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संसद में आज भी हंगामे के आसार, राज्‍यसभा में आज चर्चा के बाद हो सकती है वोटिंग

नई दिल्‍ली : देश में 1000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय से आम आदमी को हो रही परेशानी को लेकर विपक्ष अपने तीखे तेवर को जारी रखते हुए सरकार पर निरंतर प्रहार कर रही है। नोटबंदी मामले पर संसद में शुक्रवार को भी हंगामे के आसार हैं। लोकसभा और राज्यसभा में आज भी हंगामे के आसार हैं। राज्यसभा में नोटबंदी पर बुधवार को शुरु हुई लेकिन भारी हंगामे के बाद कल दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा। वहीं, राज्‍यसभा में आज नोटबंदी पर चर्चा के बाद वोटिंग हो सकती है। बता दें कि वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने साफ किया है कि मोदी सरकार वोटबंदी के फैसले को वापस नहीं लेगी। इस मसले पर न ही संयुक्‍त संसदीय समिति (जेपीसी) बनेगी।

गौर हो कि नोटबंदी के मुद्दे पर गुरुवार को हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर बाधित रही। इस मुद्दे पर लोकसभा में मत विभाजन के नियम के तहत चर्चा कराने की मांग और राज्यसभा में चर्चा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सदन में उपस्थिति की मांग को लेकर विपक्ष ने भारी हंगामा किया।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मतदान वाले नियम के तहत इस मुद्दे पर चर्चा करने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया और इस मुद्दे पर हंगामे के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब साढ़े बारह बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा होने के बाद विपक्ष इस मांग पर अड़ गया कि चर्चा के दौरान सदन में प्रधानमंत्री उपस्थित रहें। इसके चलते हुए हंगामे के कारण पांच बार के स्थगन के बाद अंतत: अपराहन करीब सवा तीन बजे कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।

नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में चर्चा पर प्रधानमंत्री से जवाब देने की विपक्ष की मांग सरकार ने खारिज कर दी और आरोप लगाया कि विपक्षी दल इस विषय पर चर्चा को बाधित करने के बहाने तलाश रहे हैं क्योंकि यह उनके खिलाफ जा रहा है। सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि सदन के नियमों और स्थापित चलन के मुताबिक सरकार की ओर से चर्चा का जवाब संबंधित मंत्री या कोई अन्य व्यक्ति देंगे। नायडू ने कहा कि (राज्यसभा में) आधी चर्चा हो जाने के बाद उन्हें लगा कि इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और उल्टा पड़ने जा रहा है। अब मुझे लगता है कि क्या वे इससे बाहर आने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं और इसके मद्देनजर चर्चा बाधित कर रहे हैं।

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