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने की मांग उठाई थी। बासित की टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब पाकिस्तानी बलों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम का उल्लंघन किया है।
बासित ने कहा, ‘जहां तक जम्मू-कश्मीर की बात है तो हम इस साल के स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर की आजादी के लिए समर्पित करते हैं। हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘मौजूदा अशांति खत्म होनी चाहिए। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की साहसी जनता को कूटनीतिक, राजनीतिक और भावनात्मक स्तर पर तब तक अपना पूरा समर्थन देता रहेगा जब तक उन्हें आत्मनिर्णय का उनका अधिकार नहीं मिल जाता।’ बासित ने कहा कि ‘चाहे जितनी भी ताकत का’ इस्तेमाल क्यों न कर किया जाए लेकिन जम्मू-कश्मीर की जनता की राजनीतिक आकांक्षाओं को दबाया नहीं जा सकेगा और ‘स्वतंत्रता आंदोलन’ अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगा। अपने संबोधन में बासित ने कहा कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सार्वभौम समानता के आधार पर हमेशा से भारत के साथ अच्छे संबंध चाहे हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि कश्मीरी जनता के ‘वैध संघर्ष’ को ‘महत्वहीन’ नहीं माना जा सकता और न ही इसे नजरअंदाज किया जा सकता है। बासित ने कहा कि इस मतभेद के हल के लिए संरा के संबंधित प्रस्ताव का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की है।
भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि, ‘आज हमारा देश कई चुनौतियों से जूझ रहा है लेकिन कोई भी ताकत पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। जो लोग पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हमारे लोग जो चाहे मुस्लिम हों, हिंदू हों या सिख हों, वे एक साथ हैं और पाकिस्तान के भले के लिए वे कोई भी बलिदान देने से नहीं हिचकेंगे।’ भारत ने कल यह साफ कर दिया था कि भारत-पाक संबंधों में वह समसामयिक और प्रासंगिक मुद्दों पर बात करेगा और इस बार इस बातचीत में पाक-समर्थित सीमापार आतंकवाद को रोकने के मुद्दे को शामिल किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है, ‘भारत-पाकिस्तान संबंधों में भारत समसामयिक और प्रासंगिक मुद्दों पर बातचीत का स्वागत करता है। इस बार इसमें पाक-समर्थित सीमापार आतंकवाद को रोकने और बहादुर अली जैसे आतंकवादियों की घुसपैठ के मुद्दे को शामिल किया गया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इसमें सीमापार हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने का मुद्दा, हाफिज सईद और सैयद सलाउद्दीन जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित आतंकवादियों को पकड़ना और मुंबई हमले के मुकदमे की आगे की कार्रवाई तथा पठानकोट मामले की जांच गंभीरता से करना शामिल है।’
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