एक पत्थर से बना है देवतालाब का यह विशालकाय मंदिर
रीवा : रीवा में एक ही पत्थर में बना हुआ एक विशाल मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रातों रात हुआ और इसे स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था।
ऐसा कहा जाता है कि जब सुबह लोगों ने देखा तो यहां पर एक विशाल मंदिर बना हुआ मिला था लेकिन यह किसी ने नहीं देखा कि मंदिर का निर्माण कब, किसने और कैसे किया।
पूर्वजों के बताए अनुसार मंदिर के साथ यहां पर एक अलौकिक शिवलिंग की भी उत्पत्ति हुई थी यह शिवलिंग रहस्यमय है एवं दिन में 4 बार रंग बदलती है
मान्यता है कि शिव के परम भक्त महर्षि मार्कंडेय देवतालाब में शिव के दर्शन की जिद में आराधना में लीन थे और स्वयं शिव ने महर्षि को दर्शन देने हेतु एवं उनकी पूजा अर्चना हेतु यहां पर मंदिर बनाने के लिए भगवान विश्वकर्मा को आदेशित किया था उसके उपरांत रातोंरात यहां पर एक विशाल मंदिर का निर्माण हो गया एवं शिवलिंग की स्थापना भी हुई। एक ही पत्थर से निर्मित यह अद्भुत मंदिर है इस मंदिर में आपको कहीं भी जोड़ नहीं दिखेगा।
ऐसी मान्यता भी है कि इस मंदिर के नीचे शिव का एक दूसरा मंदिर भी है और इसमें चमत्कारी मणि मौजूद है। कई वर्षों पूर्व मंदिर के तहखाने से लगातार सांप एवम बिच्छुओं के निकलने की वजह से मंदिर का दरवाजा बंद कर दिया गया था। मंदिर के ठीक सामने एक गढी मौजूद थी यहां का राजा नास्तिक था। माना जाता है कि राजा लगातार इस मंदिर को गिरवाने का प्रयत्न कर रहा था। इस हेतु जब राजा ने पूर्ण योजना बनाई कि वह इस मंदिर को गिरवा देगा तब वह उसी वक्त पूरे राजवंश के साथ जमीन में दबकर यमलोक को प्राप्त हो गया।
इस शिवलिंग के अलावा यहां पर रीवा रियासत के महाराजा द्वारा चार अन्य मंदिरों का निर्माण कराया गया था।
ऐसा माना जाता है कि देव तालाब के दर्शन से चारों धाम की यात्रा पूर्ण हो जाती है यहां प्रतिवर्ष तीन मेलों का आयोजन किया जाता है और इसी आस्था से हजारों लाखों श्रद्धालु यहां पर शिव दर्शन के लिए आते हैं।
संभार:- rewariyasat.com
ऐसा कहा जाता है कि जब सुबह लोगों ने देखा तो यहां पर एक विशाल मंदिर बना हुआ मिला था लेकिन यह किसी ने नहीं देखा कि मंदिर का निर्माण कब, किसने और कैसे किया।
पूर्वजों के बताए अनुसार मंदिर के साथ यहां पर एक अलौकिक शिवलिंग की भी उत्पत्ति हुई थी यह शिवलिंग रहस्यमय है एवं दिन में 4 बार रंग बदलती है
मान्यता है कि शिव के परम भक्त महर्षि मार्कंडेय देवतालाब में शिव के दर्शन की जिद में आराधना में लीन थे और स्वयं शिव ने महर्षि को दर्शन देने हेतु एवं उनकी पूजा अर्चना हेतु यहां पर मंदिर बनाने के लिए भगवान विश्वकर्मा को आदेशित किया था उसके उपरांत रातोंरात यहां पर एक विशाल मंदिर का निर्माण हो गया एवं शिवलिंग की स्थापना भी हुई। एक ही पत्थर से निर्मित यह अद्भुत मंदिर है इस मंदिर में आपको कहीं भी जोड़ नहीं दिखेगा।
ऐसी मान्यता भी है कि इस मंदिर के नीचे शिव का एक दूसरा मंदिर भी है और इसमें चमत्कारी मणि मौजूद है। कई वर्षों पूर्व मंदिर के तहखाने से लगातार सांप एवम बिच्छुओं के निकलने की वजह से मंदिर का दरवाजा बंद कर दिया गया था। मंदिर के ठीक सामने एक गढी मौजूद थी यहां का राजा नास्तिक था। माना जाता है कि राजा लगातार इस मंदिर को गिरवाने का प्रयत्न कर रहा था। इस हेतु जब राजा ने पूर्ण योजना बनाई कि वह इस मंदिर को गिरवा देगा तब वह उसी वक्त पूरे राजवंश के साथ जमीन में दबकर यमलोक को प्राप्त हो गया।
इस शिवलिंग के अलावा यहां पर रीवा रियासत के महाराजा द्वारा चार अन्य मंदिरों का निर्माण कराया गया था।
ऐसा माना जाता है कि देव तालाब के दर्शन से चारों धाम की यात्रा पूर्ण हो जाती है यहां प्रतिवर्ष तीन मेलों का आयोजन किया जाता है और इसी आस्था से हजारों लाखों श्रद्धालु यहां पर शिव दर्शन के लिए आते हैं।
संभार:- rewariyasat.com
No comments
सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com