नोएडा के अर्जुन ने 8000 मीटर ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा
अर्जुन वाजपेयी ने आज विश्व की छठी सबसे ऊंची छोटी चो यू फतह कर ली है। 8000 मीटर से भी ऊंची 5 चोटियों को फतह करने वाले अर्जुन विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए हैं।
मंगलवार सुबह 6:15 बजे अर्जुन ने चो यू पर पहुंचकर तिरंगा लहराया। यह अभियान करीब एक महीने तक चला। नोएडा के सेक्टर 51 निवासी अर्जुन माउन्ट एवरेस्ट, मकालू, ल्होत्से और मनाशलु चोटी पर चढ़ाई कर चुके हैं। अर्जुन एक हफ्ते में नोएडा लौट आएंगे।
वाजपेयी चार सितंबर को रवाना हुए थे। मई में उन्होंने विश्व की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी पर फतह कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। अब तक अर्जुन विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट सहित 8000 मीटर ऊंची तीन और चोटियों पर फतह कर चुके हैं। चो-यू चोटी पर चढ़ाई के लिए अर्जुन का यह दूसरा प्रयास होगा। इससे पहले वे साल 2012 में भी एक बार ये प्रयास कर चुके हैं। लेकिन उस वक्त वे सफल नहीं हो पाए थे। वे उस दौरान 3 दिन तक बर्फीले तूफान में फंसे थे, इसलिए अपना लक्ष्य नहीं पा सके और उन्हें नीचे आना पड़ा।
अर्जुन सोमवार की रात अपने दल के साथ पर्वत के कैंप पर पहुंच गए थे। इस अभियान में अर्जुन बिना ऑक्सीजन के शामिल हुए और ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी चोटी पर चढ़ाई में ऑक्सीजन का उपयोग नहीं किया गया। वे पहले भारतीय हैं जिन्होंने बगैर ऑक्सीजन के ये सफर तय किया। तय समय अनुसार ही अर्जुन ने मंगलवार सुबह ये जीत हासिल की। दरअसल, पहले कहा गया था कि अर्जुन सुबह 9 बजे तक पर्वत पर होंगे, लेकिन देर रात मौसम में थोड़ी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हुआ।
अर्जुन का सफर
अभियान की सफलता के लिए अर्जुन प्रतिदिन 5-6 घंटे का अभ्यास करते थे। अभियान की सफलता के लिए अर्जुन दिल्ली के धौलाकुआं स्थित इंडियन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट में प्रतिदिन 5-6 घंटे अभ्यास करते थे। इसमें शरीर को फिट रखने पर विशेष ध्यान देना होता है। साल 2013 में अर्जुन का चढ़ाई के दौरान शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था। किसी तरह उनकी जान बच पाई थी। इसके बाद करीब 3 महीने तक उनका इलाज चला था। अर्जुन के पिता एसके वाजपेयी ने बताया कि चो-यू पर चढ़ाई की तैयारी चल रही है। सितंबर के पहले सप्ताह में अभियान शुरू होगा।
अर्जुन की उपलब्धियां :
-माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाले देश के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही (2010 में यह उपलब्धि हासिल की)
-मनासलु, मकालु व ल्होत्से व माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाले विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
-विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी ल्होत्से पर चढ़ाइ करने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
-विश्व की आठवीं सबसे ऊंची चोटी मनास्लु पर फतह करने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
-विश्व की पांचवी सबसे ऊंची चोटी मकालु पर फतह करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय
चो-यू पर एक नजर :
-चीन-नेपाल बॉर्डर पर स्थित है चोटी
-इस चोटी पर पहली बार 1954 में हर्बट टिची ने चढ़ाई की
-1959 में चढ़ाई करते हुए चार लोगों की मौत हिमपात से हुई
मंगलवार सुबह 6:15 बजे अर्जुन ने चो यू पर पहुंचकर तिरंगा लहराया। यह अभियान करीब एक महीने तक चला। नोएडा के सेक्टर 51 निवासी अर्जुन माउन्ट एवरेस्ट, मकालू, ल्होत्से और मनाशलु चोटी पर चढ़ाई कर चुके हैं। अर्जुन एक हफ्ते में नोएडा लौट आएंगे।
वाजपेयी चार सितंबर को रवाना हुए थे। मई में उन्होंने विश्व की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी पर फतह कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। अब तक अर्जुन विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट सहित 8000 मीटर ऊंची तीन और चोटियों पर फतह कर चुके हैं। चो-यू चोटी पर चढ़ाई के लिए अर्जुन का यह दूसरा प्रयास होगा। इससे पहले वे साल 2012 में भी एक बार ये प्रयास कर चुके हैं। लेकिन उस वक्त वे सफल नहीं हो पाए थे। वे उस दौरान 3 दिन तक बर्फीले तूफान में फंसे थे, इसलिए अपना लक्ष्य नहीं पा सके और उन्हें नीचे आना पड़ा।
अर्जुन सोमवार की रात अपने दल के साथ पर्वत के कैंप पर पहुंच गए थे। इस अभियान में अर्जुन बिना ऑक्सीजन के शामिल हुए और ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी चोटी पर चढ़ाई में ऑक्सीजन का उपयोग नहीं किया गया। वे पहले भारतीय हैं जिन्होंने बगैर ऑक्सीजन के ये सफर तय किया। तय समय अनुसार ही अर्जुन ने मंगलवार सुबह ये जीत हासिल की। दरअसल, पहले कहा गया था कि अर्जुन सुबह 9 बजे तक पर्वत पर होंगे, लेकिन देर रात मौसम में थोड़ी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हुआ।
अर्जुन का सफर
अभियान की सफलता के लिए अर्जुन प्रतिदिन 5-6 घंटे का अभ्यास करते थे। अभियान की सफलता के लिए अर्जुन दिल्ली के धौलाकुआं स्थित इंडियन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट में प्रतिदिन 5-6 घंटे अभ्यास करते थे। इसमें शरीर को फिट रखने पर विशेष ध्यान देना होता है। साल 2013 में अर्जुन का चढ़ाई के दौरान शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था। किसी तरह उनकी जान बच पाई थी। इसके बाद करीब 3 महीने तक उनका इलाज चला था। अर्जुन के पिता एसके वाजपेयी ने बताया कि चो-यू पर चढ़ाई की तैयारी चल रही है। सितंबर के पहले सप्ताह में अभियान शुरू होगा।
अर्जुन की उपलब्धियां :
-माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाले देश के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही (2010 में यह उपलब्धि हासिल की)
-मनासलु, मकालु व ल्होत्से व माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाले विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
-विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी ल्होत्से पर चढ़ाइ करने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
-विश्व की आठवीं सबसे ऊंची चोटी मनास्लु पर फतह करने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही
-विश्व की पांचवी सबसे ऊंची चोटी मकालु पर फतह करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय
चो-यू पर एक नजर :
-चीन-नेपाल बॉर्डर पर स्थित है चोटी
-इस चोटी पर पहली बार 1954 में हर्बट टिची ने चढ़ाई की
-1959 में चढ़ाई करते हुए चार लोगों की मौत हिमपात से हुई
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