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पाक सीमा के अंदर हमलों की अनुमति चाहती हैं भारतीय सेना

कश्मीर : आतंकी हमले में जवानों की मौत के बाद देशभर में आक्रोश है। जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में यूनिट पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सेना अब पाकिस्तान से लगती 778 किलोमीटर लंबी एलओसी सीमा पर अपना रुख कड़ा करने की तैयारी में है। भारतीय सेना एलओसी पर तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग कर सकती है। यही नहीं भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे। सुरक्षा बलों का मानना है कि सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के मुख्यालय पर रविवार की सुबह हुए आतंकी हमले के बाद देश गुस्से में है. इस हमले से कैसे निपटा जाए और इसका जवाब कैसे दिए जाए इसे लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हाईलेवल मीटिंग हो रही है. दूसरी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर श्रीनगर और उरी दौरे के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस हमले की रिपोर्ट सौंपेंगे. राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी से मिलेंगे.

LIVE UPDATE:

# बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं

# बैठक में शामिल होने के लिए आईबी चीफ, सेना अध्यक्ष और डीजीएमओ पहुंच चुके हैं.

# राजनाथ सिंह के आवास पर मीटिंग जारी है

आपको बता दें कि उरी में हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 19 जख्मी हुए हैं, जिनमें 8 की हालात काफी नाजुक है. आज शहीद 17 जवानों को श्रीनगर में सेना के बादामी बाग कैंप में श्रद्धांजलि दी जाएगी.

डीजीएमओ ले. जनरल रणबीर सिंह ने रविवार को कहा कि ये हमला पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया है और इस संगठन के 12 आतंकी अब भी जम्मू-कश्मीर में घूम रहे हैं. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उरी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के साफ संकेत हैं.

राजनाथ की हाईलेवल मीटिंग

गृह मंत्री ने अपने आवास पर 10 बजे मीटिंग बुलाई है, उसमें गृह सचिव, रक्षा सचिव, एनएसए, आईबी, रॉ, सीआरपीएफ के डीजी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में रक्षा मंत्री पर्रिकर भी शामिल होंगे.

मोदी को देंगे रिपोर्ट

उरी हमले के तुरंत बाद रक्षा मंत्री पर्रिकर ने श्रीनगर और उरी का दौरा किया. अब वो दिल्ली लौट चुके हैं. आज पर्रिकर इस हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट देंगे.

3 मिनट में 17 ग्रेनेड, 17 जवान शहीद , उरी हमले की पूरी कहानी

रात को जब जवान अपने बैरक में सो रहे थे तभी आतंकियों ने सेना के 12 ब्रिगेड के इस कैंप पर हमला किया . एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी इस तरह की कटीली तारों को काट कर अंदर दाखिल हुए थे . कैंप के तीन तरफ से इस तरह का नाला है जिसे पार कर आतंकी यहां पहुंचे और फिर दीवार के ऊपर लगी कटीली तारों को काटकर अंदर घुस गये .

सुबह करीब पांच बजे का वक्त जब कैंप के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में घुसते ही आतंकियों ने पहले तीन मिनट में 17 ग्रेनेड फेंके . और फिर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे . आतंकियों ने जिस वक्त जवानों पर हमला किया वो वक्त ड्यूटी की अदला बदली का था . कुछ जवान सुबह ड्यूटी ज्वाइन करने की तैयारी कर रहे थे जबकि कुछ जवान बैरक में सो रहे थे .

 जवानों के पास नहीं था कोई हथियार
मिली जानकारी के मुताबिक ड्यूटी पर जाने वाले जवान तेल के टैंक से गैलन में डीजल भर रहे थे . इस वक्त उनके पास कोई हथियार भी नहीं था और फिर आतंकियों ने इसी समय जो ग्रेनेड फेंके उससे बैरक और टेंट के डेढ़ सौ मीटर एरिए में आग लग गई .

आसमान में उठता ये काला धुआं उसी का बताया जा रहा है . इसी आग में 13 जवान जिंदा जल गए . जबकि 32 जवान आग में जख्मी भी बताये जा रहे हैं .आतंकियों के पास मिले नक्शे के मुताबिक वो पूरी प्लानिंग के साथ इस एरिया में घुसे थे. उनकी मंशा बिना हथियार वाले जवानों को ही निशाना बनाने की थी. सोए हुए जवानों के बाद एडमिनिस्ट्रेटिव एरिया के पास मेडिकल यूनिट को आतंकी निशाना बनाना चाहते थे.  इसके बाद उनका प्लान अधिकारियों के मेस में घुस कर तबाही मचाने का था.

19 साल के जवान की बहादुरी के आगे आतंकियों ने घुटने टेके
मारे गए आतंकियों के पास से हथियार और बाकी जो सामान मिले हैं उसको देखने से लगता है कि आतंकी लंबी लड़ाई की तैयारी के साथ घुसे थे . लेकिन 19 साल के एक डोगरा रेजीमेंट के जवान की बहादुरी के आगे आतंकियों ने कुछ घंटों में ही घुटने टेक दिये . जिस जवान ने बहादुरी के साथ एक आतंकी को काबू में ले लिया उसे भी गोली लगी है .

इसी जवान की बहादुरी की बदौलत बाकी के तीन आतंकियों को भी जवानों ने एक कोने में कैद कर दिया . सभी आतंकी मारे गये लेकिन इस जगह पर मुठभेड़ में चार जवान आतंकियों की गोली से शहीद भी हो गये .

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