शिक्षक दिवस: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज बनेंगे 'सर', पढ़ाएंगे बच्चों को भारतीय इतिहास
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिक्षक दिवस के मौके पर सोमवार को दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाएंगे। राष्ट्रपति भवन स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में राष्ट्रपति शिक्षक की भूमिका में नजर आएंगे। इस बार का विषय होगा भारतीय राजनीति का विकास। बीते साल भी राष्ट्रपति ने बबच्चों को पढ़ाया था।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिक्षक दिवस पर बच्चों से अपने स्कूल के दिनों के अनुभव बांटे थे। इस बार वो जी-20 समूह में हिस्सा लेने चीन गए हुए हैं इसलिए बच्चों से रूबरू नहीं हो पाएंगे।
यूं तो राष्ट्रपति का इतिहास प्रिय विषय है लेकिन राजनीति के वे मंझे खिलाड़ी रह चुके हैं और शायद यही वजह है कि वह 11 और 12 के बच्चों को भारतीय राजनीति के विकास के बारे में पढ़ाएंगे। पिछले साल दिल्ली में बच्चे सर मुखर्जी से बहुत प्रभावित हुए थे। बच्चों से अपने अनुभव बांटते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि वह जीवन में जो कुछ भी कर पाए हैं वह उनकी मां की वजह से कर पाए हैं।
शिक्षक दिवस डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस के तौर पर मनाते हैं जो शिक्षक थे लेकिन बाद में राष्ट्रपति बने। शिक्षक दिवस पर इस तरह के चलन की शुरुआत आप सरकार ने की है और ये आइडिया मूल रूप से तो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का है। आप अब सरकार ने इसे अपने शिक्षक बनिए (बी ए टीचर) कार्यक्रम का हिस्सा बना लिया है। इस कार्यक्रम के तहत देश की प्रमुख हस्तियों को दिल्ली सरकार बच्चों से अपने अनुभव साझा करने का मौक़ा देती है जो एक क्लास की शक्ल में होता है।
पिछले साल अपने अनुभव सुनाते हुए हुए प्रणब मुखर्जी ने बच्चों को बताया कि वो पढ़ाई में बहुत तेज नहीं थे। साथ ही उनका स्कूल भी घर से बहुत दूर था और उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे। उनका कहना था राष्ट्रपति महोदय ने शिक्षा की अहमियत बताने का श्रेय अपनी मां को दिया और कहा कि शिक्षा का कोई विकल्प नहीं होता।
भारत के राजनीतिक विकास विषय पर राष्ट्रपति की ये क्लास एक घंटे की होगी। इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा, जिससे राष्ट्रपति से देश के बाकी हिस्सों में भी बच्चे और शिक्षक रूबरू हो सकें। मुखर्जी सर की क्लास सुबह 10 बजे शुरू होगी।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिक्षक दिवस पर बच्चों से अपने स्कूल के दिनों के अनुभव बांटे थे। इस बार वो जी-20 समूह में हिस्सा लेने चीन गए हुए हैं इसलिए बच्चों से रूबरू नहीं हो पाएंगे।
यूं तो राष्ट्रपति का इतिहास प्रिय विषय है लेकिन राजनीति के वे मंझे खिलाड़ी रह चुके हैं और शायद यही वजह है कि वह 11 और 12 के बच्चों को भारतीय राजनीति के विकास के बारे में पढ़ाएंगे। पिछले साल दिल्ली में बच्चे सर मुखर्जी से बहुत प्रभावित हुए थे। बच्चों से अपने अनुभव बांटते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि वह जीवन में जो कुछ भी कर पाए हैं वह उनकी मां की वजह से कर पाए हैं।
शिक्षक दिवस डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस के तौर पर मनाते हैं जो शिक्षक थे लेकिन बाद में राष्ट्रपति बने। शिक्षक दिवस पर इस तरह के चलन की शुरुआत आप सरकार ने की है और ये आइडिया मूल रूप से तो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का है। आप अब सरकार ने इसे अपने शिक्षक बनिए (बी ए टीचर) कार्यक्रम का हिस्सा बना लिया है। इस कार्यक्रम के तहत देश की प्रमुख हस्तियों को दिल्ली सरकार बच्चों से अपने अनुभव साझा करने का मौक़ा देती है जो एक क्लास की शक्ल में होता है।
पिछले साल अपने अनुभव सुनाते हुए हुए प्रणब मुखर्जी ने बच्चों को बताया कि वो पढ़ाई में बहुत तेज नहीं थे। साथ ही उनका स्कूल भी घर से बहुत दूर था और उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे। उनका कहना था राष्ट्रपति महोदय ने शिक्षा की अहमियत बताने का श्रेय अपनी मां को दिया और कहा कि शिक्षा का कोई विकल्प नहीं होता।
भारत के राजनीतिक विकास विषय पर राष्ट्रपति की ये क्लास एक घंटे की होगी। इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा, जिससे राष्ट्रपति से देश के बाकी हिस्सों में भी बच्चे और शिक्षक रूबरू हो सकें। मुखर्जी सर की क्लास सुबह 10 बजे शुरू होगी।
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