-->

Breaking News

टैल्गो ट्रेन का फाइनल ट्रायल सफल, 4 घंटे पहले तय किया दिल्ली से मुंबई का सफर

नई दिल्ली: दिल्ली से मुंबई के बीच चलने वाली सुपरफास्ट टेल्गो ट्रेन का फ़ाइनल ट्रायल शनिवार को किया सफलतापूर्वक किया गया. दिल्ली से मुंबई के सफर को ट्रेन ने 11.48 घंटे में पूरा कर लिया. इस ट्रेन को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया गया और इस 12 घंटे से कम समय में दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी तय करनी थी. पिछले ट्रायल में ट्रेन निर्धारित गति पकड़ने में सफल नहीं हो पाई थी और 18 मिनट की देरी से पहुंची थी.

जानकारी के लिए बता दें कि अभी राजधानी ट्रेन दिल्ली-मुंबई के बीच 16 घंटे का समय लेती है.

टैल्गो ट्रेन को शनिवार 2 बजकर 45 मिनट पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया था. टैल्गो ट्रेन स्पेन में बनी है और भारतीय पटरियों और माहौल के अनुकूल है. यह ट्रेन भारतीय ट्रेनों के मुकाबले काफी हल्की है और तेज गति से चल सकती है. ट्रेन का ट्रायल कंपनी अपने खर्चे पर भारत में कर रही है. यदि प्रयास और प्रयोग सफल होते हैं तो भारत में यह ट्रेन जल्द पटरियों पर यात्री सेवा के लिए उपलब्ध होगी.

- दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी 1,384 km है। तीसरे ट्रायल में ट्रेन को रात 2.57 बजे पहुंचना था, लेकिन वह 3.15 बजे पहुंची थी। इस दौरान ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 150kmph रही।
- टैल्गो का पहला ट्रायल उत्तर प्रदेश के बरेली-मुरादाबाद खंड के बीच कराया गया था।
- दूसरा ट्रायल नॉर्थ-सेंट्रल रेलवे के पलवल-मथुरा खंड के बीच हुआ था।
- पिछले 3 ट्रायल में टैल्गो इस स्पीड तक नहीं पहुंच पाई थी।

130-40 kmph पर हुए थे पिछले टेस्ट
- टैल्गो के पिछले ट्रायल 130-40 किमी प्रति घंटा की स्पीड से किए गए। जबकि अभी तक देश में राजधानी एक्सप्रेस एवरेज स्पीड 90-100 kmph और शताब्दी ट्रेन की 80-90 kmph होती है।
- बता दें कि टैल्गो की एवरेज स्पीड 90-100 kmph और मैक्सिमम स्पीड 130-150 kmph होती है।
- टैल्गो में हल्के कोच लगे हुए हैं, जिनका मकसद दिल्ली से मुंबई की जर्नी के वक्त को 4 घंटे तक कम करना है। अभी राजधानी एक्सप्रेस को इस दूरी को तय करने में 16 घंटे लगते हैं।

टैल्गो के स्पेनिश कोचों में मिलेगी ये फैसिलिटी
- भारतीय कोचों में पहियों के बीच कमानी और सामान्य शॉकर होते हैं, जबकि टैल्गो कोच में शॉकर में हाइड्रॉलिक पावर होने के कारण तेज स्पीड में भी न तो झटके लगते हैं, न वाइब्रेशन होता है।
- डिस्क ब्रेक होने से तुरंत रोकने पर भी ट्रेन बिना झटके के रुक जाती है।
- वैक्यूम टॉयलेट हैं, चेयर कार में 36 और एग्जीक्यूटिव में 27 सीटें हैं।
- दोनों सीटों के बीच लेग स्पेस भारतीय ट्रेनों की तुलना में तीन इंच ज्यादा है।
- 4 सीटों के बीच में एक एलईडी टीवी लगी है। सुनने के लिए हर सीट पर ईयरफोन प्लग है।

तीखे मोड़ पर भी पूरी रफ्तार से दौड़ेगी टैल्गो
- हाईस्पीड टैल्गो ट्रेन को किसी कर्व पर दूसरी ट्रेनों की तरह रफ्तार कम करने की जरूरत नहीं होगी।
- ऐसा इसलिए पॉसिबल होगा, क्योंकि इसके कोच में सिर्फ 2 ही व्हील हैं, जबकि भारतीय ट्रेनों में एक कोच में 8 व्हील होते हैं।
- व्हील के बीच कोई एक्सल नहीं है। टैल्गो के हर व्हील में इंडिविजुअल पावरिंग सिस्टम है, ऐसे में प्रत्येक व्हील को रोकने और घुमाने में आसानी होती है।

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com