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10 रुपए का सिक्का लेने से इनकार करना पड़ेगा महंगा, हो सकता है राजद्रोह का केस 

पीलीभीत : बरेली के पुलकित शर्मा के पास 10 रुपये के सिक्कों का ढेर लग गया था क्योंकि दुकानदार यह सिक्का लेने से इनकार करने लगे थे, लेकिन उन्होंने सिक्का लेना बंद नहीं किया था। कई सारे सिक्के जमा हो जाने के कारण वह चिंतित होने लगे थे। अब उनकी चिंताएं कम हो जानी चाहिए। शनिवार को पीलीभीत के डीएम ने कहा कि 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार करने पर राजद्रोह लग सकता है। इन दिनों फेसबुक और वॉट्सऐप पर तमाम अफवाहें फैलने लगी थीं कि 10 रुपये का सिक्का अब नहीं चलेगा।

डीएम मासूम अली सरवर ने कहा, '10 रुपये का सिक्का राष्ट्रीय करेंसी है और भारत सरकार धारक को करेंसी का मूल्य देने का वचन देती है। रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार भारतीय मुद्रा को लेने से कोई भी दुकानदार या अन्य कोई व्यक्ति लेने से इनकार करता है तो उस पर भारतीय मुद्रा अपमान अधिनियम के तहत राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हो सकता है और इसके लिए उसे जेल तक जाना पड़ सकता है।'

पिछले 2-3 महीनों से यूपी के कई जिलों में यह अफवाहें चल रही थीं कि 10 रुपये का सिक्का बंद कर दिया गया है। इसके बाद कई दुकानदारों ने 10 रुपये के सिक्के को लेना बंद कर दिया। 20 सितंबर को रिजर्व बैंक ने स्पष्ट कर दिया कि यह सिक्का बंद नहीं हुआ है और अगर कोई भी व्यक्ति इसे लेने से इनकार करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी। हालांकि इसके बाद भी यूपी के कई जिलों में दुकानदारों, ऑटोरिक्शेवालों ने सिक्का लेना नहीं शुरू किया। यूपी के अलावा हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में भी ऐसी अफवाहें चलीं।

कई इलाकों में लोगों ने बैंक में इस सिक्के को जमा कराने के लिए लाइन लगानी शुरू कर दीं। आगरा में बैंकों के लीड मैनेजर पंकज सक्सेना ने बताया, 'रिजर्व बैंक ने 10 रुपये को वापस लेने संबंधी कोई घोषणा नहीं की है। 10 रुपये का सिक्का बंद नहीं हुआ है। अगर कोई सिक्का लेने से इनकार करता है तो उस के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है।'

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